बीकानेर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह ने कहा कि देश के विकास में गांवों की भूमिका अहम है। विकसित गांव से ही विकसित देश की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। इसी कारण राज्य के विश्वविद्यालयों ने गांव गोद लेने की अभिनव पहल की है। इसके सार्थक परिणाम आ रहे हैं।
श्री सिंह शुक्रवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव कोटड़ी (जोड़बीड़) में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में छह लाख से अधिक गांव हैं तथा देश की तीन चौथाई आबादी गांवों में रहती है। वे स्वयं गांव में पैदा हुए हैं तथा गांव की प्रत्येक समस्या से वाकिफ हैं। गांवों में आधारभूत सुविधाओं की वृद्धि तथा शिक्षा, चिकित्सा की विशेष व्यवस्थाएं करना जरूरी है। इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने कुलाधिपति का कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रत्येक विश्वविद्यालय को कम से कम एक-एक गांव गोद लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुलपतियों को निर्देश दिए गए कि प्रत्येक विश्वविद्यालय अपनी क्षमता के अनुसार गांव के विकास में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान वे उस विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव का दौरा जरूर करते हैं।
बालिका शिक्षा पर दिया जोर
श्री सिंह ने कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की साक्षरता दर कम है। महिलाओं की स्थिति अब भी चिंताजनक है। उन्हांेने कहा कि हमें इस ओर भी ध्यान देना होगा तथा यह संकल्प लेना होगा कि अब कोई बेटी निरक्षर नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि बेटी को पराया धन नहीं समझना चाहिए बल्कि उसे अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाएं, जिससे शादी के बाद वह दूसरे घर में जाए, तो वहां भी अपने कुल का नाम रोशन करे।
गांवों में ना रहे विकृतियां
राज्यपाल ने कहा कि हमें नशाखोरी मुक्त, अपराध मुक्त और मुकदमा मुक्त गांवों की परिकल्पना को साकार करना होगा। इसके लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। साथ ही उन्होंने बाल विवाह और मृत्युभोज जैसी कुरीतियांे को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांवों में सभी मिलजुल कर भाईचारे के साथ रहें तथा गांव आदर्श गांव बनें।
लिखित में भेजें समस्याएं, प्राथमिकता से होगा निराकरण
श्री सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांव से संबंधित समस्याओं को लिखित में जिला कलक्टर को प्रस्तुत करें। जिला स्तर की प्रत्येक समस्या का समाधान कलक्टर द्वारा करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो समस्याएं सरकार स्तर की हैं, उनके समाधान के लिए राजभवन की रिपोर्ट के साथ संबंधित विभाग को लिखा जाएगा। आवश्यकता के अनुरूप संबंधित मंत्राी एवं मुख्यमंत्राी को भी इससे अवगत करवाया जाएगा।
बदल गई है कोटड़ी की तस्वीर
राज्यपाल ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय द्वारा गांव में आधारभूत सुविधाओं के लिए किए गए कार्यों की सराहना की तथा कहा कि पिछले आठ-दस महिनों में कोटड़ी की तस्वीर बदल गई है। उन्होंने कहा कि यह शुरूआत है, अभी गांव में और अधिक कार्य होंगे।
…….तब पेड़ के नीचे बैठकर सुनीं समस्याएं
राज्यपाल ने कहा कि जब वे उदयपुर के एक विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव के दौरे पर गए तो छोटे-छोटे बच्चों को देखकर रूक गए और एक पेड़ के नीचे बैठकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में पुल नहीं हैं, जिससे बरसात के दिनों में कम से कम चार माह उन्हंे परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर उन्होंने तत्काल विभागीय अधिकारियों को बुलाया और पुल का तकमीना बनाने के निर्देश दिए, फिर सरकार से इसकी स्वीकृति दिलाई। उन्होंने कहा कि आज लगभग 80-85 लाख रूपये की लागत से वह पुल बनकर तैयार हो चुका है तथा वहां आवागमन चालू हो गया है।
सुनीं समस्याएं, दिए निस्तारण के निर्देश
इससे पहले राज्यपाल ने ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं को सुना। ग्रामीणों ने कोटड़ी में श्मशान भूमि की चारदीवारी निर्माण, खेल मैदान बनाने, विद्यालय को उच्च प्राथमिक से माध्यमिक तक क्रमोन्नत करने, कोटड़ी को राजस्व गांव का दर्जा दिलाने, पानी की टंकी तथा पशुचिकित्सालय बनवाने, गोपालकों के लिए भूमि आवंटित करवाने सहित विभिन्न समस्याएं रखीं। राज्यपाल ने सभी जनसमस्याओं को सुना और जिला कलक्टर को इनकी वस्तुस्थिति की जानकारी तथा निस्तारण के निर्देश दिए।
‘टाबर फोड़ा नीं देखे, इसकूल दस ताई करवाय दो’
जनसुनवाई के दौरान राज्यपाल ने महिलाओं को समस्याएं रखने को कहा तो वृद्धा रामी ने उच्च प्राथमिक स्कूल को सैकण्डरी तक क्रमोन्नत करने की मांग करते हुए कहा, ‘टाबरां ने आठ ताई पढ़यां पछै बारे जावणौ पड़ै, इसकूल दसवीं ताई करवाय दो’। वहीं झूमा ने वृद्धावस्था पेंशन बंद होने की जानकारी दी तथा इसके चालू करवाने की मांग रखी तो सुरजा ने बीपीएल होते हुए चयनित के लाभ दिलवाने का आग्रह किया।
विकास के होंगे सतत प्रयास
कुलपति डॉ चंद्रकला पाडिया ने कहा कि राज्यपाल के निर्देशानुसार गोद लिए गांव में विकास के सतत प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गांव की समस्याओं के निराकरण की योजना तैयार की गई है। विश्वविद्यालय द्वारा अब तक गांव में पेयजल टंकी का जीर्णोद्धार करवाया गया है। सामुदायिक भवन में चारदीवारी का कार्य, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र , विद्यालय की चार दीवारी का जीर्णोद्धार, विद्यालय में कम्प्यूटर लेब की स्थापना, इंटरनेट की सुविधा, खेलकूद सामग्री उपलब्ध करवाने, पुस्तकालय विकसित करने जैसे कार्य करवा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव के विद्यार्थियों को स्नातकोतर स्तर की पढ़ाई निःशुल्क करवाने का प्रस्ताव बोम की आगामी बैठक में रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार द्वारा गांव में भूमि उपलब्ध करवाने की स्थिति में दानदाताओं के सहयोग से गांव में अस्पताल बनवाने की बात भी कही।
शैक्षणिक विकास के प्रयास सराहनीय
कोलायत विधायक भंवर सिंह भाटी ने कहा कि कोटड़ी में विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक विकास के लिए किए गए कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने ग्रामीणों को गांव की प्राथमिक आवश्यकताओं की सूची बनाने के लिए कहा तथा इनके लिए विधायक कोष द्वारा आगामी तीन वर्षों में दस लाख रूपये की सहायता का विश्वास दिलाया। उन्होंने पूर्व महाराजा स्वर्गीय गंगासिंह को कुशल प्रशासक बताया तथा कहा कि महाराजा गंगासिंह ने सीमित संसाधनों के बावजूद शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्रा में जो कार्य किए, वे सदैव याद रखे जाएंगे। गाढवाला सरपंच रामेश्वर लाल कूकणा ने कोटड़ी का चयन किए जाने के लिए कुलाधिपति और कुलपति का आभार जताया।
इस अवसर पर जिला प्रमुख सुशीला सींवर, प्रधान राधा देवी सियाग, जिला कलक्टर पूनम, पुलिस अधीक्षक अमनदीप सिंह कपूर सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव भंवर सिंह चारण ने आभार जताया।
विकास कार्यों का किया लोकार्पण
इससे पहले राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कोटड़ी के सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार, चारदीवारी एवं अन्य निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा उच्च प्राथमिक विद्यालय के कम्प्यूटर कक्ष और पुस्तकालय का फीता काटकर उद्घाटन किया तथा प्रधानाचार्य कक्ष एवं खेलकूद कक्ष का अवलोकन किया।