जयपुर । श्रीमती वसुन्धरा राजे ने शनिवार को सचिवालय के काॅन्फ्रेंस हाॅल में मुख्यमंत्री जनआवास योजना एवं राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिये भूमि आवंटन नीति जनता को समर्पित की।
श्रीमती राजे ने कहा कि बहुत मेहनत एव सतत् विचार विमर्श के पश्चात ये दोनों नीति तैयार हुई हैं। इससे आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को आसानी से आवास मिलने के साथ इन दोनों नीतियों के लागू होने से राजस्थान में निवेश में वांछित गति मिलेगी। उन्होंने रीयल एस्टेट से जुड़े प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे इन सकारात्मक नीतियों पर तेजी से काम करते हुए आमजन को उचित दरों पर आवास उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी पूरी करें।
मुख्यमंत्री ने जनआवास योजना का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2022 तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सभी को आवास उपलब्ध कराने का सपना है, पर हमें इस नीति को आधार मानते हुए 2018 तक ही इस सपने को पूरा करने के प्रयास करने हैं। हमने वर्ष 2009 में जारी अफोर्डेबल हाउसिंग पाॅलिसी की खामियों को दूर करते हुए सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श कर नई जनआवास योजना तैयार की है। इस नीति में डवलपर्स के लिये ऐसे प्रावधान किये गये हैं जिनसे वे आर्थिक रूप से कमजोर और अल्प आय वर्ग के लिये आवास बनाने के लिये प्रेरित हो सकें।
श्रीमती राजे ने कहा कि नई नीति में बिल्डर्स को अधिक स्वतंत्रता देने के साथ ही निर्धारित समय से पहले प्रोजेक्ट पूरा करने पर इन्सेन्टिव्स की व्यवस्था है। वहीं प्रोजेक्ट में अनावश्यक विलम्ब करने पर दंडात्मक प्रावधान भी किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिये भूमि आवंटन नीति-2015 का जिक्र करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्र में भूमि आवंटन की प्रक्रिया को तेज, आसान एवं पारदर्शी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में मात्र सामाजिक एवं चैरिटेबल संस्थाओं को ही ध्यान में रखकर नीति बनाई गई थी। अब हमारी सरकार ने इनके साथ-साथ औद्योगिक, जनोपयोगी, शीर्ष संस्थाओं एवं सरकारी विभागों को सम्मिलित करते हुए इसे लागू किया है। उन्होंने कहा कि नीति के अंतर्गत आवेदन एवं निगरानी प्रक्रिया को पूरी तरह स्पष्ट किया गया है ताकि भूमि आवंटन में पारदर्शिता बनी रहे। उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि जिस उद्देश् के लिये भूमि आवंटित की गई है। वह उसी के काम में आए।
नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास का मुख्य आधार शहरीकरण को माना जाने लगा है। मुख्यमंत्री द्वारा आज जारी की गई दोनों नीतियां प्रदेश में सकारात्मक बदलाव की वाहक बनेंगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी को आवास उपलब्ध कराने की कल्याणकारी सरकार की जिम्मेदारी होती है। हम इस जिम्मेदारी को निभाने के लिये प्रतिबद्ध हैं। श्री शेखावत ने कहा कि तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण आवास की मांग बढ़ रही है। समय रहते हम सभी को मिलकर इसे पूरा करना है। नगरीय विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश के अधिकांश शहरों के मास्टर प्लान बन गये हैं तथा वहां लैंड बैंक की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है।
मुख्य सचिव श्री सीएस राजन ने आज लागू हुई दोनों नीतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी से विचार-विमर्श के पश्चात पुरानी कमियों को दूर कर नवीन स्वरूप में इन्हें प्रस्तुत किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (यूडीएच) श्री अशोक जैन ने मुख्यमंत्री जनआवास योजना एवं राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिये भूमि आवंटन नीति के प्रारूप, उद्देश्य एव प्रावधानों के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य श्री कालीचरण सराफ, श्री यूनुस खान, श्री प्रभुलाल सैनी, डाॅ. रामप्रताप, श्री राजकुमार रिणवा, श्री अर्जुनलाल, महापौर श्री निर्मल नाहटा व विभिन्न विभागों के अति. मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव एवं रीयल एस्टेट तथा बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद थे।