बीकानेर। निर्मोही व्यास स्मृति नाट्य समारोह के दूसरे दिन आज जयपुर के युवा रंगकर्मी गगन मिश्रा के निर्देशन में नाटक “बस अब और नही” का मंचन टाउन हॉल में हुआ, कलाकारों ने कार्यक्रम में आये दर्शकों की वाह-वाही लूटी ।
कल आयेंगी संजना कपूर, समारोह के अंतिम दोनो दिन भोलो भैरू और दुलारी बाई का देखेंगी मंचन
कल समारोह में शामिल होने के लिये शशि कपूर की पुत्री और भारतीय रंगमंच की मशहूर शख्सियत संजना कपूर बीकानेर आ रही है। सुधेश व्यास के निर्देशन में कल समारोह के तीसरे दिन मंचित होने वाले हास्य नाटक भोलो भैरू और समारोह के अंतिम दिन मंचित होने वाले नाटक दुलारी बाई को देखने वे दोनो दिन समारोह की विशिष्ट अतिथि के रूप में टाउन हाॅल में मौजूद रहेगी।
कथानक- यह नाटक विज्ञान विषय पर आधारित एक सृजनात्मक नाटक हैं जिसमे विज्ञान के विषय तत्वों और उसका हमारे समाज से जुडाव के तत्वो का समावेश किया गया है और इसमे प्रकृति मे होने वाले वैेज्ञानिक असर को भी नाटकीय तरीके से प्रस्तुत किया गया है। इस नाटक मे जहा खुद समय आज के जमाने के प्रोफेसर रवि को 250 वर्ष के बाद कि दुनिया में ले जाता है और इसी बात से प्रोफेसर रवि खुश भी हो जाते है कि मुझे 250 वर्षो के बाद की विकसित दुनिया देखने को मिलेगी और जहा सब कुछ हाईटेक होगा।
पर प्रोफेसर रवि का यह विश्वास तब टूटता है जब वो स्वयं 250 वर्षो बाद की दुनिया को स्वयं जीते है, वहां मानव एक कांच के गिलास में अपने आप को रखता है उसको कहीं भी घुमने फिरने की स्वतंत्रता नही है क्योंकि मानव को उस जमाने के रोबोट्स के इषारों पर जीना होता है । तब की दुनिया बहुत प्रदूषित हो चुकी है वहां बिल्डिंग्स व सड़के जैसी जिन्दगी नही बची। जहां खाने को सिर्फ नैनो कैप्सूल और भाषा प्रयोग के लिये बायनरी डिजिट्स के बीच में मानव अपनी जिन्दगी गुजारता है। उसके चेहरे से खुबसूरती गायब हो चुकी है क्योंकि कार्बनडाई आॅक्साइड ने अपना प्रभाव सब तरफ फैला लिया । और तब का मानव प्रो. रवि पर इस लिये आक्रमण कर देता है क्योकि वो इनको इस सब के लिये जिम्मेदार मानता है । इन्हीे सब घटनाओं से ये नाटक एक प्रभावशली नाटकीय रंग बिखरने में सफल होता है।
निर्देशकीय – ये नाटक मेरे शोध का एक बडा विषय रहा है । बाल रंगमंच के साथ मेरा एक गहरा जुडाव पिछले 17 सालों से है और वर्तमान समय के ऐसे विषय जिनके साथ बच्चों का डायरेक्ट जुडाव होता है, ऐसे विषयों को लेकर और उन्ही के साथ में इम्प्रोवाइजेषन तकनीक पर कई नाटकों का निर्देषन मेरे और मेरे संस्थान क्यूरियो द्वारा किया गया । इसी तरह ये विषय भी विज्ञान और प्रकृति पर आधारित है चुना गया और लम्बे समय देने के बाद बच्चों द्वारा वर्ष 2008 में इसकी प्रस्तुति जयपुर में की गयी और उसके बाद मुम्बई के नेहरू साइंस सेन्टर में भी की गयी जहां पर राष्ट्रीय बाल नाटय प्रतियोगिता में ये नाटक चार अलग अलग वर्गाे में विजयी रहा । इसके अलावा इस नाटक के जयपुर के विद्यालयों में भी मंचित किया ।
नाटक का नाम- बस अब और नही
गगन मिश्रा – प्रकाश एवं निर्देशन
प्रस्तुति – क्यूरियो ए परफाॅर्मिंग आर्ट सोसायटी जयपुर
कलाकार- जयपुर के युवा रंगकर्मी कनक शेखावत, हर्षिता सिंह, प्रतिभा सिंह, आशीष मिश्रा, आर्यन, राज सिंह, कमलेश, कमल जांगिड और ग्रन्थ ताम्बी।
मंच पार्श्व –
- लेखक-अरविंद मिश्र
- संगीत संरचना- प्रियदर्शिनी