नव वर्ष स्नेह मिलन समारोह आयोजित, अधिकारी एवं कर्मचारी हुए सम्मानित
OmExpress News / Bikaner / राजस्थान एकाउन्टेन्टस जिला शाखा बीकानेर का नव वर्ष स्नेह मिलन कार्यक्रम जिला उद्योग संघ कार्यालय, औद्योगिक क्षेत्र रानी बाजार ओडिटोरियम में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सेवा निवृत लेखा सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों को सेवा निवृति उपरांत सम्मानित किया गया एवं लेखाकर्मी खेल कूद प्रतियोगिता के विजेता व उपविजेताओं को सम्मानित किया गया। जिलाध्यक्ष श्रीलाल भाटी ने बीकानेर जिले के लेखाकर्मियों की समस्याओं को समारोह के दौरान जोरदार ढ़ंग से रखा गया। Bikaner News
मुख्य अतिथि वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री जनार्दन कल्ला ने बीकानेर जिले के लेखाकर्मियों की समस्याओं के समाधान का भरपूर आश्वासन दिया। मुख्य रूप से बीकानेर मूल के लेखाकर्मी जो बीकानेर जिले से बाहर पदस्थापित हैं उन्हें बीकानेर पदस्थापित करवाने और निर्माणाधीन वित भवन में संगठन के लिए कमरा व जगह दिलवाने में सहयोग करने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि वितिय सलाहकार श्री अरविन्द सिंह विश्नोई, श्री बिहारी लाल जिनागल, श्री ब्रह्मदेव शर्मा, मुख्य लेखाधिकारी श्री सागरमल जांगिड़ व श्री मुकेश यादव रहे वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान एकाउन्टेन्टस ऐसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश जैन ने की साथ ही दिनेश जैन ने लेखाकर्मियों की प्रदेश स्तरीय मांगों पर भी प्रकाश डाला। Bikaner News
समारोह के अंत में लालचन्द सोनी, अशोक माली, रामनिवास मूण्ड, अजय पुरोहित, आशीष शर्मा, मोतीराम कस्वां, शिव प्रजापत, दुष्यंत सुथार, अब्दुल शकूर सिसोदिया, दिनेश गौड, ललित चैधरी, कमल सोलंकी, आंेकार सिंह, शिवरतन बन, महेन्द्र पंवार ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
मुक्ति द्वारा आयोजित हिन्दी, राजस्थानी कहानियों का सातवां वाचन कार्यक्रम
मुक्ति संस्था, बीकानेर के तत्वावधान में प्रत्येक माह होने वाले कहानी पाठ कार्यक्रम के अंतर्गत सातवें कहानी पाठ का आयोजन रविवार 20 जनवरी को बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल के सभागार में किया गया । कहानी पाठ कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मदन सैनी ने की । रविवार को हुए कहानी पाठ के आयोजन में हिन्दी एवं राजस्थानी के दो युवा प्रतिष्ठित रचनाकारों ने कहानी पाठ किया । Bikaner News
कथाकार नगेन्द्र किराड़ू ने हिन्दी कहानी माँ
एवं युवा साहित्यकार भगवती सोनी ने राजस्थानी कहानी बादळी
का वाचन किया । कहानी पाठ के प्रारंभ में संस्था के सचिव कवि -कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि वर्तमान समय में लिखी जा रही कहानियां पाठकों से रिश्ते बनाने का काम करती है उन्होंने कहा कि अधिकांश पात्र लेखक के आस-पास होने के कारण कहानी पाठकों को अपनी और आकर्षित करती हैं। जोशी ने कहा कि विश्व साहित्य में कहानी सबसे लोकप्रिय विधा है, कहानी के माध्यम से हम अलग अलग संस्कृति और परम्परा से परिचित होते है।
जोशी ने युवा लेखकों से आह्वान किया कि वह अधिक से अधिक कहानियां पढ़ने की आदत डालें । उन्होंने कहा कि लिखने से पहले दुनिया भर में लिखी जा रही कहानियां पढ़कर उस संस्कृति तक पहुँचने का प्रयास करें । जोशी ने स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा को विस्तार से बताया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मदन सैनी ने कहा कि कहानीकार को पात्रों का चयन करते हुए खुद से सवाल करने की जरूरत है । Bikaner News
उन्होंने कहा कि आज की कहानियां व्यापकता लिए हुए है । साहित्य की सशक्त विधा को लोक में बनाये रखने के लिए कहानी पाठ कार्यक्रम मील का पत्थर साबित हो रहा है । कहानीकार नगेन्द्र किराड़ू की हिन्दी कहानी मां पर तत्काल टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार नवनीत पाण्डे ने कहा कि किराड़ू की कहानी “माँ” में एक तरफ ममता और एक तरफ एक माँ की निष्ठुरता का संवेदनशील वृतांत है ।
कथाकार ने पात्रों के माध्यम से एक माँ द्वारा झाड़ियों में फेंकी बच्ची और घोंसला बिखर जाने पर अपने बच्चों को संभालती गिलहरी के देखे दृश्य के माध्यम से कथा सामने रखी है उस मे बताया है कि माँ तो माँ होती है फिर ऐसा फर्क क्यूँ.. भगवती सोनी की राजस्थानी कहानी बादळी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए युवा साहित्यकार डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने कहा कि-राजस्थानी कहानियों ने इस विपरीत समय में भी आम आदमी की संवेदना को बचा के रखा है, इसलिए रचनाकारों का यह दायित्व है कि वह अपनी रचनाओं के माध्यम से जन मानस की पीड़ा तक पहुंचे ।
उन्होंने कहा कि नये रचनाकारों का राजस्थानी में कहानियां लिखना राजस्थानी भाषा के विकास के लिए अच्छे संकेत है। रविवार को पढ़ी गयी कहानियों पर विशेष टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य “आशावादी” ने कहा की आज की कहानियाँ संवेदना, शिल्प और कथ्य के स्तर पर बेहतरीन कहानियां कही गयी । कहानी पाठ कार्यक्रम के अन्त में कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने सभी के प्रति आभार स्वीकार किया ।
कार्यक्रम का संचालन शायर इरशाद अजीज ने किया । कार्यक्रम में चन्द्रशेखर जोशी, डॉ टी के जैन, बुलाकी शर्मा, डॉ नीरज दइया, डॉ प्रमोद चमोली, हरीश बी.शर्मा, कमल रंगा, डॉ बी एम खत्री, गिरधर दान रतनू, गिरिराज पारीक, आत्मा राम भाटी, रंगा राजस्थानी, गिरिराज हर्ष, मोनिका गोड़, क़ासिम बीकानेरी एवं कमल पारीक सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे । कार्यक्रम के अन्त में वरिष्ठ पत्रकार अभय प्रकाश भटनागर के निधन पर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गयी ।
वरिष्ठ पत्रकार अभय प्रकाश भटनागर का दिल का दौरा पड़ने से निधन – Bikaner News
उन्होंने 62 साल तक निरंतर अखबार का प्रकाशन किया जिसकी मिसाल कम ही मिलती है। उन्होंने अपने अखबार का अंतिम अंक 16 जनवरी 2019 का खुद निकाला और अगले अंक की तैयारी में थे। वे हमेशा युवा पीढ़ी के पथ-प्रदर्शक रहे। उनका जीवन पूरी तरह से पत्रकारिता को समर्पित रहा, शायद यही वजह रही होगी कि उन्होंने शादी नहीं की। Bikaner News
वे राजस्थान सीमांत पत्रकार संघ के संस्थापक अध्यक्ष रहे जिसके माध्यम से उन्होंने पत्रकारिता से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए थे। शनिवार को उन्होंने अपना फुलबॉडी चेकअप कराया था और कोई विशेष रोग नहीं होने से प्रसन्न थे लेकिन रविवार सुबह 8.30 बजे एक हिचकी के साथ अंतिम सांस लेकर वे संसार से विदा हो गए।
81वें जन्मदिवस पर किया गया था नागरिक अभिनंदन
भटनागर का जनवरी 16 में उनके 81वें जन्मदिवस पर नागरिक अभिनंदन किया गया था और पत्रकारिता को समर्पित जीवन को लेकर अभिनंदन पत्र भेंट किया गया था। इस समारोह में केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, पूर्व वित्त मंत्री मानिक चंद सुराणा, पूर्व महापौर भवानीशंकर शर्मा और साहित्यकार डॉ. मदन केवलिया ने उन्हें अभिनंदन पत्र भेंट किया था। प्रज्ञालय संस्थान की ओर से भी पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया था।
भटनागर के निधन पर ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भंवर सिंह भाटी ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें पत्रकारिता का मजबूत स्तंभ बताया।
राष्ट्रीय कवि चौपाल की 187 वीं कड़ी आयोजित
स्वास्थ्य एवं साहित्य संगम के राष्ट्रीय कवि चौपाल की 187 वीं कड़ी रविवार सुबह भ्रमण पथ पंचवटी में सम्पन्न हुआ। डाॅ. तुलसीराम मोदी सचिव- ‘‘राष्ट्रीय कवि चैपाल‘‘ स्वास्थ्य एंव साहित्य संगम, बीकानेर गणतन्त्र दिवस 1⁄426 जनवरी 19501⁄2 को समर्पित आज की काव्य सरस्वती सभा समर्पित रही श्री सरदार अली परिहार की अध्यक्षता में राजस्थानी भाषा साहित्य एंव संस्कृति अकादमी के पुर्व सचिव मुख्य अतिथि श्री जानकी नारायण श्री माली तथा संस्थापक कवि श्री नेमीचन्द जी गहलोत तथा श्री मुरली मनोहर के माथुर की विश्ष्टि अतिथ्य में मंच शोभित हुआ..
राष्ट्रीय कवि चैपाल के सचिव डा. तुलसीराम मोदी ने बताया की कार्यक्रम का शुभारम्भ श्रीमती सरोज भाटी ने वीणा वाणी दर्श दिखा दो…मन वीणा के तार सजा दो.. देवी शरण जी शर्मा- हो गऐ लाखों निछावर इस तिरंगे के लिऐ.. संस्थापक कवि नेमीचन्द जी गहलोत- गणतन्त्र दिवस आता है.. हम सब का मन हर्षाता है.. विशिष्ट अतीथि श्री जानकी नारायण जी- भुख भुख चिल्लाने वालों भूख नहीं मिटती रोने से.. चिल्लाने से..
किशन नाथ जी- ओ है थारों हिन्दुस्तान.. था सिगळारों हिन्दुस्तान..था सबरो प्यारो हिन्दुस्तान.. तुलसीराम मोदी- अठे जन्मों सू मृत्यु बान्धयों.. क्यो रे साच कर अगला मार्ग चलता रेसी.. राजकुमार ग्रोवर- जो नहीं जानते जादु मन्तर नहीं करते छू मन्तर… फजल मोहम्मद- आह सी थकी शाम है जिन्दगी, अन्ततः विश्राम है जिन्दगी…जब्बार बिकाणी- जन्नत की तस्वीर मेरा देश.. बड़ा खुबसुरत हैं मेरा देश…राजू लखोटिया-ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आँख मे भर लो पानी….
महबूब अली- जो बुराई पर तुले.. उसका बुरा अन्जाम है.. श्रीमती मधुरिमा सिंह जी- हाय हाय ये सर्द हवाऐं उपर से होती ओंस बरसात..श्रीमती सरोज भाटी- जय जय मां भारती धन्य धन्य मां भारती आजादी के परखानो की आत्मा है मां भारती…श्री बी.एल. नवीन- ये देश वीर जवानों का.. अलबेलों का… मस्तानों का…इस देश का यारों क्या कहना… शकील मोहम्मद गोरी- इस हाल से नजर मुझे आई वो अभागन, दिखने को थी विधवा.. पर वो थी सुहागन..
मेहराजदीन- नीम सरक्षण सन्दर्भ संदेश.. विजय कोचर- दिल का दर्द जब बरदास्त से बाहर हो जाता है आंसुओं का दरिया बनकर आंखों से बह आता है…अजीत राज- मरना तो एक दिन मुझे भी है, तो क्यों न मरू इस तरह कि मेरी मां की गोद आराम देह बनें.. बाबूलाल जी छगांणी- सुनो मां भारती मैं तुझपे वारी जाता हूं.. मन में है अटल श्रृद्धा चरणों में शीष झुकाता हूं…माजीद खान गौरी- देश के दुश्मनों मैं युं ही मारता चलूगां.. इस देश की शान को युही बढाता चलूंगा..
कसीम बीकानेर- भुला बैठे शहिदों के हम बलिदान का मौसम… अधुरी ख्वाहिशो, हसरतो, अरमान का मोसम… प्रिन्ट मिडिया के स्तम्भ श्री अभय प्रकाश जी भटनागर के देहावन्सान की सुचना प्राप्त करने पर दो मिनट मौन रखकर कार्यक्रम का त्वरित विराम दिया गया कार्यक्रम का संयोजन श्री कैलाश टाक ने किया। इस कार्यक्रम में श्री गोपाल जी स्वर्णकार, रामेश्वर महेचा,सुनिल कुमार मारू, अख्तर हुसैन, हनुमान कच्छावा, इन्साफ रगंरेज अन्य कविगण थें।