OmExpress News / New Delhi / कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले छह दिनों से जारी किसान आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए आज केंद्र सरकार ने किसान संगठनों के नेताओं के साथ दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक की। (Farmers Turn Down Center Offer)
समिति बनाने का ऑफर, पांच नाम मांगे
बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को एक समिति बनाने का ऑफर दिया जिसके लिए किसान संगठनों से चार-पांच नाम भी मांगे गए। हालांकि किसानों ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कृषि कानून वापस लेने पर अड़े हुए हैं। किसानों के साथ केंद्र सरकार की यह बैठक अब संपन्न हो गई है, बातचीत में दोनों पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि 3 दिसंबर को एक बार फिर से बैठक आयोजित की जाएगी।
बैठक संपन्न होने के बाद मीडिया से बात करते हुए कंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ तीसरे चरण की वार्ता आज संपन्न हो गई है, हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि 3 दिसंबर को एक बार फिर चर्चा करेंगे। उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी किसान परसों तक किसी नतीजे पर पहुंच जाएंगे और सभी बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।
हमारा आंदोलन रहेगा जारी : चंदा सिंह
वहीं, किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह ने कहा कि फिलहाल हमें सरकार के कोई खुशखबरी नहीं मिली है, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। सरकार से कुछ लेकर जाएंगे। सरकार अगर शांति चाहती है तो लोगों का मुद्दा हल करे। हम मुलाकात के लिए परसों फिर आएंगे।
Delhi: Union Ministers Narendra Singh Tomar and Piyush Goyal hold meeting with farmers' leaders at Vigyan Bhawan.#FarmLaws pic.twitter.com/zL4PNsQHtZ
— ANI (@ANI) December 1, 2020
गौरतलब है कि किसान आंदोनल के चलते केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। दिल्ली बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान सड़कों को अवरुद्ध कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब-हरियाणा से आए भारी संख्या में किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार हाल ही में बनाए गए नए कृषि कानूनों को वापस ले।
इस बीच किसानों ने केंद्र सरकार पर बात करने का भी दवाब बनाया जिसे आज सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में आज (मंगलवार) केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठन के नेताओं के साथ बैठक की।
किसानों को नहीं आया सरकार का प्रस्ताव पसंद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान किसान संगठन के एक प्रतिनिधि ने कहा कि हजारों की संख्या में किसान कृषि कानून को वापस लेने के लिए सड़कों पर उतरे हैं। इस बीच कृषि मंत्री ने कहा कि आप हमें अपने संगठन से चार-पांच नाम दीजिए, हम एक समिति बना देते हैं जिसमें सरकार के लोग और कृषि विशेषज्ञ भी होंगे।
ये समिति कृषि कानूनों पर चर्चा करेगी। किसानों को केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव पसंद नहीं आया और उन्होंने इसे ठुकरा दिया। बैठक में किसानों ने कहा कि सरकार ऐसा कानून लाई है जिससे हमारी जमीने बड़े कॉरपोरेट ले लेंगे, आप इस कानून में कॉरपोरेट को मत लाइए।
मिली जानकारी के मुताबिक किसानों के एक अन्य प्रतिनिधि ने कहा कि अब समिति बनाने का समय नहीं है। सरकार कहती है कि हम किसानों का भला करना चाहते हैं और हम कहते हैं कि आप हमें हमारे हाल पर ही छोड़ दें।
नए कानून को बताया किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’
सूत्रों के मुताबिक किसानों ने समिति बनाने पर आपत्ति नहीं जताई है लेकिन उन्होंने सरकार के सामने शर्त रखी है कि समिति का निष्कर्ष निकलने और किसी ठोस फैसले पर पहुंचने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच सरकार ने किसानों की समस्या का जल्द समाधान करने के लिए समिति रोजाना बैठकर चर्चा करने का भी प्रस्ताव दिया है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने नए कानून को किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’ बताया है।