जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आए कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने अपनी बुक इंडिया शास्त्र के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार को कई बार कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि मोदी ने पूरे भारत में स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की। ऐसे कार्य सुनने में तो अच्छे लगते हैं, इस अभियान का असर अक्टूबर के बाद अब नजर नहीं आ रहा। बस हाथ में झाडू पकड़ने भर से अभियान सफल नहीं हो पाएगा। इसके लिए कार्य करना होगा, वहीं आधारभूत ढांचा अच्छा रहे, इस पर विशेष ध्यान देना होगा। अब तक अभियान की क्या दिशा है, कितना बजट इस अभियान के लिए होगा। इसके लिए बजट कैसे आएगा। यह सवाल उन्होंने खड़े किए। सांसद शशि थरुर ने अपनी संसदीय क्षेत्र तिरुवनंतपुरम के बारे में बातचीत करते हुए बताया कि वहां गार्बेज के निस्तारण के लिए कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में समंदर के किनारे लोग कचरा फेंकते हैं। जिससे सफाई होने के बजाए गंदगी और बढ़ जाती है। नालियों की व्यवस्था खराब है। यह ठीक नहीं है। सीवेज प्रॉब्लम है। पहले इसे दुरुस्त करना होगा। बाद में अन्य कार्यक्रमों के बारे में आगे कोई नीति बनानी होगी। मोदी ने अच्छे व ठोस कदम नहीं उठाए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सफ लता पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि जनता की महत्वाकांक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अभी तक मोदी की ओर से कोई भी अच्छे व ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और मोदी ने चुनाव के समय में कुछ मुद्दे उठाए और नारे दिए। इससे मोदी के प्रति जनता की उम्मीदें जगी थीं। तारीफ भी की थरुर मोदी को पहचान की राजनीति को परफोर्मेंस की राजनीति में बदलने वाला व्यक्ति करार दिया। उन्होंने कहा मोदी इतिहास में जगह बना सकते है। लेकिन बतौर विपक्ष हमे इस बात पर विश्वास नहीं है। मोदी विकास और गवर्नेंस पर फोकस करने की बात कहते है। लेनि ऐसे लोगों को खुला छोड़ रखा है। जो किताबों को दोबारा लिखने, आधुनिक विज्ञान पर प्राचीन विज्ञान को तरजीह देने में लगे है। भले ही मोदी को बड़ा जनमत मिला है, लेकिन उसे इस बात पर शक है क्या उनके पास देश की आर्थिक तरक्की के लिए गेम प्लान है। संघ और विहिप को चुप नहीं करा पा रहे मोदी इसके साथ ही थरूर ने राष्टीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद के ऊपर बोलते हुए कहा कि यह दोनों अपनी-अपनी बात कर रहे है, लेकिन इन सबके बीच प्रधानमंत्री उन्हें चुप नहीं करा रहे हैं। आज युवाओं को रोजगार देने और अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने की बहुत जरूरत है। भारत में खर्च केवल 15 प्रतिशत नरेंद्र मोदी की अनेक असफ लताओं की ओर इशारा करते हुए शशि थरुर ने कहा कि शिक्षा को उद्योग से जोड़ने पर ही युवाओं को सही मायने में लाभ मिल सकता है। उन्होंने पश्चिमी देशों में हो रहे शोध का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर रिसर्च में 75 प्रतिशत खर्च उद्योग जगत करता है, जबकि भारत में यह खर्च 15 प्रतिशत ही है, जो एक विचारनीय विषय है।