Prince Pipes Bombay Highcourt

मुंबई/जयपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 10 मार्च 2021 को प्रिंस पाईप्स एंड फिटिंग्स द्वारा दायर ट्रेड मार्क उल्लंघन के मुकदमे की सुनवाई के बाद प्रिंस प्लेटिनम पाइप्स एंड फिटिंग्स, विगोर प्लास्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और धनंजय ब्रास प्रॉडक्ट्स के खिलाफ विज्ञापन-अंतरिम निषेधाज्ञा दी। दिनांक 10 मार्च, 2021 के आदेश के संदर्भ में बॉम्बे हाईकोर्ट कोरम न्यायमूर्ति जी.एस. पटेल द्वारा पारित केस नं. 5290 का 2021 कॉमर्शियल सूट नं. 5286 का 2021। (Decision in Favor of Prince Pipes)

जस्टिस जी.एस. पटेल ने फैसला सुनाया कि प्रिस प्लेटिनम पाईप्स एंड फिटिंग्स, विगोर प्लास्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और धनंजय ब्रास प्रोडक्ट्स द्वारा ट्रेड मार्क प्रिंस प्लेटिनम का उपयोग प्रिंस पाईप्स एंड फिटिंग्स लिमिटेड द्वारा निर्मित प्रतिष्ठा और सद्भावना पर व्यापार करने और उसे भुनाने का स्पष्ट प्रयास है।

नकल के खिलाफ़ कड़ी कार्यवाही कर रहे हैं और ऐसे सभी मामलों को तेजी से कानूनी कार्यवाही से निपटा जाएगा: निहार छेड़ा

निहार छेड़ा, एवीपी-स्ट्रेटेजी, प्रिंस पाईप्स एंड फिटिंग्स लिमिटेड ने कहा, “प्रिंस पाईप्स नकल के खिलाफ़ कड़ी कार्यवाही कर रहे हैं और ऐसे सभी मामलों को तेजी से कानूनी कार्यवाही से निपटा जाएगा। प्रिंस पाईप्स “प्रिंस प्लेटिनम” नाम से किसी भी उत्पाद का निर्माण नाम से किसी भी उत्पाद का निर्माण नहीं करते हैं। प्रिंस पाईप्स ब्रांड पर उल्लंघन करने वाले अन्य डुप्लिकेट निर्माताओं को प्रिंस पाईप्स की विश्वसनियता की रक्षा के लिए कड़ी कार्यवाही से निपटा जाएगा जो तीन दशकों से जारी है।“

Aasaan Classes Bikaner

एक कदम के रूप में तुरंत बाजार में फैलने वाले भ्रम और हमारी प्रतिष्टा को नुकसान और बाजार में नकली उत्पादों की बिक्री से होने वाली हिस्सेदारी को बचाने व उनपर लगाम लगाने के लिए हमारी कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की शरण ली।

प्रिंस पाइप का मार्क वर्ष 1966 से नियमित, व्यापक और निरंतर उपयोग में है और व्यापार मंडलियों में एक अलग नाम और मज़बूत सद्भावना प्राप्त कर रहा है] प्रिंस पाइप के वकील ने अपनी याचिका में अदालत को बताया।

अदालत ने माना कि प्रिंस पाईप्स को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है

न्यायमूर्ति जी.एस. पटेल ने प्रिंस पाइप के तर्क को स्वीकार कर लिया और कहा कि प्रिंस शब्द का इस्तेमाल आम जनता के मन में धोखा पैदा करने के लिए किया जा रहा है। अदालत ने माना कि प्रिंस पाईप्स को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है और किसी भी तरह के नुकसान से तुरंत बचा जाना चाहिए।

निषेधाज्ञा के अलावा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुजरात के जामनगर में स्थित प्रिंस प्लेटिनम पाईप्स एंड फिटिंग्स, विगोर प्लास्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और धनंजय ब्रास प्रोडक्ट्स के व्यापारिक परिसर में तलाशी और जब्ती करने के लिए कोर्ट रिसीवर भी नियुक्त किया। जामनगर के स्थानीय सूत्रों ने बताया है कि जामनगर में नकली उत्पादों के विनिर्माण और पैकेजिंग का एक विशाल पैमाने पर संचालन चल रहा है, जिसे अब व्यापार स्थल पर छापेमारी के दौरान अदालत रिसीवर द्वारा जब्त कर लिया गया है।

प्रिंस पाईप्स का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता, डॉ. वीरेंद्र तुलजापुरकर और एडवोकेट श्री हिरेन कमोद द्वारा किया गया।