बद्रीनाथ धाम के कपाट आज ब्रह्मामुहूर्त में सवा 4 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए है। चार धामों में एक बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का निवास स्थल है। पुराणों में भी इस मंदिर का विशेष वर्णन किया गया है। भगवान बद्रीनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त हर साल बद्री विशाल के मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

आज से अगले 6 महीने तक अब श्री बद्रीनारायण यहां भक्तों को दर्शन देंगे। पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान बद्रीनाथ के दर्शन करने मात्र से उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। जगत पालनहर श्रीहरि विष्णु का ये पवित्र धाम बद्रीनारायण मंदिर आस्था और विश्वास का महासंगम माना जाता है।


पहले दिन मुख्य दर्शन अखंड ज्योति के मान्य
बद्रीनाथ धाम में पहले दिन मुख्य दर्शन अखंड ज्योति के ही मान्य होते हैं। अखंड ज्योति को देखने भक्त देश के कोने कोने से बद्रीनाथ धाम पहुंचते हैं। बद्री विशाल के साथ अखंड ज्योति शीतकाल में भी जलती रहती है।
शीतकाल में नारद जी धाम के मुख्य पुजारी होते हैं
ऐसी मान्यता है कि बद्रीनाथ में शीतकाल में भी देवताओं द्वारा पूजा की जाती है। पुराणों में लिखा है कि बद्रीनाथ में 6 माह मनुष्य पूजा करेंगे और 6 माह देवता पूजा करेंगे। मान्यता है कि शीतकाल में नारद जी धाम के मुख्य पुजारी होते हैं। नारद जी प्रतिदिन मां लक्ष्मी और बद्रीनाथ जी की पूजा अर्चना करते हैं।

माना जाता है कि भगवान विष्णु की कृपा पाने का एक आसान रास्ता बद्रीनाथ से होकर जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त श्री हरि विष्णु की कृपा पाने के लिए पूरी श्रद्धा से बद्रीनाथ पहुंचते हैं। भगवान विष्णु उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं।