Bandra Migrants Protest

OmExpress News / New Delhi / महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना ने कहा है कि मुंबई के बांद्रा में हजारों मजदूरों के इकट्ठा होने के पीछे एक बड़ी साजिश है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में गुरुवार को छपे लेख में ये बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि इस षड्यंत्र के पीछे जो लोग हैं, उनका जल्दी ही पर्दाफाश कर दिया जाएगा। Bandra Migrants Protest

मंगलवार को लॉकडाउन के बावजूद एक हजार से ज्यादा प्रवासी कामगार बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे, इनकी मांग थी कि इन्हें अपने घरों को भेजा जाए। जिन्हें पुलिस ने लाठीचार्ज कर वापस भेज दिया था। इस घटना पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है।

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संपादकीय में किया साजिश का इशारा

शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार मुंबई में प्रवासी कामगारों के जमा होने के पीछे के षड्यंत्र का जल्दी ही भंडाफोड़ करेगी। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि बाहर जाने वाली रेलगाड़ियां बांद्रा से बल्कि लोकमान्य तिलक टर्मिनस, मुंबई सेंट्रल और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से जाती हैं। जबकि भीड़ केवल बांद्रा में इकट्ठी हुई। आप इसे क्या कहेंगे? यह बड़ा षड्यंत्र है।

न्यूज चैनलों पर भी निशाना

संपादकीय में न्यूज चैनलों को रवैये को बेहद पक्षपातपूर्ण बताते हुए सवाल किया गया है। संपादकीय कहता है, गुजरात के सूरत में भी बांद्रा जैसी ही स्थिति देखने को मिली, वहां भी मजदूर इकट्ठा हुए लेकिन मीडिया ने उसको पूरी तरह नजरअंदाज किया। Bandra Migrants Protest

संपादकीय में भाजपा को निशाना बनाते हुए कहा गया है, राज्य सरकार कोरोना वायरस संकट को अशांति फैलाने के अवसर के तौर पर लेने के प्रयासों को खत्म करेगी। हमें दुख है कि विपक्ष इतना नीचे गिर गया। भाजपा राज्य की उद्धव ठाकरे नीत सरकार को परेशान करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है।

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मामले में हो चुकी हैं दो गिरफ्तारियां

मुंबई के बांद्रा में अचानक से इतनी भीड़ जुटने के मामले में दो गिरफ्तारियां होचुकी हैं। इनमें एक विनय कुमार है, जो किसी संगठन का नेता बताया जाता है। वहीं दूसरा एक टीवी चैनल का रिपोर्टर है। दोनों पर अफवाह फैलाकर लोगों को इकट्ठा करने का आरोप है। बता दें कि मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी के लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का ऐलान करने के बाद एक हजार से ज्यादा प्रवासी कामगार बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठा हो गए और अपने घरों को जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करने की मांग करने लगे।