जयपुर। मावा पर रोक के अजीब आदेश को सरकार ने कुछ घंटों बाद ही वापस ले लिया। खाद्य विभाग के आदेश के बाद सरकार असमंजस में आ गई थी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बयान दिया था कि यह रोक अव्यवहारिक है। उन्होंने अधिकारियों की बैठक ली और दो घंटे की चर्चा के बाद रोक हटा ली गई। अब सरकार खराब मावे और उससे बनी मिठाई के खिलाफ अभियान चलाएगी।
मंत्री का कहना था वे दोपहर में अधिकारियों से बैठक कर इसकी समीक्षा करेंगे। उन्होंने किस आधार पर यह फैसला दिया। कोर्ट ने जो भी आदेश दिया है, उस पर विचार कर जो भी फैसला करना होगा किया जाएगा। इसके बाद ही मंत्री ने बैठक कर इस रोक के आदेश वापस लेने का फैसला कर लिया है।
क्या कहते हैं मावा व्यापारी
बीकानेर में मावा व्यापारी हेतराम गौड़ का कहना है कि कोई भी अधिकारी कैसा भी फैसला कर देता है, यह आश्चर्य की बात है। पूरे प्रदेश में करीब 2 लाख लोग इस व्यवसाय से जुड़े हैं।
अकेले बीकानेर में ही सात हजार किलो मावे की खपत रोज हो रही है। एक ओर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में जाकर बता रहे हैं कि छोटे-छोटे उद्योगों-व्यापार को वे बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं मावा जैसे उद्योग को बंद करने जैसा कदम उठाना, केंद्र सरकार की सोच के खिलाफ था। बदले फैसले का वे स्वागत करते हैं।