बीकानेर। आचार्य तुलसी के 19 वें महाप्रयाण दिवस आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रभात फेरी निकाली गई। गंगाशहर स्थित तेरापंथ भवन से शुरू हुई प्रभात फेरी नैतिकता के शक्ति पीठ पर पहुंची। प्रभात फेरी में आचार्य तुलसी के जीवन वृत से सम्बधित लेख पेश किंया व बैंड-बाजों पर बज रही धार्मिक धुनों पर भक्ति से सराबोर लोगों ने भजन आदि गाकर लोगों का मन मोह लिया।
सुबह नौ बजे नैतिकता के शक्ति पीठ पर भावांजलि कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत मुनि पीयूष कुमार ने सामूहिक जप करवा कर की। इसके बाद तेरापंथ महिला व कन्या मण्डल, भीनासर ने मंगलाचरण किया। भावांजलि कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मुनि श्रेयांश कुमार ने बताया कि रग-रग में रमयो तुलसी नाम, मन-मन में है तुलसी रो नाम। साध्वी कुशलविभा ने आचार्य तुलसी के योगदान व उत्थान को याद करते हुए उनकी महिमा को बताया। उन्होंने कहा कि अगर आचार्य तुलसी को मन से याद किया जाए तो यह अहसास होगा कि वे हमारे बीच जिंदा है। साध्वी जिनबाला ने कहा कि जिस प्रकार फूल आते हैं और मुरझा कर चले जाते हैं, उसी प्रकार मनुष्य का जीवन आता है और चला जाता है। मगर कुछ संत ऐसे होते जो हमेशा अमर रहते हैं। उनमें प्रमुख नाम आचार्य तुलसी का रहेगा। भावांजलि कार्यक्रम में मुनि पीयूष कुमार ने कहा कि आचार्य तुलसी की जब चर्चा होती है तब एक तथ्य बाहर निकल कर आता है कि एक व्यक्ति इतना सक्षम और उभर के आता है, जो एक आश्चर्य का प्रतीत होता है। उन्होंने बताया कि लोगों में जो मस्तिष्क होता है उसका बहुत ज्यादा उपयोग हो सकता है लेकिन मस्तिष्क में होने वाले विकरण के कारण वह उसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। चिंतन, निर्णय और क्रियान्वयन में देरी नहीं होनी चाहिए। देरी होने से रस नहीं आता है। तुलसी स्मरण करने से जल्दी विश्वास और जुड़ाव हो जाता है। लोग जो संकल्प लेते हैं, उसे धीरे-धीरे और निरंतर आगे बढ़ाना चाहिए। ये करने से आचार्य तुलसी आपके भीतर विद्यमान हो जाते हैं। उनके दिए गए विचार धारण करने से हम वैचारिक उत्तराधिकारी बन जाते हैं। मुनि पीयूष कुमार ने दूसरी चीजों को विसर्जन करने और आचार्य तुलसी को अपनाने का संदेश कार्यक्रम में मौजूद लोगों को दिया। जैन विश्व भारती संस्थान की कुलपति समणी चारित्रप्रज्ञा ने कहा कि आचार्य तुलसी का जीवन हर एक पल, हर एक क्षण,एक ध्यान से जुड़ा था। वे समय का विशेष ध्यान रखते थे। वे सबके साथ स्वयं भी नियमों का पालन करते थे। बुरी आदतों का विसर्जन करने से उनकी सच्ची श्रृद्धांजलि होगी। मुनि शांति कुमार ने कहा कि आचार्य तुलसी ने जैन धर्म को जन धर्म बनाया। उन्होंने व्यक्ति हित, समाज हित, वर्ग हित के साथ राष्ट्र हित में कई अनुकरणीय कार्य किए। आचार्य तुलसी ने हमेशा व्यक्ति निर्माण की बात करते हुए लोगों को अपनी गल्तियां सुधारने के लिए और संतों को आगे बढऩे की प्रेरणा देते रहे थे। हमें उनके गुणों का स्मरण करते हुए व्यसन मुक्त और प्रसार मुक्त होना चाहिए। साध्वी श्रीजीबाला, साध्वी संकल्प, साध्वी डॉ.निर्मलयशा ने आचार्य तुलसी के जीवन पर प्रकाश डाला।
भावांजलि कार्यक्रम में मौजूद सांसद अर्जुनराम ने कहा कि हजारों वर्षों में आचार्य तुलसी जैसे महान विद्वान जन्म लेते हैं। कार्यक्रम में मौजूद लोगों से उन्होंने कहा कि अगर वे बुरी आदतों का विसर्जन करें तो सच्चे मन से करें दिखावे से नहीं । साथ ही उन्होंने संकल्प लिया कि वे भी जनता की सेवा सच्चे मन से और पूरी ईमानदारी के साथ करेंगे। कार्यक्रम में आचार्य तुलसी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस नेता डॉ.बी.डी.कल्ला ने कहा कि आचार्य तुलसी सत्य, अहिंसा में विश्वास करते थे। वे त्यागी, तपस्वी और ओजस्वी थे। उन्होंने तेरापंथ, भगवान महावीर के विचारों और गुणों को जन-जन तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि प्रेक्षाध्यान और अणुव्रत सिद्धान्त को अपनाएं। जिससे व्यक्ति का जीवन सफल हो जाएगा। कार्यक्रम में अनुपचन्द बोथरा, जिला उद्योग केन्द्र के आर.के.सेठिया, जतनलाल दुग्गड़, बालकिशन बैद, मनीष बाफना, सम्पतलाल नाहटा, पी.सी.तातेड़, लूणकरण छाजेड़, मोहनलाल सेठिया, अरविन्द गोठी, महेन्द्र बैद, सुरपत बोथरा सहित जैन समाज के कई जनों ने आचार्य तुलसी के बताए मार्ग पर चलने का आहवान किया। ष्षांति प्रतिष्ठान के जेठमल बोथरा, अनूपचन्द बोथरा, महावीर रांका, विजेन्द्र ,मनीष छाजेड, पीयूष लूणिया सहित तेयु पके सदस्यों़ ने आचार्य तुलसी कैंसर रिर्सच सेन्टर व अस्पताल में रोगियों को फल वितरण किए!
आचार्य तुलसी इन्टरनेट रेडियो का लोकार्पण
इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद अतिथि सासंद अर्जुनराम मेघवाल, डॉ.बी.डी.कल्ला, सम्पत नाहटा, अरविन्द गोठी ने आचार्य तुलसी के नाम से वेबसाइट और एन्ड्रोइड एप्लीकेशन का लोकार्पण किया। इस वेबसाइट और एप्लीकेशन पर चौबिसों घंटे आचार्य तुलसी के भजन और उपदेश सुने जा सकते हैं। शनिवार शाम को इस वेबसाइट का सीधा प्रसारण किया जाएगा। वेबसाइट और एप्लीकेशन तैयार करने वाले यज्ञा कम्प्यूटर के निदेशक भगवती प्रसाद सोनी ने बताया कि आचार्य तुलसी और शांति प्रतिष्ठान के महामंत्री लूणकरण छाजेड़ की प्रेरणा से यह दोनों साफ्टवेयर तैयार किए गए हैं।