बीकानेर । राज्यपाल श्री कल्याण सिंह बीकानेर की तीन दिवसीय यात्रा के तहत रविवार सायं बीकानेर पहुंचे। बीकानेर के नाल हवाई हड्डे पहुंचने पर जिला कलक्टर आरती डोगरा, पुलिस अधीक्षक संतोष चालके, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ए के गहलोत, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बी आर छींपा, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ चंद्रकला पाडिया, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) राजेश कुमार चौहान ने राज्यपाल की अगवानी की। श्री सिंह नाल हवाई अड्डे से सर्किट हाउस पहुंचे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
सर्किट हाउस पहुंचने पर श्री सिंह से बीकानेर पश्चिम के विधायक डॉ गोपाल कृष्ण जोशी, खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल, सांगोद (कोटा) विधायक हीरालाल नागर, राजस्थान राज्य अभिलेखागार के निदेशक डॉ महेन्द्र खड़गावत, सलीम भाटी, प्रेमरतन जोशी सहित तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों आदि ने शिष्टाचार भेंट की।
श्री सिंह कल स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के तेरहवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। वे 28 अप्रैल को सुबह साढे दस बजे वेटरनरी विश्वविद्यालय के कोडमदेसर स्थित पशुधन अनुसंधान केन्द्र जाएंगे। जहां स्वदेशी पशुओं (साहीवाल गौवंश) के जनन फॉर्म पर स्वदेशी पशु नस्लों के लिए जुटाई गई आधारभूत सुविधाओं का उद्घाटन करेंगे तथा अनुसंधान केन्द्र पर पशुपालकों एवं ग्रामीणों से चर्चा करेंगे। श्री सिंह इसके बाद कोडमदेसर भैंरू जी के दर्शन करेंगे तथा पुनः सर्किट हाउस आएंगे। श्री सिंह 28 अप्रैल को अपराह्न 4 बजे राजकीय विमान से जयपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।
राज्यपाल से मुलाकात के दौरान विजय मोहन जोशी ने मिलकर बताया कि गत कुछ समय से महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की कुछ कक्षाओं के किसी एक विषय में परीक्षा देने वाले सभी छात्रों के या तो शून्य अंक आए या कुछ प्रकरणों में बहुत कम अंक होत हैं। जोशी ने बताया कि जो छात्रा सीनियर सैकण्डरी में सत्तर से अस्सी प्रतिशत नंबर लाता है, वह प्रथम वर्ष या द्वितीय वर्ष में किसी एक विषय मे ंफेल हो जाता है, ऐसा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच सही तरह से नहीं होने कारण अथवा यदा-कदा नंबरों के इ्रद्राज करने की त्राुटि के कारण हो सकता है। राज्यपाल ने इस प्रकरण पर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति को निर्देश दिए जाएंगे कि वे ऐसे प्रकरणों को चिन्ह्ति कर उत्तरपुस्तिकाओं की जांच सही ढंग से करवाएं, अगर कहीं प्राध्यापकों या विश्वविद्यालय स्टॉफ स्तर की गलती से हुआ है, तो छात्रों को उचित न्याय दिलाया जाएगा।
सभी विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपतियों की नियुक्ति शीघ्र की जाएगी-राज्यपाल
राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा कि प्रदेश के जिन विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपति नहीं हैं, उन विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपतियों की नियुक्ति शीघ्र ही की जाएगी।
श्री सिंह रविवार को बीकानेर के सर्किट हाउस में पत्राकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई भी विश्वविद्यालय ऐसा नहीं रहेगा, जहां स्थाई कुलपति न हो। साथ ही ऐसे सभी विश्वविद्यालय जिन्होंने वर्ष 2014 तक की डिग्रियां वितरित कर दी जाएंगी, उन विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह भी शीघ्र ही आयोजित किए जाएंगे। सभी विश्वविद्यालय इस ओर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में और अधिक सुधार करने के लिए आगामी 5 मई को जयपुर में राज्य के सभी 26 राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एकदिवसीय कांफ्रेंस आयोजित की जाएगी। इसके लिए सभी कुलपतियों को 25 बिंदुओं का एजेंडा पूर्व में दिया गया है। कांफ्रेंस के दौरान इन बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।
राज्यपाल श्री सिंह ने शनिवार को नेपाल और भारत के विभिन्न राज्यों में आए भूकंप पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि भूकंप से जान-माल की बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में भारत सरकार नेपाल के साथ है। उन्होंने कहा कि भूकंप पीड़ितों की सहायता करना मानवीय दृष्टिकोण से जुड़ा मुद्दा है। गत दिनों बेमौसम हुई ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान पर भी उन्होंने अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने मुआवजे के पुराने नियमों में बदलाव किया है, जिससे किसानों का राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में पचास प्रतिशत खराबे पर किसानों को मुआवजा मिलता था, अब इसमें बदलाव करते हुए 33 प्रतिशत खराबे पर मुआवजा दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
बीकानेर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की ली जानकारी
श्री सिंह ने अधिकारियों और पत्राकारों से बातचीत करते हुए बीकानेर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त की। श्री सिंह को जब बताया गया कि यहां का रसगुल्ला बहुत प्रसिद्ध है, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने आते ही रसगुल्ला चख लिया है। उन्होंने राव बीका और इसके बाद बीकानेर राजघराने के विभिन्न महाराजाआंे के शासन काल के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा पूछा कि क्या बीकानेर में कभी कोई युद्ध हुआ? श्री सिंह ने यहां के एतिहासिक जूनागढ़ किले की स्थापत्य शैली और इसकी भव्यता के बारे में जानकारी प्राप्त की। वहीं देशनोक की विश्वप्रसिद्ध करणीमाता के मंदिर और यहां पाए जाने वाले सफेद चूहों ‘काबांे’ के बारे में जानकार अभिभूत हो गए।
पानी की उपलब्धता और खनिज सम्पदा के बारे में भी जाना
राज्यपाल श्री सिंह ने बीकानेर जिले में सिंचाई और पीने के लिए पानी की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। जब उन्हें बताया गया कि महाराजा गंगासिंह द्वारा बनवाई गई गंगकैनाल लगभग 1400 किलोमीटर क्षेत्रा में प्रदेश के नौ जिलों में पेयजल की आपूर्ति करती है, तो उन्होंने ंतात्कालिक शासन व्यवस्था की दूरदर्शिता की सराहना की। श्री सिंह ने यहां की फसलों और खनिज सम्पदा के अलावा प्राथमिक, माध्यमिक एवं तकनीकी शिक्षा की स्थिति पर भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यहां के विश्वविद्यालयों, राजस्थान राज्य अभिलेखागार और उस्ताकला के बारे में भी जाना।
राज्यपाल ने कहा, मैंने भी चलाया है हल
श्री सिंह ने बीकानेर की प्रमुख फसलों एवं यहां की खेती की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। जब उन्हें बताया कि गया कि राजस्थान के पश्चिमी इलाके में गत वर्षो में ग्वार की फसल ने किसानों को निहाल कर दिया है। इससे किसानों को बड़ा आर्थिक लाभ हो रहा है तथा इस क्षेत्रा में पैदा हुई ग्वार को विदेशों में भेजा जा रहा है। इस पर राज्यपाल श्री सिंह ने बताया कि उत्तरप्रदेश में ग्वार को ‘दरहरी’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं किसान हैं और उन्होंने दरहरी की खेती की है। उन्होंने बताया कि उन्होंने भी हल चलाया है। श्री सिंह ने लगभग पौने घंटे तक बीकानेर के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा की।