FORTI Women Wing

फोर्टी वुमन विंग (FORTI Women Wing) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आईएएस रोली सिंह ने शेयर किए लाइफ एक्सपीरियंस

OmExpress News / Jaipur / सक्सेस को एक फ्रेम में डिफाइन नहीं किया जा सकता है, लेकिन जिस पॉजिशन या टारगेट को अचीव करने से आपको सेटिस्फेक्शन मिले, मेरी नजर में वही असली सफलता है। ये कहना है आईएएस रोली सिंह का। शनिवार को फोर्टी वुमन विंग (FORTI Women Wing) की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में मेंबर्स से अपने लाइफ एक्सपीरियंस शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले आपको यह तय करना है कि आपका गोल क्या है, सफलता की पहली शर्त ही यह है कि आपका गोल क्लीयर रहे।
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किसी की होड़ में या देखा-देखी में अपना लक्ष्य चुनने की बजाय, जो काम आपको सेटिस्फेक्शन देता है, उसे अपना गोल बनाएं। यहां एक बात क्लीयरली समझने की जरूरत है कि ना तो सक्सेस कोई आपको गिफ्ट कर सकता है और ना ही इसका कोई शॉर्टकट होता है। इसके लिए जरूरी है हार्डवर्क और यही आपको मंजिल तक पहुंचाएगा। लेकिन इस जर्नी में सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात है ‘डोंट लूज योरसेल्फ’।
ऐसा नहीं हो कि सफलता की चाह में हम खुद को और अपनों को ही पीछे छोड़ आए, क्योंकि सक्सेस का तब तक कोई मतलब नहीं है, जब तक कि उसे आपके साथ सेलिब्रेट करने वाला कोई अपना मौजूद नहीं हो। सेशन को फोर्टी विमन विंग की प्रेसिडेंट नेहा गुप्ता और सेक्रेटरी ललिता कुच्छल ने मॉडरेट किया।

फैलियर से निराश होने की बजाय इससे सीखने की जरूरत

सेशन के दौरान उन्होंने कहा कि आए दिन सुसाइड के केस सामने आते हैं। इसमें हमारी सोसायटी भी बराबर की दोषी है। हम सिर्फ सक्सेस पर ही बात करते हैं, लेकिन फैलियर पर कोई बात नहीं होती है। हमें अपने बच्चों के साथ फैलियर पर भी डिस्कशन करना होगा। उन्हें ये समझाना होगा कि सक्सेस और फैलियर लाइफ के दो पहलू है। फैलियर ही सक्सेस की प्री-स्टेज है।
हमें फैलियर से निराश होने की बजाय इससे सीख लेते हुए आगे बढऩे की जरूरत है। मेरी लाइफ में भी कभी ऐसे हालात आए कि अगर कोई नॉर्मल इंसान होता तो टूट जाता, लेकिन हालातों से हार नहीं मानते हुए मैं उन्हें हराते हुए आगे बढ़ी और लाइफ में ये मुकाम पाया।
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के्रडेबिलिटी पर सवाल उठाते हैं लोग

मेंबर्स को मोटिवेट करते हुए उन्होंने कहा कि जब एक वुमन समाज में कुछ करने के लिए आगे आती है, तब के्रडेबिलिटी पर लोग सवाल उठाते हैं। लोगों का रिएक्शन होता है कि ये तो औरत है, ये क्या कर लेगी। ये किसी एक इंसान नहीं, बल्कि पूरी सोसायटी की सोच है। हमें इसे एक चैलेंज के रूप में लेने की जरूरत है। अगर आप अपने काम को पूरी ईमानदारी से करती हैं, तो लोग आपको पहचानने लगते हैं, आपको सम्मान देते हैं। लाइफ में हमेशा अडेप्टिव होना चाहिए, जहां से जो कुछ सीखने को मिले, हमेशा सीखते रहना चाहिए।

एंटरप्रेन्योर्स को नहीं मिलती सुविधाएं

उन्होंने कहा कि एंटरप्रेन्योर्स को वो सब सुविधाएं नहीं मिल पाती है, जो उन्हें मिलनी चाहिए। लेकिन फिर भी हमारे देश के एंटरप्रेन्योर्स ने खुद को साबित करके दिखाया है। विकसित देशों के मॉडल के आधार पर हमारी गवर्नमेंट भी इन्हें रिलेक्सेशन सहित दूसरी सभी फैसिलटी देने के लिए प्रयासरत है। सेशन में रिचा चाहतानी, आरती दुबे, अमिका हल्दिया, हेमा हरचंदानी, लावण्या चौधरी और पूनम अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में मेंबर्स ने हिस्सा लिया।