बीकानेर । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र सार्दुल गंज की ओर से महाशिवरात्रि महोत्सव पर मंगलवार को ध्वजारोहण तथा महाशिवरात्रि के आध्यात्मिक महत्व पर विशेष प्रवचन सहित अनेक अनुष्ठान हुए।
विधायक डॉ.गोपाल जोशी, केन्द्र की संभाग प्रभारी बी.के.कमल ने शिव ध्वज फहराया तथा सबके आध्यात्मिक उन्नति, व्यसन मुक्ति तथा एकता एवं स्नेह का शुभ संकल्प दिया। डॉ.जोशी ने कहा कि शिवरात्रि के दिन परमात्मा शिव का प्रार्दुभाव हुआ है । उन्होंने कहा कि कोई भी इंसान या देवता किसी की पूजा तभी करता है जब उससे गुणों और विशेषताओं में श्रेष्ठ और बड़ा होता है। उससे शक्तियां लेनी हो, वह आराध्य हो। परमपिता शिव परमात्मा सभी देवों के भी महादेव हैं, उनकी पूजा और आराधना किसी न किसी रूप में देवी-देवताओं ने की है। सर्व शक्तिमान परमपिता परमात्मा शिव सभी देवों के देव हैं। विश्व के सभी धर्मों में किसी न किसी रूप् में उनकी पूजा आराधना की जाती है। शिव के आदर्शों से प्रेरणा ले तथा अपने में व्याप्त बुराइयों को दूर करें।
संभाग प्रभारी बी.के. कमल ने ’’ परमात्मा शक्ति द्वारा महापरिवर्तन’’ विषयक विशेष प्रवचन मंे कहा कि शिव अर्थात कल्याणकारी,मंगलकारी,शुभकारी, पापनाशक व मुक्ति दाता। परमात्मा शिव तो दुःख हर्ता, सुखकर्ता है। ’शिव’ परमपिता परमात्मा का ही कर्तव्य वाचक नाम है। परमात्मा कभी किसी को दुःख नहीं देते हैं। वे तो दुखों से छुड़ाने वाले, पतितों को पावन बनाने वाले हैं। मनुष्य को सुख-दुख तो अपने किए कर्मों के आधार पर ही मिलता है। मनुष्य आत्मा इस सृष्टि रूपी रंगमंच पर जो भी अच्छे-बुरे कर्म करती है, उसी के फल स्वरूप् वह सुख-दुख भोगती है। परमात्मा का मुख्य कार्य अधर्म का नाश व सत्य धर्म की स्थापना है।
उन्होंने कहा कि शिवरात्रि के दिन शिव अवतरण से ही पूरे विश्व में नई संस्कृति,नए समाज व नई दुनियां की तैयारी का सिलसिला शुरू होता है। शिवरात्रि के दिन सुख, शांति, प्रेम, पवित्रता और आनंद को धारण करने का शुभ संकल्प करें। इस अवसर पर बालिका रिया ने आध्यात्मिक भक्ति गीत पर स्वागत नृत्य पेश किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग की सेवानिवृत अधिकारी सुमन सिंह ने किया।
कार्यक्रम स्थल पर स्थापित 4 फीट के ज्योर्तिलिंग की पूजा विधायक गोपाल जोशी व अन्य अतिथियों ने की। आश्रम में दिन भर श्रद्धालुओं ने शिव पंचाक्षर मंत्र ’’नमः शिवाय’’ के साथ शिवलिंग की पूजा अर्चना व स्तुति वंदना की।