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OmExpress News / New Delhi / 21 दिन के लॉकडाउन का उल्लंघन करके जो लोग अपने घरों की ओर निकल गए हैं, उन्हें हर हाल में 14 दिनों तक राज्य सरकारों को अपनी व्यवस्था के तहत क्वारंटाइन करने का आदेश दिया गया है। केंद्र की ओर से कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में रविवार को हुई बैठक के बाद देशभर के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पलायन करने वालों का क्वारंटाइन सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी दी गई है। ताकि, ये लोग अपने गावों और शहरों में पहुंचकर वहां के लोगों को किसी तरह से संक्रमित होने का खतरा पैदा न कर पाएं। 14 Days Quarantine for Migrating Labours

दरअसल, पिछले तीन दिनों से दिल्ली समेत कई महानगरों में जो मजदूरों के पलायन की तस्वीरें आई हैं, उसने भारत सरकार के कान खड़े कर दिए हैं। क्योंकि, इसकी वजह से लॉकडाउन के पूरे मकसद पर ही पानी फिरता नजर आ रहा है। ऐसे में अगर पलायन करने वालों को सरकारी इंतजामों में रोके रखा गया तो संक्रमण के खतरे को कुछ हद तक टाला जा सकता है।

रविवार को केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि लॉकडाउन तोड़कर अपने घरों की ओर रवाना हुए हजारों मजदूरों को किसी भी कीमत पर सीधे उनके घर न जाने दें। बल्कि, उन्हें सभी राज्य सरकारें 14 दिनों तक प्रदेशों की ओर से बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में अनिवार्य रूप से रखें। ताकि, यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति अपने गांवों या मोहल्लों तक वायरस लेकर न पहुंच जाए। 14 Days Quarantine for Migrating Labours

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केंद्र सरकार की ओर से जारी एक बयान में जो कुछ भी कहा गया है, उससे इस आदेश की सख्ती का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसमें कहा गया है, ‘डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट के तहत जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों के लिए सीधे तौर पर जारी निर्देशों को लागू करवाने के लिए वे निजी तौर पर जिम्मेदार होंगे।’ बता दें कि देश के कुछ हिस्सों में हजारों प्रवासी मजदूरों के पलायन को लेकर राज्य के बड़े अधिकारियों के साथ कैबिनेट सचिव राजीव गौवा और गृह सचिव ने रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की है।

लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो : केंद्र

इस बैठक में कैबिनेट सचिव ने राज्यों से लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने और सीमाओं को सील करने को कहा है ताकि, भविष्य में इस तरह हो रहे उल्लंघनों को रोका जा सके। लेकिन, जो प्रवासी मजदूर पहले ही अपने घरों की ओर रवाना हो चुके हैं, उनके लिए केंद्र ने राज्य सरकारों को कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए उन्हें अपने-अपने क्वारंटाइन होम में रोकने का आदेश दिया है।

इससे जुड़े लोगों का कहना है कि ये आदेश सीधे तौर पर जिलों के डीएम और एसपी के लिए चेतावनी की तरह है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले मजदूरों को हर हाल में क्वारंटाइन की मियाद तक आइसोलेशन में रखना उनकी जिम्मेदारी होगी। केंद्र के बयान में कहा गया है, ‘क्वारंटाइन के दौरान इन लोगों पर निगरानी रखने के निर्देशों का विस्तृत ब्योरा राज्यों को जारी कर दिया गया है।’

जरूरतमंदों की हर तरह से सहायता करे राज्य सरकार : केंद्र

इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि लॉकडाउन की वजह से जो मजदूर अपने गांव-शहरों की ओर निकल पड़े हैं या रास्ते में कहीं भी फंसे हुए उनके लिए ठहरने का अस्थायी प्रबंध, भोजन, कपड़ों और स्वास्थ्य सेवाओं की भी तत्काल व्यवस्था करें। 14 Days Quarantine for Migrating Labours

निर्देश उन लोगों पर भी लागू होगा जो 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से बेघर हुए हैं या उनके खाने-पीने के इंतजाम में दिक्कतें आ रही हैं। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात में पलायन की समस्या का सीधा जिक्र तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा कि लॉकडाउन जैसा फैसला किसी दूसरे के लिए नहीं, बल्कि हर भारतीय नागरिक के हित में ही लेना पड़ा है।

पलायन से बना लॉकडाउन का मजाक

दरअसल, लॉकडाउन की वजह से महानगरों हजारों की संख्या में प्रवासी श्रमिक और दिहाड़ी मजदूर जैसे-तैसे ही अपने गांवों की ओर रवाना हो गए हैं। यूपी में राज्य सरकार की ओर से कुछ के लिए बसों का इंतजाम क्या किया गया, ऐसे पलायन करने वालों की संख्या बढ़ती ही चली गई। सैकड़ों की तादाद में ऐसे लोग पैदल ही अपने-अपने गांवों की ओर मार्च कर रहे हैं।

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लेकिन, इसकी वजह से लॉकडाउन के पूरे मकसद पर ही पानी फिरता नजर आ रहा है। पलायन करने वाले मजदूरों की ये भी शिकायत है कि लॉकडाउन की वजह से उनके दिहाड़ी रोजगार छिन गए, जिससे उनके खाने के लाले पड़ रहे थे। हालांकि, दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि उसने लाखों लोगों को ठहरने और भोजन का इंतजाम कराया है, लेकिन फिर भी मजदूर रुकने के लिए तैयार नहीं हो रहे। 14 Days Quarantine for Migrating Labours

दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर हजारों की भीड़ ने पीएम मोदी की चिंता बढ़ा दी थी और उन्होंने शनिवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से बात भी की थी। लेकिन, केजरीवाल ने कहा कि पलायन कर जा रहे लोग उनकी रुकने की अपील नहीं सुन रहे हैं।