बीकानेर । बीकानेर जिला उद्योग संघ द्वारा उद्योग मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के बीकानेर आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया, साथ ही उद्योगों के विकास हेतु विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं से अवगत कराया।
इस दौरान अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने मंत्री महोदय से निवेदन किया उद्यमियों को रीको लि, जिला उद्योग केन्द्र,वाणिज्यिक कर विभाग, विद्युत विभाग, जलदाय विभाग, प्रदूषण नियंत्रक मंडल, रसद विभाग आदि आदि विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु जगह-जगह भटकना पड़ता है, जिससे समय का अपव्यय होता है तथा उद्यमियों व्यापारियों को परेशानी आती है। अतः संभाग स्तरीय षिविर आयोजित कर जन सुनवाई के माध्यम से ऐसी व्यवस्था लागू करनी चाहिए, जिसमें राज्य स्तरीय अधिकारीगण हिस्सा ले सके, ताकि विभिन्न समस्याओं को एक ही स्थान पर निस्तारित किया जा सके। इस प्रकार राज्य के औद्योगिक विकास से संबंधित समस्याओं का त्वरित निस्तारण हो सकेगा तथा औद्योगिक विकास दृढ़ होगा।
परिचर्चा में अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया, हरगोपाल उपाध्याय, जुगराज दफ्तरी, श्रीधर शर्मा, सुभाष मित्तल, गेवरचंद मुसरफ, राम अरोड़ा, फलौदी पूर्व सरपंच बंषीलाल, कृषि उपज मंडी के जुगल उपाध्याय शामिल हुए।
जिला दाल मिल्स एसोसियेशन आम मीटिंग आयोजित
बीकानेर दाल मिल्स एसोसियेशन की एक आम मीटिंग बीकानेर जिला उद्योग संघ भवन में अध्यक्ष नृसिंहदास मिमाणी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें उपस्थित सभी मिल मालिकों ने वर्तमान में जिला रसद अधिकारी द्वारा वर्तमान में की जा रही कार्यवाही के प्रति भयंकर रोष व्यक्त किया।
उपस्थित सदस्यों ने विभाग द्वारा व्यापारियों को अनावष्यक तंग करने एवं जनता के सामने मीडिया द्वारा भ्रांतिपूर्ण प्रचार कर वाह-वाही लूटने की बात को बहुत गम्भीरता से लेते हुए इस पर जिलाधीष महोदया से मिलने की बात कही।
समाचार पत्रों में विभाग द्वारा कल की गई कार्यवाही में तावणिया इण्डस्ट्रीज, करणी नगर, बीकानेर के स्टॉक को सीज करते हुए यह बताया गया कि उद्योग के पास जिला रसद अधिकारी का अनुज्ञा-पत्र नहीं है, जबकि उद्यमी द्वारा मौके पर विभाग द्वारा जारी अनुज्ञा-पत्र संख्या डब्ल्यू 753/12 अधिकारियों को प्रस्तुत भी किया गया था! एवं उद्यमी के पास माल भी तय सीमा से बहुत कम था। इसलिए इस भ्रांति को उत्पन्न करने की वजह से व्यापारी की छवि को भी नुकसान पहुंचा।
व्यापारियों में इस बात का भी रोष था कि विभाग द्वारा दिनांक 20.10.2015 की अधिसूचना जारी कर लाईसेंस लागू कर स्टॉक सीमा निर्धारित की गई एवंम् व्यापारी को बगैर अवसर प्रदान किए उसी दिन उसके माल को जब्त करने की कार्यवाही आरम्भ कर दी गई। ऐसा व्यवहारिक एवं नीतिगत दोनों ही रूप से उचित नहीं है एवं व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात है।
बीकानेर दाल मिल्स एसोसियेषन का एक प्रतिनिधि मंडल कल जयपुर में राजस्थान दाल मिल्स एसोसियेषन द्वारा अति आवष्यक आहूत मीटिंग में भी शामिल होगा एवं प्रदेष के सारे दाल मिल्स एसोसियेषन मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे।
आज की मीटिंग में व्यापारियों के आक्रोष एवं विचारों को ध्यान में रखते हुए यह तय किया गया कि एसोसियेषन के सदस्य दिनांक 26.10.2015 को संभागीय आयुक्त महोदय एवं जिलाधीष महोदया से मिलकर अपनी सारी व्यथा रखेंगे एवं यह मांग करेंगे कि व्यवसायियों को अनावष्यक रुप से तंग न किया जाये। अगर व्यापारियों को अनावष्यक तंग किया गया तो व्यापारी अपने उद्योगों में उत्पादन एवं बिक्री बन्द कर देंगे तथा दूसरे उत्पाद के उद्योगों से एवं अन्य व्यापारियों से यथा: कृषि उपज मंडी में कार्यरत व्यवसायिक संगठनों एवं ऊन मंडी में कार्यरत व्यवसायिक संगठन से भी सहयोग लेकर बीकानेर का पूरा अनाज एवं खाद्यान्न व्यापार बन्द करने का आह्वान करेंगे।
बैठक में बीकानेर दाल मिल्स एसोसियेषन के अध्यक्ष नृसिंहदास मिमाणी, बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया, दाल मिल्स एसोसियेषन के उपाध्यक्ष जयकिषन अग्रवाल, सचिव राजकुमार पचीसिया, हरिकिषन गहलोत, डॉ. मोतीलाल गहलोत, मक्खनलाल बजाज, विजय थिरानी, बीरबल अग्रवाल, जगदीष पेड़ीवाल, राजकुमार गहलोत, राजेष मिमाणी, रामचन्द्र भाटी, परवेष गोयल, दिनेष खण्डेलवाल, रणजीत सेठिया, अनिल करनाणी, हेमन्त मेहनोत, षिवषंकर प्रजापत, हिमांषु थिरानी, हनुमानसिंह, विजय विष्नोई, गौरव खेतान, प्रकाष सोनावत, अभय डोगरा, अषोक वासवानी सहित विभिन्न उद्यमी शामिल हुए।