OmExpress News / New Delhi / कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों से फंड जारी करने के लिए अपील की है। केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य सरकारें कोरोना से निपटने के लिए अतिरिक्त सुविधाओं के लिए फंड जारी करे। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए राज्य अपने यहां अस्पताल, क्लिनिकल लैब, आईसोलेशन वार्ड बनाने के लिए फंड जारी करें। इन सभी जगहों पर आवश्यक उपकरण, वेंटिलेटर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट्स, मास्क और दवाएं प्रचुर मात्रा में होनी चाहिए ताकि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई का हम और मजबूती से मुकाबला कर सकें। Corona Isolation Ward
कोरोना : 52 हजार करोड़ के सेस फंड से साढ़े 3 करोड़ मजदूरों के खाते में जाएगा
देश में कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट के बीच केंद्र सरकार ने भवन निर्माण क्षेत्र से जुड़े असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की तकलीफों को सुना है। सेस फंड में मौजूद 52 हजार करोड़ रुपये में से साढ़े तीन करोड़ मजदूरों के खाते में पैसा भेजने का निर्देश राज्यों को जारी हुआ है।
श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने इस बाबत सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को मंगलवार को पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में आर्थिक मदद न केवल मजदूरों की जिंदगी आसान करेगी बल्कि उन्हें महामारी से लड़ने का हौसला भी देगी। Corona Isolation Ward
दरअसल, भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के तहत सरकार सेस (उपकर) वसूलती है। वसूली गई धनराशि सेस फंड में जमा होती है। इस धनराशि से भवन निर्माण कार्य में लगे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए राहत योजनाएं चलाई जातीं हैं। चूंकि इस वक्त कोरोना संकट के कारण अधिकांश हिस्सों में लॉकडाउन है, रोजगार ठप हो चुका है, जिससे मजदूरों के सामने दो जून की रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सेस फंड से निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों के खाते में धनराशि भेजने की सलाह सभी राज्यों को दी है।
श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना के कारण संकट की इस घड़ी में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की समस्याओं को दूर किया जाना जरूरी है। भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम 1996 के तहत सेस फंड में 52 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। ऐसे में निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों के खाते में धनराशि भेजी जाए।
श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि मजदूरों के खाते में कितनी धनराशि जाएगी, यह राज्य सरकारें तय करेंगी। उन्होंने अपने पत्र में इस बात को स्पष्ट लिखा है कि राज्य सरकारें अपने अनुसार धनराशि का निर्धारण कर सकतीं हैं। मंत्री संतोष गंगवार ने राज्य सरकारों से कहा है कि मजदूरों को मिलने वाली आर्थिक मदद उन्हें इस महामारी से लड़ने का साहस प्रदान करेगी। Corona Isolation Ward
ट्रेन टिकटों को न करें रद्द, मिल जाएगा पूरा पैसा : भारतीय रेलवे
कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूरे देश में कोहराम मचा हुआ है। सभी राज्यों में लगभग लॉकडाउन की स्थिति कर दी गई है। इस खतरनाक वायरस का गहरा असर हर क्षेत्र में पड़ा है। खासकर यातायात तो और गहरा। कई ट्रेनें रद्द कर दी गई है, फ्लाइट की सेवाएं बंद कर दी गई है। मतलब पूरे देश में सन्नाटा छाया हुआ है।
ऐसे में भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने लोगों से कहा है कि वे उन ट्रेनों के लिए ऑनलाइन बुक किए गए टिकटों को रद्द न करें जिन्हें रद्द कर दिया गया है और उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें खुद ही पूरा पैसा मिल जाएगा।
इससे पूर्व रेलवे ने काउंटर टिकट रद्द करने के लिए 21 जून तक का समय तीन महीने बढ़ा दिया था। आईआरसीटीसी ने एक बयान में कहा कि रेलवे यात्री ट्रेनों को बंद किये जाने के बाद ई-टिकट रद्द करने को लेकर संदेह जताया जा रहा है। Corona Isolation Ward
इसमें कहा गया है, ‘यात्री की ओर से कोई रद्द करने की आवश्यकता नहीं है। यदि यात्री अपनी टिकट को रद्द करता है, तो संभावना है कि उसे कम पैसा मिले । यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे उन ट्रेनों के लिए ई-टिकट को रद्द न करें, जिन्हें रेलवे ने रद्द कर दिया है।’
बयान में कहा गया है, ‘ई-टिकट की बुकिंग के लिए यात्री द्वारा इस्तेमाल किये गये खाते में उसका पैसा भेज दिया जायेगा। रेलगाड़ी रद्द होने के मामले में रेलवे द्वारा कोई शुल्क नहीं काटा जाता है।’ गौरतलब है कि रेलवे ने कोरोना वायरस के मद्देनजर रेलगाड़ियों को 31 मार्च तक रद्द कर दिया है।