बीकानेर। जिला कलक्टर डॉ. एन.के.गुप्ता ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि लू-तापघात से आमजन के बचाव के सम्बन्ध में चिकित्सालयों में सभी आवश्यक इन्तजाम सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि तेज गर्मी के कारण लू-तापघात रोगी होने की आशंका बढ़ रही है, ऐसी स्थिति में चिकित्सा संस्थानों में इस संबंध में पुख्ता व्यवस्थाएं की जाएं।


निर्देशानुसार चिकित्सा संस्थानों के एक वार्ड में कुछ बैड लू-तापघात के रोगियों के उपचार हेतु आरक्षित रखे जाएं। वार्ड का वातावरण कूलर व पंखे से ठंडा रखा जाए व बिजली की व्यवस्था सुचारू रूप से रखी जाए। मरीज तथा उसके परिजनों के लिये शुद्ध व ठंडे पेयजल की व्यवस्था रखी जाए। संस्थान में रोगी के उपचार हेतु आपातकालीन किट में ओआरएस ड्रिपसेट, जी.एन.एस, जी डी डब्ल्यू, रिगरलेकटेट (आर.एल) फ्लूड एवं आवश्यक दवाईयां तैयार रखी जाएं। चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ इस दौरान डयूटी के प्रति सतर्क रहें। जनसाधारण को लू तापघात से प्रभावित होने पर बचाव के उपायों की जानकारी प्रचार-प्रसार के माध्यमों से दी जाए। जिला स्तर पर स्वयंसेवी संस्थाओ से सम्पर्क कर उन्हें विभिन्न स्थानों पर पीने के पानी हेतु वाटर कूलर लगाने हेतु प्रेरित करें। जिले के अन्य विभागों से समन्वय बनाते हुए कार्य सम्पादित करवाया जाए। रैन बसेरों में रहने वाले लोगों को लू-तापघात संबंधित जानकारी दी जाए एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से सम्पर्क कर रैन बसेरों में कूलर एवं पीने के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था कराई जाए।

बचाव के लिए क्या करें-  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेन्द्र चैधरी ने आमजन को गर्म हवा (हीट वेव) से बचाव की जानकारी देते हुए बताया कि गर्म हवा की स्थिति जानने के लिए रेडियो, टीवी, समाचार पत्रा पर स्थानीय मौसम पूर्वानुमान की जानकारी ली जाए। पानी ज्यादा पियें, जिससे शरीर में पानी की कमी से होने वाली बीमारी से बचा जा सके। हल्के व ढीले सूती वस्त्रा पहनें जिससे शरीर तक हवा पहुंचे और पसीने को सोखकर शरीर ठण्डा रह सके। धूप में बाहर जाने से बचें, बहुत जरूरी हो तो धूप का चश्मा, छाता, टोपी पहन कर निकलें, साथ में पानी की बोतल रखें। ओआरएस का घोल पियें तथा नींबू पानी, कच्चे आम का पना, लस्सी आदि का सेवन करें जिससे शरीर में पानी की कमी न हो। गर्मी से उत्पन्न बीमारियों सम्बन्धी तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें। जानवरों को छायादार स्थान पर रखें और उन्हें पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी दें। घर को ढककर, पेंट लगाकर ठण्डा रखा जा सकता है। कार्यस्थल पर पानी की समुचित व्यवस्था रखें।
क्या न करें-
धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें, गहरे रंग के भारी एवं तंग वस्त्रा न पहनें, खाना बनाते समय, खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें, नशीले पदार्थ शराब आदि का सेवन न करें, उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों व बासी भोजन का सेवन न करें।