Locust Attack

OmExpress News / New Delhi / दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले महज 24 घंटों के भीतर ही देश में कोरोना वायरस के 1429 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 24 हजार से ज्यादा हो गई है। Giant Locust Storm Attack

कोरोना वायरस की इस महामारी के बीच अब देश में एक और बड़ा संकट दस्तक देता हुआ नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल्द ही पूर्वी अफ्रीका से टिड्डियों का एक विशाल झुंड दक्षिण एशिया में हमला कर सकता है। इस खबर के बाद भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं।

Narayan Jhanwar

 

दक्षिण एशिया में भयंकर विनाश मचा सकता टिड्डियों का हमला

एक्सपर्ट्स का कहना है कि टिड्डियों के तूफान का ये हमला दक्षिण एशिया में भयंकर विनाश मचा सकता है। इस समय दुनियाभर के देश कोरोना वायरस की महामारी झेल रहे हैं और लाखों लोगों की जान इस वायरस के कारण जा चुकी हैं। ऐसे में फसलों पर टिड्डियों के हमले की खबर ने दक्षिण एशिया के देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक टिड्डियों का झुंड इस साल की शुरुआत में पहले ही जनवरी और फरवरी में सोमालिया, इथियोपिया, केन्या, युगांडा और दक्षिण सूडान में अपना कब्जा जमा चुका है। अब माना जा रहा है कि इन टिड्डियों के अंडे देने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 20 गुना ज्यादा हो चुकी है।

हाल ही में पंजाब और हरियाणा में हुआ था हमला

आपको बता दें कि इसी साल फरवरी के महीने में पंजाब और हरियाणा के खेतों में टिड्डियों के हमले की घटनाएं सामने आईं थी, जिसके चलते इन दोनों राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया था। इसके अलावा स्थिति से निपटने और टिड्डियों के हमले के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए इन दोनों राज्यों में स्पेशल सुपरविजन टीमें भी तैनात की गईं थी। वहीं, दो महीने पहले ईस्ट अफ्रीका में कई बिलियन टिड्डियों के झुंड ने फसलों पर हमला किया और देखते ही देखते उन्हें तबाह कर दिया।

कितना खतरनाक है टिड्डियों के झुंड का हमला

आपको बता दें कि टिड्डियों की आबादी अफ्रीका, मध्य पूर्व, और एशिया के करीब 60 देशों में बसती है और ये संख्या में इतनी ज्यादा हैं कि धरती के करीब पांचवें हिस्से को कवर कर सकती हैं। इसके अलावा रेगिस्तानी टिड्डियों का प्रकोप दुनिया की कुल आबादी के दसवें हिस्से की आर्थिक आजीविका के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर सकता है।

यहां यह भी जानना दिलचस्प है कि एक टिड्डी एक दिन में अपने वजन के बराबर पौधे को खा सकती है। इस हिसाब से टिड्डियों का एक झुंड हर दिन 423 मिलियन पाउंड फसल को खाकर खत्म कर सकता है। Giant Locust Storm Attack

पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों से राजस्थान के खेतों में हमला

गौरतलब है कि भारत में इस साल फरवरी में भी विनाशकारी कीटों के एक बड़े हमले के रूप में राजस्थान से टिड्डियों का हमला हुआ था। इसके बाद राज्य सरकार ने इन टिड्डियों से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए।

उस समय राजस्थान सरकार के सामने दो बड़ी चुनौतियां थी, पहली कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना और दूसरा टिड्डियों के हमले को देखते हुए फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। राजस्थान के अनूपगढ़ और श्री गंगानगर में भी कुछ टिड्डियों के हमले की सूचना मिली थी, जो पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों से आईं थी।

सरकार ने शुरू की हमले से निपटने की तैयारी

हालांकि, कोरोना वायरस के कारण देश में लागू लॉकडाउन के बावजूद राहत की बात ये है कि टिड्डियों के इस हमले से निपटने के लिए जमीन और हवाई छिड़काव से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उपाय और एक्सपर्ट देश में मौजूद हैं।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने भी इस समस्या से निपटने के लिए करीब 120 मिलियन डॉलर की रकम जुटाने में कामयाबी हासिल की है, जो प्रभावित देशों में सरकारों के प्रयासों में मदद करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने कोरोना वायरस की इस महामारी के बीच टिड्डियों के हमले से निपटने की तैयारी शुरू कर दी हैं।