देश की पहली सीवरेज एवं वेस्ट वाटर नीति को मंजूरी

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य की सीवरेज एवं वेस्ट वाटर नीति 2016, अधीनस्थ न्यायालयों के कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन के साथ ही विभिन्न सेवाओं के नियमों में संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण की समीक्षा और 16 नवम्बर से दूसरे चरण की शुरूआत के निर्णय का अनुमोदन करने के साथ ही रिसर्जेंट राजस्थान के तहत आए 2 हजार 520 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को विशेष सुविधा पुंज देने की मंजूरी दी गई। इन औद्योगिक इकाइयों से 6 हजार 700 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रालयिक भवन में मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमण्डल ने सीवरेज एवं वेस्ट वाटर नीति 2016 को स्वीकृति प्रदान की है। यह नीति लाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य हैै। यह नीति 15 अलग-अलग स्थानों के कानूनों का अध्ययन कर चार महीने की तैयारी के बाद लाई गई है। यह नीति आगामी 30 वर्ष की आवश्यकताओं को पूरा करेगी। नीति के तहत यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है कि सभी आवासों को सीवरेज कनेक्शन से जोड़ा जाए ताकि वर्षा जल के अतिरिक्त किसी भी आवास का जल नालियों या सड़क पर न बहे तथा बिना ट्रीटमेंट के कोई भी अपशिष्ट बाहर न जाए। दस वर्ष में दस हजार से एक लाख आबादी के शहर जुड़ेंगे सीवरेज नेटवर्क से श्री राठौड़ ने बताया कि इस नीति के तहत उन शहरों को प्राथमिकता दी जायेगी, जिनमें जल उपयोग 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन या अधिक है। आगामी 5 वर्षों में सभी जिला मुख्यालय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले शहर, हैरिटेज कस्बों तथा एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को शत प्रतिशत सीवरेज नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। 10 हजार से एक लाख की आबादी वाले शहरों को 10 साल में तथा 50 हजार से कम आबादी वाले शहरों को 15 साल में सीवरेज व्यवस्था से जोड़ा जायेगा। सीवरेज कनेक्शनयुक्त शहरों में 6 माह में तथा नए जुड़ने वाले शहरों में 3 माह में कनेक्शन लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट से शोधित जल को पारदर्शी तरीके से विक्रय किया जा सकेगा। शोधित जल का उपयोग औद्योगिक, व्यावसायिक, कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन, लैंड स्कैपिंग आदि कार्यों में किया जा सकेगा। राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट 2015 में संशोधन होगा संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि बैठक में राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट 2015 में भारत सरकार द्वारा सुझाए गए प्रावधानों को सम्मिलित करते हुए संशोधित करने के लिए विधानसभा में पुनः प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। इसके अनुसार राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट 2015 के क्लॉज 6, 11(1) तथा 11(2) को विलोपित करने तथा भारत सरकार के रियल एस्टेट एक्ट 2016के क्लॉज 4,11,12,13,14,15 तथा 16 को सम्मिलित किया जायेगा। कॉलेजों में पुस्तकालयाध्यक्ष एवं पीटीआई के 80 प्रतिशत पदों पर अब होगी सीधी भर्ती श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान पुस्तकालयाध्यक्ष एवं पीटीआई (महाविद्यालय शाखा) नियम 1980 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। प्रस्ताव के अनुसार अब इन दोनों सेवाओं में 80 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से एवं शेष 20 प्रतिशत पद प्रदोन्नति से भरे जायेंगे। वर्तमान में इन दोनों पदों पर 50-50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती एवं पदोन्नति से भरने का प्रावधान है लेकिन 1999 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की अहर्ताओं के लागू होने के बाद से पदोन्नति के पद वांछित अर्हता के अभाव में रिक्त चल रहे हैं। निम्बाहेड़ा में खुलेगा वैदिक विश्वविद्यालय संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि बैठक में निजी क्षेत्र में श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निम्बाहेड़ा (चित्तौडगढ़) की स्थापना के लिए एण्डोमेंट फण्ड की निर्धारित 2 करोड़ रुपये की राशि में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई हैं। यह विश्वविद्यालय चार वेदों के साथ आयुर्वेद, अनुर्वेद, गंधर्ववेद, शिल्प, दर्शन आदि का अध्यापन एवं शोध करेगा। स्टेट एग्रो इन्डस्ट्रीज कॉरपोरेशन मामले में याचिका वापस लेगी सरकार श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान स्टेट एग्रो इन्डस्ट्रीज कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए राज्य सरकार की ओर से दायर वाइन्डिग अप याचिका वापस लेने का निर्णय किया गया है। इससे इसकी परिसम्पत्तियों का विक्रय कर कॉरपोरेशन के कामगारों को बकाया राशि चुकाई जा सकेगी। निगम की सम्पत्तियां दायित्वों से काफी अधिक होने के कारण राज्यहित  में यह निर्णय लिया गया है। नजूल सम्पत्ति निस्तारण में कलेक्टर का अधिकार क्षेत्र बढ़ाया संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में राजस्थान नजूल भवन (लोक नीलाम द्वारा व्ययन) नियम 1971के नियम 2(1) में संशोधन कर जिला कलेक्टर को एक करोड़ रुपये तक आरक्षित मूल्य की नजूल सम्पत्तियों के निस्तारण का अधिकार देने का निर्णय लिया है। पहले यह सीमा 10 लाख रुपये तक थी।   राजस्थान वन सेवा में वेतनमान के अवसर बढ़े श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान वन सेवा की लम्बे समय से चली आ रही पदोन्नति के अवसर बढ़ाने की मांग को स्वीकार करते हुए राजस्थान वन सेवा नियम 1962 में संशोधन के प्रस्ताव को बैठक में मंजूरी दी गई। अब सेवा में दो वेतनमान के स्थान पर अन्य राज्य सेवाओं के अनुरूप एकरूपता लाते हुए पांच वेतनमान मिल सकेंगे। संस्कृत शिक्षकों की भर्ती भी रीट से संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि संस्कृत शिक्षा राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (विद्यालय शाखा) नियम 2015 में संशोधन कर संस्कृत शिक्षा में भी अध्यापकों की भर्ती रीट द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है। इस संशोधन से संस्कृत शिक्षा में रिक्त अध्यापकों के पद शीघ्र भरे जा सकेंगे। जेल अधीनस्थ सेवा नियमों में संशोधन श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान जेल अधीनस्थ सेवा नियम 1998 के नियम के 2(ए) में संशोधन कर 2100 रुपये ग्रेड-पे से नीचे के पदों पर भर्ती के लिए उपमहानिरीक्षक रेंज को नियुक्ति का अधिकार देने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा 2100 से 3200 ग्रेड-पे के पदों पर भर्तियां महानिदेशक जेल के स्तर पर की जायेंगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान विधि विज्ञान अधीनस्थ सेवा नियम 1980 में संशोधन कर कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक, प्रयोगशाला सहायक एवं कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायक के पदों पर भर्ती अब राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से लिखित परीक्षा द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया है। अब इस भर्ती में साक्षात्कार नहीं होगा। अधीनस्थ न्यायालयों के कार्मिकाें के वेतन में बढ़ोतरीसंसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि जस्टिस श्री केजे शेट्टी आयोग की सिफारिशों के अनुरूप राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतनमान) नियम, 1998 में संशोधन का निर्णय लिया है। इस निर्णय से अधीनस्थ न्यायालयों के रीडर (ग्रेड I, II, III), सीनियर मुन्सरीम, प्रोसेस सर्वर, प्रोटोकॉल अधिकारी, कार्यकारी सहायक के वेतन में 500 रुपये से लेकर 4500 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकेगी। यह निर्णय 01 अप्रेल, 2003 से लागू होगा। 01 अप्रेल, 2004 से पूर्व नियुक्त कार्मिकों को एरियर की राशि का भुगतान उनके जीपीएफ खाते में तथा इस तारीख एवं व इसके बाद नियुक्त कार्मिकों को नकद भुगतान किया जायेगा। ईईएसएल को कार्यालय भवन के लिए जमीन आवंटन श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में भारत सरकार की कम्पनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को कार्यालय भवन के लिए झालाना संस्थानिक क्षेत्र में 2000 वर्ग मीटर भूमि आवासीय दर की 200 प्रतिशत (30 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर) की दर से आवंटित करने का निर्णय लिया गया। एमजेएसए के प्रथम चरण में 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का प्रथम चरण सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष 16 नवम्बर से शुरू हो रहे दूसरे चरण को मंजूरी दी गई। राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी के अध्यक्ष श्रीयुत श्रीराम वैदिरे ने मीडियाकर्मियों को बताया कि प्रथम चरण में अब तक 98 प्रतिशत लक्ष्य पूरे किए गए हैं तथा शेष कार्य भी अगस्त माह में पूर्ण कर लिए जायेंगे। जिन पर 1740करोड़ रुपये व्यय हुए। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में चिन्हित स्थानों पर 25 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं, इनमें से अब तक 16.50 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। शेष पौधे सितम्बर माह तक लगा दिए जायेंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी 25 लाख पौधों के रख-रखाव के लिए पांच वर्षीय योजना बनाई गई है ताकि सभी पौधे वृक्ष बन सकें। शहरों में चलेगा जल स्वावलम्बन अभियान श्री वैदिरे ने बताया कि जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण के लिए 4 हजार 200 गांवों में एक अगस्त से 15 सितम्बर तक सर्वे कार्य करवाया जायेगा। इस चरण के सर्वे में अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक और वे-प्वाइंट सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल किया जायेगा, जिससे सर्वे टीम कहां-कहां जा रही है, इसकी जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि गांवों की सफलता के बाद अब शहरों में भी मुख्यमंत्री शहरी जल स्वावलम्बन अभियान चलाया जायेगा। इसके लिए 190 शहरों में कार्यों के लिए गाइडलाइन तैयार की जा रही है, जिसे 2 माह में अंतिम रूप दे दिया जायेगा। इसके अंतर्गत शहरों में रूफ टॉप वॉटर हार्वेस्टिंग, परकोलेशन पिट, परकोलेशन टैंक और पौधारोपण पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। कम्पनियों को कस्टमाइज्ड पैकेज का लाभ संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि रिसर्जेंट राजस्थान के दौरान हुए एमओयू को मूर्त रूप देते हुए राज्य के विभिन्न जिलों में लगने वाली औद्योगिक इकाइयों को कस्टमाइज्ड पैकेज एवं राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 के लाभ देने के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इन कम्पनियों को ये लाभ निर्धारित निवेश एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर देय होंगे। निम्न कम्पनियों को इसका लाभ मिलेगा – कम्पनी का नाम स्थान प्रस्तावित निवेश रोजगार के अवसर एम आर वीविंग मिल्स प्रा.लि. लाम्बियाकलां, भीलवाड़ा 96करोड़ 422 महेश एडीबल एग्रो ऑयल प्रा.लि. अलवर 67.85 करोड़ 782 सेरा सेनेटरी वेयर लि. सरधना इण्डस्ट्रीयल एरिया, अजमेर 115.51 करोड़ 250 शिव महिमा मिल्क प्रोडक्ट प्रा.लि. शाहपुर, भरतपुर 54 करोड़ 250 बोहरा इण्डस्ट्रीज लि. झामर कोटड़ा, उदयपुर 125 करोड़ 225 सीजी फूड्स इण्डिया प्रा.लि. रूपनगढ़, अजमेर 25 करोड़ 425 हिन्द मल्टीग्रेन्स प्रा.लि. भिवाड़ी, अलवर 129.66 करोड़ 425 ओम प्रकाश स्टॉक ब्रोकर्स प्रा.लि. जगतपुरा, जयपुर 407 करोड़ 850 (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष) डंगायच प्रोपमार्ट एण्ड रिसोट्र्स प्रा.लि. कूकस,जयपुर 338.22 करोड़ 1075 (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष) श्री वल्लभ पित्ती ग्रुप धानोदी, झालावाड़ 1161.81 करोड़ 2005 कुल 2520.05 करोड़ 6,709   श्री राठौड़ ने बताया कि सोमानी सिरेमिक्स लि. को परियोजना माण्डल, भीलवाड़ा के स्थान पर कोटपूतली जयपुर में लगाने की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गई।