OmExpress News / New Delhi / सेना ने दावा किया है कि मई के पहले हफ्ते में पैदा हुआ भारत और चीन के बीच तनाव कम हो गया है. सेना के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में पेंगांग झील के किनारे भारतीय और चीनी सैनिक अपने-अपने इलाके में मौजूद हैं. भारत और चीन दोनों ही सेनाओं ने इलाके में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी के काफी पास चीनी हेलीकॉप्टर देखे जाने के बाद भारतीय वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमानों को भी भेजा था. India and Chinese Army Clash
पूर्वी लद्दाख में 135 किमी लंबी पेंगांग झील के किनारे भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव इस साल फरवरी में ही शुरू हो गया था, जब चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को फिंगर 2 इलाके में गश्त लगाने से रोका. इस इलाके में भारतीय सैनिक हमेशा गश्त लगाते थे. यहां पांच पहाड़ियां झील के पास तक जाती हैं जिन्हें फिंगर 1 से लेकर फिंगर 5 तक के नाम से जाना जाता है.
फिंगर 2 तक सड़क बनी है जिनपर भारतीय सैनिकों की गाड़ियां जाती हैं. अप्रैल के अंतिम हफ्ते में दोनों ओर के सैनिकों की मौजूदगी बढ़ गई और 5-6 मई की रात दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई. भारतीय सैनिकों ने अपने इलाके में एक हट बनाने की कोशिश की जिसका चीनी सैनिकों ने विरोध किया. इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच हाथापाई हुई जिसमें कई सैनिक घायल हो गए.
दोनों ओर के सैनिक अपनी जगहों पर तैनात
सेना का दावा है कि घटना के बाद स्थानीय कमांडरों ने तनाव कम किया और दोनों ओर के सैनिक अपनी जगहों पर तैनात हो गए. वहीं इसी दौरान चीनी सेना के एक हेलीकॉप्टर एलएसी के काफी करीब देखा गया इसके बाद भारतीय वायुसेना के दो सुखोई 30 फाइटर एयरक्राफ्ट को वहां भेजा गया. लद्दाख में लेह और थोइस दो एयरबेस हैं पर वहां फाइटर एयरक्राफ्ट की स्थायी तैनाती नहीं होती है, बल्कि समय-समय पर वहां भेजा जाता है. इसी दौरान 9 मई को उत्तरी सिक्किम के नाकू ला में भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच भिड़ंत हो गई. सेना ने इस घटना की पुष्टि करते हुए अपने बयान में कहा है कि दोनों ओर के सैनिकों को चोटें आईं हैं.
2017 में भूटान के डोकलाम में भारतीय और चीनी सैनिकों के आमने-सामने आ जाने के बाद हालात इतने बिगड़ गए थे कि दोनों ही देशों में युद्ध शुरू होने की आशंका बन गई है. 16 जून को जब चीनी सेनाओं ने भारत-भूटान और चीनी सेना के ट्राई जंक्शन में आगे बढ़ने की कोशिश की थी, तो भारतीय सेना ने उन्हें रोक दिया था. लंबे गतिरोध के बाद 28 अगस्त को इस मसले का समाधान हुआ था. पिछले साल भी चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच सितंबर में लद्दाख में तनाव की स्थिति आ गई थी जिसे सुलझाया गया था.