मुख्यमंत्री ने किया 'बंको बीकाणो’ पुस्तक एवं डॉक्यूमेंट्री का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने किया ‘बंको बीकाणो’ पुस्तक एवं डॉक्यूमेंट्री का लोकार्पण

बीकानेर । मुख्यमत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे ने मंगलवार को अभिलेखागार परिसर में जिला स्वच्छता मिशन द्वार प्रकाशित पुस्तक ‘तथा डॉक्यूमेंट्री बंको बीकाणो’ का लोकार्पण किया। श्रीमती राजे ने जिले को ओडीएफ बनाने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी अनुकरणीय होगी। पुस्तक में बीकानेर जिले को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) बनाने के लिए पिछले चार वर्षो में किए गए प्रयासों को संकलित किया गया है।

बूंद-बूंद पानी बचाना जरूरी, ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान : रिणवा

वन, पर्यावरण एवं खान राज्यमंत्राी तथा जिला प्रभारी मंत्राी राजकुमार रिणवा ने कहा कि ‘जल’ के बिना जीवमात्रा के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती। इसे ध्यान रखते हुए बूंद-बूंद पानी बचाना तथा उसका समुचित उपयोग करना जरूरी है। यदि आज हमने पानी की कीमत नहीं समझी, तो आने वाला वक्त हमें माफ नहीं करेगा।
रिणवा बुधवार को नालबड़ी ग्राम पंचायत के भूरोलाई तलाई के पास ‘मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान’ के जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘जल स्वावलम्बन अभियान’ मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है। इससे रेगिस्तानी इलाके की सूरत बदल जाएगी। समाज के प्रत्येक वर्ग को इस अभियान से जुड़कर इसके बेहतर क्रियान्वयन में सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बरसात, जल का सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत है। बरसाती पानी का संरक्षण करना तथा समुचित उपयोग करना अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
प्रभारी मंत्राी ने कहा कि एक समय था, जब गांव-गांव में कुएं, बावड़ियां, तालाब आदि जल संग्रहण के पारम्परिक स्त्रोत होते थे। स्थानीय लोग इनकी समुचित देखभाल करते तथा गांव जल के दृष्टिकोण से आत्मनिर्भर होता था। धीरे-धीरे स्थितियां बदलने लगी। आज जल स्तर लगातार गिर रहा है, जो कि चिंता का विषय है। हमें इसके प्रति जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान रखते हुए ‘मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान’ प्रारम्भ किया जा रहा है। यह जन-जन का अभियान है तथा इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।
संवित सोमगिरि महाराज ने कहा कि पारम्परिक जलस्त्रोतों का भरपूर लाभ उठाने के लिए जोहड़ और पायतान सुरक्षित करने जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनता को पानी की कीमत समझाने तथा जन-जन को जोड़ने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने गोरक्षा तथा गोचर भूमि के संरक्षण की बात कही तथा भारतीय संस्कृति को अपनाने एवं भाषा को बचाए रखने का आह्वान किया।
इस अवसर पर सांसद अर्जुनराम मेघवाल, पूर्व मंत्राी देवीसिंह भाटी, प्रधान राधा देवी सिहाग, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, संभागीय आयुक्त सुबीर कुमार, महानिरीक्षक पुलिस गिर्राज मीणा, बीएसएफ के डीआईजी पीयूष मोर्दिया, जिला कलक्टर पूनम, पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर, सरपंच सुनीता सुराणा, पूर्व पार्षद अरविंद किशोर आचार्य सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. एल. मेहरड़ा ने बताया कि अभियान के प्रथम फेज में जिले की 17 ग्राम पंचायतों के 19 गांवों को सम्मिलित किया गया है। कार्यक्रम का संचालन आईईसी समन्वयक गोपाल जोशी ने किया।
श्रमदान में जुटे सैकड़ों हाथ
भूरोलाई तालाब की आगोर को संरक्षित करने और नालबड़ी को जल उपलब्धता के दृष्टिकोण से स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से श्रमदान के लिए सैकड़ों लोग देखते ही देखते जुट गए। प्रभारी मंत्राी रिणवा, सांसद अर्जुनराम मेघवाल तथा पूर्व मंत्राी देवी सिंह भाटी के नेतृत्व में अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, आरएसी की तीसरी एवं दसवीं बटालियन के जवानों, पुलिस, कलक्ट्रेट, जिला परिषद, वन एवं चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों, पुलिस मोटर ड्राइविंग स्कूल, एनएसएस, एनसीसी और स्काउट के प्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने श्रमदान किया।
सत्राह लाख रूपये हुए एकत्रित
अभियान की सफलता के लिए हर कोई सहयोग को आतुर दिखा। नालबड़ी में जहां संभागीय आयुक्त, महानिरीक्षक पुलिस तथा प्रधान राधादेवी ने ग्यारह सौ-ग्यारह सौ रूपये सहयोग देकर शुरूआत की तो मोहनसिंह ने दस दिन के लिए जेसीबी मशीन उपलब्ध करवाने का भरोसा दिलाया। अभियान के तहत पहले ही दिन विभिन्न दानदाताओं ने 17 लाख रूपये उपलब्ध करवाए।
……. के पाणी मत ढोळौ जी
कार्यक्रम स्थल पर जल स्वावलम्बन रथ तथा अभियान के दौरान किए जाने वाले कार्यों के मॉडल ग्रामीणों के लिए उत्सकुता का विषय रहे। जल स्वावलम्बन रथ के माध्यम से जहां ‘लेवौ बूंद-बूंद रौ काम, के पाणी मत ढोळौ जी’ का संदेश दिया जा रहा था तो, श्रमदान करते लोग ‘प्यासी धरती करे पुकार, वर्षा जल ना जाए बेकार’ तथा ‘जागो अब जल के लिए, बचाओ उसे कल के लिए’ जैसे नारों के साथ जल संरक्षण की अपील की।
ये गांव हुए हैं चयनित
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत पहले चरण में पांचू पंचायत समिति के स्वरूपसर, साधुना एवं सारूण्डा, बीकानेर के नालबड़ी एवं शोभासर, श्रीडूंगरगढ़ के उदरासर, लादड़िया एवं बिरमसर, लूनकरनसर के राजासर भाटियान एवं शुभलाई, कोलायत के भेलू, हनुमाननगर, दासौड़ी एवं खाजौड़ा, नोखा के सोमलसर, अणखीसर एवं दासनुं तथा खाजूवाला के मोतीगढ़ एवं बरजू गांवों का चयन किया गया है।
होंगे यह कार्य
अभियान के तहत जल ग्रहण क्षेत्रा उपचार, लघु सिंचाई योजना से संबंधित कार्य, जल संग्रहण ढांचों की क्षमता बढ़ाने, पेयजल स्त्रोतों के सुदृढ़ीकरण, चारागाह विकास एवं वृक्षारोपण तथा फसल एवं उद्यानिकी की उन्नत विधियों को बढ़ावा देकर, व्यवसायिक एवं आधुनिक खेती को प्रोत्साहित करने के कार्य किए जाएंगे। इनमें टिब्बा स्थिरीकरण, निजी जलकुंड निर्माण, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग, नई तलाई निर्माण, जोहड़ तलाई, सामुदायिक खेत तलाई आदि प्रमुख हैं।

संसदीय सचिव ने मोतीगढ़ एवं बरजू मे की अभियान की शुरूआत
संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ ने बुधवार को खाजूवाला पंचायत समिति के मोतीगढ़ एवं बरजू में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान की शुरूआत की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्राी का महत्वाकांक्षी अभियान है। इसका मुख्य उद्देश्य गांवों को जल स्वावलम्बी बनाना है। उन्होंने आमजन को अभियान की सफलता के लिए श्रम एवं धन उपलब्ध करवाने का आह्वान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोतीगढ़ में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा ओवर हैड टेंक का निर्माण करवाया जाएगा। लाखूसर से गांव बरजू तक नई पेयजल लाइन बिछाई जाएगी। इस पेयजल लाइन पर 35.98 लाख रूपये व्यय किए जाएंगे। गांव बरजू के 40 घरों में और मोतीगढ़ के 35 घरों में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत बरसाती जल संग्रहण के लिए टैंक बनाए जाएंगे। प्रत्येक टंेक के निर्माण पर साठ-साठ हजार रूपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मोतीगढ़ व बरजू में वन विभाग द्वारा नरेगा के तहत चारागाह विकसित किए जाएंगे।
इस अवसर पर बरजू सरपंच मंजूर अली, मोतीगढ़ सरपंच सिबानी, जालमसिंह भाटी, सवाईसिंह तंवर, भंवर सिंह स्वामी, पूगल एसडीएम अलका बिश्नोई, तहसीलदार भानीराम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

प्रभारी सचिव ने उदरासर में की शुरूआत
श्रीडूंगरगढ़ विधायक किसनाराम नाई एवं प्रभारी सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल ने श्रीडूंगरगढ़ के उदरासर गांव में अभियान की शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बूंद-बूंद पानी बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने अभियान से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को पूर्ण मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह प्राचीन धरोहरों को बचाने का अभियान है। प्रत्येक व्यक्ति बूंद-बूंद पानी के बेहतर उपयोग के प्रयास करें।
उदरासर गांव में विधायक ने जोहड़ मरम्मत व जीएसएस परिसर में सार्वजनिक टांका तथा बिरमसर के आबादी क्षेत्रा में टांका निर्माण का शिलान्यास किया। जनसहयोग से 15 हजार रूपये और ग्राम सेवक नरेगा स्टाफ, वाटरसेड स्टाफ तथा पंचायत समिति के 42 सरपंचों ने एक-एक दिन के वेतन सहित लगभग एक लाख रूपये उपलब्ध करवाए।
इस अवसर पर जिला कलक्टर पूनम, प्रधान रामलाल मेघवाल, उपप्रधान रामगोपाल सुथार सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे। प्रभारी सचिव ने श्रीडूंगरगढ़ के लादड़िया और बिरमसर में भी अभियान की शुरूआत की।

राजस्थान मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मेहरूनिशा टाक द्वारा गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को एम वी कमला कॉलोनी स्थित पैलेस में मदरसों के बच्चों के बीच प्रातः 8 बजे झंडारोहण किया । झंडारोहण समारोह में राजस्थान मदरसा बोर्ड के सचिव के के माथुर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। साथ ही इस समारोह में 15 सूत्राी कार्यक्रम सदस्य सर्व अयूब कायमखानी व हासन अली ने विशिष्ट अतिथियों के रूप में शिरकत की। जिले के मदरसों के सदर व सचिव अनवर अजमेरी, हाजी ईशाक, गुलाम मुस्तफा, मोहम्मद हारून व जिले के सभी मदरसा शिक्षा सहयोगी व अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।
मोहम्मद फारूख सदर व मोहम्मद इमरान सचिव मदरसा सबिलुस्लाम ने कार्यक्रम व्यवस्था में सहयोग किया। प्रबंधक पी एम वी पैलेस का भी आभार व्यक्त किया गया। अध्यक्ष ने अपने संबोधन में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने व आधुनिक शिक्षा से जुड़ने का आह्वान किया। इस अवसर पर मदरसों के बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।