नई दिल्ली । देशद्रोह के मामले में तिहाड़ जेल में बंद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार 21 दिन बाद आज शाम रिहा कर दिए गए। गुरुवार शाम 6.30 बजे के करीब कन्हैया को तिहाड़ जेल से बाहर निकाला गया। सुरक्षा कारणों से कन्हैया को हरिनगर थाने ले जाया गया। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कन्हैया कुमार को छह महीने की अंतरिम जमानत का आदेश सुनाया था।
समर्थकों ने उसकी रिहाई का बड़ा जश्न मनाया। कन्हैया को देशद्रोह के मामले में तीन हफ्ते पहले गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उसे छह महीने की अंतरिम जमानत दी थी। उसे इस शर्त पर जमानत दी गयी कि वह जांच में सहयोग करेगा और उसे जब व जहां भी जरूरी पड़े पुलिस के सामने पेश होना होगा।
अतिरिक्त महानिरीक्षक (जेल) और तिहाड़ के प्रवक्ता मुकेश प्रसाद ने कहा, ‘कन्हैया के जमानत मुचलके और रिहाई के आदेश की सही तरीके से जांच के बाद उसे शाम करीब 6.30 बजे जेल से रिहा कर दिया गया।’ कन्हैया को जेएनयू परिसर में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के सिलसिले में 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। कार्यक्रम में कथित रूप से संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ प्रदर्शन किया गया और राष्ट्र विरोधी नारेबाजी की गयी।
न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि आरोपी के जमानतदार संकाय के सदस्य या उनसे जुड़े हुए ऐसे व्यक्ति होने चाहिए जो उन पर न सिर्फ अदालत में पेशी के मामले में नियंत्रण रखता हो बल्कि यह भी सुनिश्चित करने वाला होना चाहिए जो उनकी सोच और उर्जा सकारात्मक चीजों में लगाना सुनिश्चित करे। जमानत के लिए राशि जमा करने में वित्तीय छूट देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि कन्हैया को इस संबंध में एक शपथ पत्र देना होगा कि वह सक्रिय या निष्क्रिय रूप से ऐसी किसी भी गतिविधि में हिस्सा नहीं लेंगे जिसे राष्ट्रविरोधी कहा जाए। सुनवाई के दौरान अदालत ने हिन्दी फिल्म ‘उपकार’ के देशभक्ति गीत का हवाला देते हुए यह बात रखी कि परिसर में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।