Modi-Shinzo Abe
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भारत में दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, भारत-जापान में हुई डील

नई दिल्ली। भारत और जापान के बीच आज बुलेट ट्रेन पर डील हो गई। इस डील के बाद भारत में बुलेट ट्रेन चलाने का नरेंद्र मोदी का सपना पूरा होने जा रहा है। करीब 98 हजार करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाली इस परियोजना के लिए दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक साझा बयान जारी किया।

मोदी ने कहा कि इस समझौते के बाद मुंबई-अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाने का सपना साकार होने जा रहा है। इसके लिए हम जापान का तहे दिल से शुक्रगुजार हैं। दोनों देश वर्षों से एक-दूसरे का सहयोग करते आ रहे हैं और इसमें जापान की अहम भूमिका रही है।

इसके अलावा उन्होंने रक्षा क्षेत्र में भी जापान की मदद से कई अहम समझौते करने की बात कही। उन्होंने हाल ही में बंगाल की खाड़ी में हुए संयुक्त भारत-जापान नौसेना के संयुक्त अभ्यास की बात भी कही। इस नौसैनिक अभ्यास में अमेरिकी नौसेना भी शामिल थी।

भारत-जापान बिजनेस फोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को केवल हाई स्‍पीड ट्रेन ही नहीं, बल्कि हाई स्‍पीड तरक्‍की भी चाहिए। उद्योगपतियों के इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, जापान भारत से कार आयात करेगा। जापान में मिशन मेक इन इंडिया है और जापानी कंपनी की कार भारत में बनेंगी।

वहीं, जापान के पीएम शिंजो आबे ने भी इस अवसर पर कहा कि मजबूत भारत जापान के लिए अच्छा है और मजबूत जापान भारत के लिए अच्छा है। उन्‍होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां बुलेट ट्रेन की तरह हैं। नीतियों को लागू करने के लिए गति बेहद महत्वपूर्ण है।

उल्‍लेखनीय है कि जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे के भारत दौरे का आज दूसरा दिन है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी सालाना शिखर वार्ता होगी, जहां दोनों देशों के बीच भारत की पहली बुलेट ट्रेन नेटवर्क के लिए 98,000 करोड़ रुपये के करार के साथ-साथ कई अहम समझौते होने की उम्मीद है। वार्ता के बाद दोनों प्रधानमंत्री वाराणसी जाएंगे, जहां दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती में होंगे शामिल।

विशेष रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने पर होगा ज़ोर होगा
वार्ता में दोनों देशों के बीच बेहतर तालमेल बिठाने और विशेष रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने पर ज़ोर होगा। शिखर वार्ता के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्री पिछले एक साल में लिए गए द्विपक्षीय फ़ैसलों पर प्रगति की समीक्षा करेंगे। पिछले साल टोक्यो में हुई शिखर वार्ता के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों का स्तर बढ़ाकर विशेष सामरिक और वैश्विक भागीदारी के स्तर पर ले जाने पर सहमति जताई थी।