बीकानेर। कैंसर से डरें नहीं लड़ें, कैंसर गंभीर बीमारी जरूर है लेकिन पूर्णत: इलाज से इस पर नियंत्रण भी पाया जा सकता है। यह विचार वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. जितेन्द्र नागल ने नांगल कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के शुभारम्भ अवसर पर व्यक्त किए। आचार्य तुलसी कैंसर हॉस्पिटल द्वार के सामने, मेडिकल कॉलेज रोड स्थित श्रीमती उमादेवी भतमाल मेमोरियल नांगल कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. नांगल ने बताया कि अस्पताल का शुभारम्भ सुशीला देवी चौपड़ा ने किया। सुशीला देवी चौपड़ा स्वयं सात वर्ष पूर्व कैंसर रोग से पीडि़त थीं इन्हें पित्त की थैली का कैंसर था जिसका सफल ऑपरेशन करके इन्हें कैंसर रोग से मुक्त किया गया। इस अवसर पर सुरेन्द्र कुमार नांगल, रामा देवी नांगल सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे। अस्पताल में निश्चेतन एवं क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. सविता राठी तथा दर्द रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश तंवर सहित अन्य अनुभवी चिकित्सक व स्टाफ अपनी सेवाएं देंगे।
यह है विशेषता
निदेशक डॉ. जितेन्द्र नांगल ने बताया कि स्तन कैंसर, मुंह, गला एवं थाइराइड कैंसर, आहार नली कैंसर, गेस्ट्रो ओंकोलॉजी, यूरो ओंकोलॉजी, गायनी ओंकोलॉजी, लीवर एवं अग्नाश्य कैंसर, बोन, सॉफ्ट टिसूज आदि कैंसर का इलाज किया जाता है। डॉ. जितेन्द्र ने बताया कि सभी तरह की जटिल सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है तथा डे केयर कीमोथैरेपी, कैंसर जांच व निदान अत्याधुनिक सुविधाओं व संसाधनों से किया जाता है। डॉ. नांगल ने बताया कि शीघ्र ही लेप्रोस्कॉपी, दूरबीन से ऑपरेशन, रोबोटिक सर्जरी सहित सभी बेहतर सुविधाएं अस्पताल में उपलब्ध करवाई जाएगी।
नियंत्रण से ही इलाज
आचार्य तुलसी कैंसर रिसर्च सेंटर में पूर्व सहायक आचार्य रहे डॉ. जितेन्द्र नांगल बताते हैं कि कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू, जर्दा व धूम्रपान है। इसके साथ ही खान-पान तथा रहन-सहन भी कैंसर का एक बड़ा कारण हो सकते हैं। प्रथम स्टेज पर ही इलाज न करवाना व स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतना भी कैंसर रोग का बड़ा कारण है। कैंसर कोई संक्रामक बीमारी नहीं है, बल्कि सही समय पर इलाज करवाने से इस पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है।