OmExpress News / New Delhi / डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने एक ऐसा अल्ट्रावॉयलेट डिसइंफेक्शन टावर बनाया है, जो बहुत ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों को भी बिना किसी रसायन के कुछ ही मिनटों में असंक्रमित कर देगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ‘यूवी ब्लास्टर’ नाम के इस अल्ट्रावॉयलेट सैनिटाइजर का इस्तेमाल ऐसी जगहों पर ज्यादा आसानी से किया जाएगा, जहां रसायनों का छिड़काव करने में मुश्किलें होती हैं। बता दें कि डीआरडीओ की ओर से हाल ही में कोरोना के खिलाफ जंग में एक माइक्रोवेव स्टरलाइजर भी बनाया गया है। DRDO Ultraviolet Disinfection Tower
यूवी ब्लास्टर सैनिटाइजर
कोरोना वायरस से जारी जंग में इस वक्त देश को बड़े पैमाने पर डिसइंफेक्शन उपकरणों की आवश्यकता है। ज्यादातर डिसइंफेक्शन उपकरणों में रसायनों का इस्तेमाल होता है, जो हम अक्सर इन दिनों सड़कों पर छिड़काव करते देख रहे हैं। लेकिन, डीआरडीओ ने ‘यूवी ब्लास्टर’ नाम का एक यंत्र विकसित किया है, जो एक अल्ट्रावॉयलेट एरिया सैनिटाइजर है।
DRDO develops UV Disinfection Tower https://t.co/qnv7HlO7v8
— DRDO (@DRDO_India) May 4, 2020
सोमवार को रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि, ‘यूवी ब्लास्टर प्रयोगशालाओं, दफ्तरों में रखे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, कंप्यूटर और दूसरे हाई टेक सतहों के लिए उपयोगी है, जहां रसायनिक तरीकों से डिसइंफेक्शन करना उपयोगी नहीं है। यह प्रोडक्ट ऐसी जगहों पर भी प्रभावी हो सकता है जहां लोगों की ज्यादा मौजूदगी रहती है, जैसे कि एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल्स, मेट्रो, होटलों, फैक्ट्रियों और दफ्तरों आदि में।’
भीड़-भाड़ वाले इलाकों के लिए भी उपयोगी
यूवी ब्लास्टर की डिजाइन डीआरडीओ के दिल्ली स्थित एक प्रतिष्ठित लैब लेजर साइंस और टेक्नोलॉजी सेंटर (LASTEC) ने तैयार की है। इस उपकरण को तैयार करने में गुरुग्राम स्थित न्यू एज इंस्ट्रूमेंट्स एंड मैटेरियल्स प्राइवेट लिमिटेड भी सहभागी है। खास बात ये है कि यूवी बेस्ड एरिया सैनिटाइजर को लैपटॉप या मोबाइल पोन की वाई-फाई लिंक से भी ऑपरेट किया जा सकता है।
इस उपकरण में यूवी-सी पावर के 43 वॉट के 6 लैंप लगाए गए हैं, जो 12X12 फीट के कमरे को 10 मिनट में 400X400 फीट के एरिया को 30 मिनट में डिसइंफेक्ट करने में सक्षम है। जिस समय इस यूपी सैनिटाइजर के जरिए रूम को डिसइंफेक्ट करने का काम किया जाएगा और कोई गलती से कमरे में दाखिल हो गया तो यह खुद ब खुद स्विच ऑफ हो जाएगा। DRDO Ultraviolet Disinfection Tower
माइक्रोवेव स्टरलाइजर का हो चुका है निर्माण
कुछ दिन पहले कोरोना के खात्मे के लिए डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी पुणे और डीआरडीओ ने मिलकर एक माइक्रोवेव स्टरलाइजर का भी निर्माण किया था। इस उपकरण का नाम ‘अतुल्य’ रखा गया है। इसके बारे में रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि कोरोना वायरस 560-600 डिग्री तापमान में खत्म हो जाता है। इसी के आधार पर डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी पुणे ने माइक्रोवेव स्टरलाइजर तैयार किया है। ये उपकरण पोर्टेबल है, जिसको कहीं पर भी आसानी से रखा जा सकता है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इसका परीक्षण कर लिया गया है, जो इंसानों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। ये सिर्फ तीन किलोग्राम का है, ऐसे में इसे आसानी से कहीं पर ले जाया जा सकता है। वहीं किसी चीज को संक्रमण मुक्त करने के लिए इसे 30 सेकेंड से एक मिनट तक का वक्त लगेगा। ये वक्त उस चीज के साइज पर निर्भर करेगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इसका उपयोग नॉन मैटेलिक चीजों के लिए ही किया जा सकता है।