बीकानेर। बच्चों को 9 जानलेवा बीमारियों से बचाने सघन मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण अभियान के अंतर्गत जिले में शुक्रवार को कुल 29 विशेष टीकाकरण सत्र आयोजित किए गए। खण्ड खाजूवाला में 12, कोलायत में 3, नोखा में 2, डूंगरगढ़ में 2, बीकानेर में 2 व बीकानेर शहरी क्षेत्र में 8 ऐसे स्थानों पर टीकाकरण किया गया जहां अन्यथा टीकाकरण की पहुँच कम रही है। विभागीय अधिकारीयों व विभिन्न पार्टनर एनजीओ द्वारा अभियान की सघन मोनिटरिंग की गई।
उपनिदेशक डॉ. संदीप अग्रवाल व विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्विलांस अधिकारी डॉ. मंजुलता शर्मा द्वारा खाजूवाला, पूगल व दंतौर में आयोजित सत्रों की जांच की गई। उन्होंने घर-घर जाकर लाभार्थियों का सत्यापन भी किया और आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। इसी प्रकार यूनिसेफ के संभागीय समन्वयक ललित रंगा द्वारा दंतौर, गंगाजली व 17 केएचएम में टीकाकरण का मूल्यांकन किया। उन्होंने ड्यू लिस्ट में सुधार करने व वैक्सीन को कोल्ड चैन व टीकाकरण स्थल तक लाने-लेजाने की पुख्ता व्यवस्था कर शत प्रतिशत बच्चों को लाभ दिलाने के निर्देश दिए।
जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने जानकारी दी कि भारत सरकार द्वारा चलाए गए सघन मिशन इन्द्रधनुष टीकाकरण अभियान के तहत बच्चों को 9 जानलेवा बीमारियों से प्रतिरक्षित किया जा रहा है जिनमें टी.बी., कुकरखांसी, गलघोंटू, टीटेनस, हिपेटाईटिस बी, खसरा, पोलियो, दिमागी बुखार व रोटा वायरस से होने वाली दस्त से बचाव के टीके शामिल हैं। विभिन्न कारणों से कुछ बच्चों को या तो एक टीका भी टीका नहीं लग पता या कुछ टीके लगने रह जाते हैं। इस प्रकार के बच्चों में ये बीमारियां होने व इनसे मृत्यु की संभावना 3-6 गुणा बढ जाती है। अभियान में गर्भवतियों को भी टीटी के टीके लगाए जा रहे हैं।
बच्चों के टीकाकृत ना होने पाने के कारण
1. लोगो में इन टीको के प्रति जागरूकता का अभाव
2. लोगों तक टीको का व टीकाकर्मी का ना पहुंचना
3. टीकों की आपूर्ति पूरी ना होना
4. टीकों से होने वाले सामान्य विपरीत प्रभावों से भय
सघन मिशन इन्द्रधनुष द्वारा इन्ही कारणों को दूर कर अधिकाधिक बच्चों के टीकाकरण का प्रयास किया जा रहा है।