दिव्यांगजन के सर्वांगीण विकास के लिए उठाए जायेंगे हरसंभव कदम :  गुर्जर

बीकानेर । केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि दिव्यांगजन के सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव कदम उठाकर, उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जायेगा।

गुर्जर शनिवार को राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज ग्राउण्ड में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की एडिप (ऎसिसटेन्स टू डिसेबल पर्सन) योजनान्तर्गत भारत सरकार के उपक्रम कृत्रिम अंग उपकरण निर्माण निगम (एलिम्को) कानपुर द्वारा दिव्यांगजनो को कृत्रिम अंग, सहायक उपकरणों के निःशुल्क वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। श्री गुर्जर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश में ऎसे हजारों कैम्प लगाकर लगभग 6 लाख दिव्यांगजन को सहायक उपकरण बांटे गए हैं। दिव्यांगजन के आवागमन की सुविधा के लिए सुगम्य भारत अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि पांच साल तक के लगभग 500 मूक बधिर बच्चों के लिए 6 लाख रूपये की लागत से उनका निशुल्क कोक्यूलर इम्पलान्ट करवाया गया है। एलिम्को का 200 करोड़ रूपये की लागत से आधुनिकीकरण किया गया है व यहां इंग्लैण्ड ,जर्मनी के सहयोग से अत्याधुनिक तकनीक के कृत्रिम अंग बनाए जा रहे हैं। दिव्यांगजन की सुविधा के लिए पूरे देश में उपयोगी यूनिक यूनिवर्सल आईकार्ड बनाया जायेगा। दिव्यांगताओं की सूची को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बीकानेर संसदीय क्षेत्र के सारे दिव्यांजन को आवश्यकतानुसार कृत्रिम अंग व उपकरण मिलें यह सुनिश्चित किया जायेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट अफेयर्स राज्य मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा एक पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के  बीकानेर व झालावाड़ जिलों को चयनित कर,वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क सहायक उपकरण दिए जायेंगे। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम अप्रेल माह में प्रस्तावित है। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई भी वरिष्ठ नागरिक इस शिविर का लाभ लेने से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि आज के शिविर में जो दिव्यांगजन सहायक उपकरण लेने से वंचित रह गए हैं,उन्हें भी इस शिविर में उपकरण दिए जायेंगे। उन्होंने बीकानेर में दिव्यांगजन हेतु आयोजित इस शिविर के सफल आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इससे दिव्यांगजनों का जीवन सुगम बन सकेगा।

विशेषयोग्यजन आयुक्त धन्नाराम पुरोहित ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजन के कल्याणार्थ अनेक योजना क्रियान्वित की जा रही हैं,जिनका उन्हें आशातीत लाभ हुआ है। महापौर नारायण चोपड़ा ने कहा कि जिले के दिव्यांगजन को कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण वितरित कर,अनुकरणीय कार्य किया गया है। जिला कलक्टर वेदप्रकाश ने कहा कि जिले में एडिप योजना के तहत दिव्यांगजनों को चिन्हित कर,उन्हें निःशुल्क कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण वितरित किए गए हैं,जिनसे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। संत नानक दास ने कहा कि दिव्यांगजन को उपकरण वितरण का काम अत्यंत पवित्र कार्य है।

उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एल डी पंवार ने बताया कि जिले में एलिम्को द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में एसेसमेंट शिविरों के माध्यम से चिन्हित490 दिव्यांगजनों को 861 कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण बांटे गए हैं।  इसके तहत 54 मोटराईज्ड ट्राईसाईकिल, 254 ट्राईसाईकिल, 47 व्हीलचेयर, 252 बैसाखी, 18 ब्लाईण्ड स्टिक, 26 वाकिंग स्टिक ,120 कैलीपर एवं प्रोस्थेसीज, 59 श्रवण यंत्र, 26 एम.एस आईईडी किट, 1 ब्रेल किट, 5 रोलटर आदि उपकरण दिव्यांगजनों को वितरित किए गए।  इस योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा कुल 55 लाख 44 हजार रूपये के उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि 25 हजार रूपए प्रति मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एडिप योजनान्तर्गत एवं 12 हजार रूपये प्रति मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल श्री अर्जुनराम मेघवाल ने स्थानीय सांसद निधि से एलिम्को को उपलब्ध करवाये हैं।

इस अवसर पर सेवाश्रम के विशेषयोग्य बच्चों ने गीत व नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन भीष्म कौशिक व जयश्री पारीक ने किया। इस अवसर पर दिव्यांगजन को सहायक उपकरणों का वितरण भी किया गया। अतिथियों ने एलडी पंवार,भीष्म कौशिक,पत्रकार के.के.सिंह,मुकेश भाटी,इनायत हुसैन को उल्लेखनीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया।

कार्यक्रम में राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य सुरजाराम नायक, एलिम्को के डीजीएम संजय सिंह,डॉ.सत्यप्रकाश आचार्य, सहीराम दुसाद,मोहन सुराणा, रामगोपाल सुथार,मधुरिमा सिंह , शिवकुमार रंगा,महेश तंवर,लक्ष्मण मोदी,अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) शैलेन्द्र देवड़ा सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन व आमजन उपस्थित थे।

भावना मेघवाल मेमोरियल ट्रस्ट का सामूहिक विवाह एवं प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित

बिहार के राज्यपाल श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि पीछे चलने वालों को हाथ पकड़कर आगे लाएं तथा आगे चलने वालों के साथ मिलकर आगे बढ़ें, इससे देश की सामाजिक समरसता को और अधिक बढ़ावा मिलेगा तथा भारत, दुनिया का सिरमौर बन जाएगा।

श्री कोविंद शनिवार को राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज मैदान में भावना मेघवाल मेमोरियल ट्रस्ट के सामूहिक विवाह एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम आगे बढ़ें, लेकिन पीछे वाले को भी साथ लेकर आएं। आगे बढ़ना हमारा लक्ष्य होना चाहिए, लेकिन कोई पीछे नहीं छूटे, इसका ध्यान रखना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति हमारे कईं दायित्व हैं। हमारी जन्मभूमि और इसकी मिट्टी के हम पर कर्ज हैं। आज हमने जो मुकाम हासिल किया है, इसमें हमारे राष्ट्र, समाज, परिवार और माता-पिता की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इनका कर्ज चुकाना हमारा पहला दायित्व है।

श्री कोविंद ने कहा कि सामाजिक समरसता किसी भी समाज की महत्त्वपूर्ण इकाई है। छोटी-छोटी बातों को आचरण में उतारने से घर-परिवार, स्वर्ग बन जाता है। उन्हाेंने बहू और बेटी में भेद नहीं करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान ऎसा ग्रन्थ है, जिससे देश के साथ-साथ समाज एवं परिवार चलता है। संविधान ने हमें कई अधिकार दिए हैं। शिक्षा का अधिकार इनमें से एक है। उन्होंने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि हम अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाएं।

बिहार के राज्यपाल ने भावना मेघवाल मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा किए जाने वाले सामाजिक सरोकारों के कार्यों को अनुकरणीय बताया तथा कहा कि सामूहिक विवाह समारोह में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष भूमिका निभाने वाले सभी लोग धन्यवाद के पात्र हैं, क्योंकि वे समाज सुधार के कार्य में भागीदार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने वाली बेटियों को सम्माानित किया जा रहा है, यह सभी के लिए प्रेरणादायी है।

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफेयर्स राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि सामाजिक समरसता से ही देश का उत्थान होता है। सामाजिक समरसता की शुरूआत परिवार से होती है। यहीं से यह समाज और देश तक पहुंचती है और देश, विश्व की महानतम् शक्ति बन सकता है। उन्होंने बाबा रामदेव, बाबा साहेब भीम राव आम्बेडकर और मीरा बाई को सामाजिक समरसता के प्रवर्तक बताया। उन्होंने ‘सगी थारी-म्हारी करणी सोरी’ लोकगीत के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश दिया।

श्री मेघवाल ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2006 से सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। ट्रस्ट द्वारा गत वर्ष तक 169 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया, जबकि इस बार 27 जोड़े परिणय सूत्र में बंध रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में दसवीं की परीक्षा में प्रथम तथा जिले में 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली एससी छात्रा को प्रतिवर्ष ‘भावना अवार्ड’ दिया जाता है। इसके अलावा जयपुर की कानोड़िया कॉलेज में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा को भी यह पुरस्कार दिया जाता है। ट्रस्ट के रविशेखर मेघवाल ने स्वागत उद्बोधन दिया।

इससे पहले भावना मेघवाल मेमोरियल ट्रस्ट की प्रधान ट्रस्टी पाना देवी मेघवाल ने बिहार के राज्यपाल तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सविता पुरी का अभिनंदन किया। पुखराज शर्मा के नेतृत्व में बालिकाओं ने स्वागत गीत की प्रभावमयी प्रस्तुति दी गई। बिहार के राज्यपाल ने ट्रस्ट को भगवान बुद्व की प्रतिमा भेंट की। ट्रस्ट की ओर से उन्हें विजय स्तम्भ का प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया।

मंच पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर, महापौर श्री नारायण चौपड़ा, कबीर पंथी  श्री नानकनाथ महाराज, एआईसीटी दिल्ली के वाइस चेयरमैन डॉ. एम. पी. पूनिया, ट्रस्टी एस. पी. आर्य, एन. एल. वर्मा मौजूद थे।

चार छात्राओं को मिला ‘भावना अवार्ड’

समारोह के दौरान बिहार के राज्यपाल एवं अन्य अतिथियों ने चार छात्राओं को ‘भावना अवार्ड’ से पुरस्कृत किया। दसवीं बोर्ड में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त कर राज्य में प्रथम स्थान पर रहने वाली अनुसूचित जाति वर्ग की छात्रा सवाईमाधोपुर की प्रियंका रमन, बारहवीं में 95.40 अंक प्राप्त कर जिले में प्रथम रहने वाली एससी की छात्रा कृतिक चंदन तथा दसवीं में 92.33 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिले में प्रथम रहने वाली भारती चाचड़ के अलावा कानोड़िया कॉलेज जयपुर में बीए टॉप करने वाली इस्मां खां को भावना अवार्ड से नवाजा गया। पुरस्कृत छात्राओं को ग्यारह हजार रूपये, स्मृति चिन्ह तथा प्रमाण-पत्र के साथ बाबा साहेब की 125वीं जयंती के अवसर पर भारत सरकार द्वारा जारी 125 और 10 रूपये के विशेष सिक्के भी भेंट किए गए।

इस अवसर पर भावना मेघवाल मेमोरियल ट्रस्ट की सुशीला देवी, मनीषा मेघवाल, अमित जनागल, सहीराम दुसाद, नंद किशोर सोलंकी, विजय आचार्य, बिहारी बिश्नोई, रामगोपाल सुथार, अशोक भाटी, सुरेन्द्र सिंह शेखावत, भंवर पुरोहित, हजारीमल सारस्वत सहित परिणय सूत्र में बंधने वाले दूल्हे-दुल्हन एवं उनके परिजन सहित बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा एवं दिलीप पड़िहार ने किया।