OmExppress News / New Delhi / केंद्र द्वारा राज्य सरकारों को यात्री वाहन चलाने का निर्णय लेने की शक्ति देने के बाद, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई ऑटो चालक सोमवार को सड़कों पर उतर आए और राज्य सरकार से लॉकडाउन में छूट देने की मांग की। मंडावली क्षेत्र के ऑटो चालकों ने बताया कि वे चाहते हैं कि दिल्ली सरकार सड़कों पर तिपहिया वाहनों की अनुमति दे।
ऑटो चालकों ने कहा कि वे कोविड-19 के लिए सरकार द्वारा बनाए गए सभी दिशा निर्देशों का पालन करेंगे। ऑटो चालक लॉकडाउन में छूट की मांग कर रहे हैं ताकि महीनों से बंद पड़ा ऑटो कारोबार चालू हो सके जिससे उनकी आमदनी हो। ऑटो चालकों ने दावा किया कि वे एक ऑटो में एक से अधिक सवारी को नहीं ले जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अगर लॉकडाउन खुल भी जाता है तो आमदनी उतनी नहीं होगी जितनी पहले होती थी। लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, रेल और विमान सेवाएं भी रद्द हैं। विदेशी और अन्य राज्यों के पर्यटक भी नहीं आ रहे हैं जिससे उन्हें सवारियां नहीं मिल रही हैं।
कुछ ऑटो चालकों की मांग यह भी है कि एक सवारी का मिलना मुश्किल होता है इसलिए उन्हें एक ऑटो में कम से कम दो सवारियों को बैठाने की अनुमति मिलनी चाहिए। ऑटो चालकों ने सरकार को भरोसा दिलाया है कि वे ओवरलोडिंग नहीं करेंगे, इसलिए उन्हें रोजगार शुरू करने के लिए अनुमति दी जाए।
क्षेत्र के कई अन्य ऑटो-चालकों का कहना है कि उन्हें उनके मकान मालिकों द्वारा किराए के लिए परेशान किया जा रहा है। दो महीनों से चल रहे लॉकडाउन के कारण उनकी आमदनी बंद हो गई है जिससे उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में परेशानी हो रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि कई ऑटो ड्राइवर, जो उत्तर प्रदेश और बिहार से हैं वे लोखड़ौन की घोषणा के बाद अपने मूल स्थानों को लौट गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लॉकडाउन के चौथे चरण के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में लागू किए जाने वाले दिशानिर्देशों की घोषणा कर सकते हैं। रविवार को केंद्र द्वारा लॉकडाउन के चौथे चरण की घोषणा की गई थी।
बता दें, पिछले महीने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने राज्य के सभी ऑटो रिक्शा, टैक्सी और ई-रिक्शा चालकों को लॉकडाउन के दौरान 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का आश्वाशन दिया था। उन्होंने कहा था कि सभी ऑटो चालकों को 7-10 दिन के अंदर सहायता राशि उनके बैंक अकाउंट में जमा कर दी जाएगी।