बीकानेर। राजस्थान दिवस के अवसर पर राजकीय गंगा संग्रहालय में सात दिवसीय प्रदर्शनी ‘कला में लोकजीवन’ का उद्घाटन बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र विधायक डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी ने शुक्रवार को किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी लोक संस्कृति एवं लोक परम्पराएं अत्यंत समृद्ध रही हैं। युवा पीढ़ी को इनसे रूबरू करवाने में ऎसी प्रदर्शनियां बेहद सहायक सिद्ध होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में मुगल साम्राज्य और ब्रिटिश काल से लेकर बीकानेर राज्य के तात्कालिक समय की वस्तुएं आमजन के अवलोकनार्थ रखीं गई हैं। यह दुर्लभ वस्तुएं हमारे लोकजीवन की झांकी हैं। उन्होंने 19वीं सदी के शासकों एवं आमजन के वस्त्रों, अंगरखी, सिल्क पट्टी, कशीदाकारी एवं जरी कार्ययुक्त पंखियां, पर्स व मेजपोश के अलावा सांगवान लकड़ी के बने श्रृृंगारदान, आभूषण पेटियाें, हाथी दात के चाकू-छुरी, टेबिल लैम्प, बंदनवार, आदि की प्रशंसा की।

डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि यहां के लोक कलाकार काष्ठकला के साथ प्रस्तर कला में भी निपुण थे।  प्रदर्शनी में भी इनका नमूना देखने को मिलता है। उन्होंने विभिन्न धर्मों के साधु-संतों की प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी विभिन्न मुद्राओं वाली मूर्तियों को अनेकता में एकता का बोध करवाने वाली बताया। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीक्षक निरंजन कुमार पुरोहित ने बताया कि संग्रहालय में संग्रहित कला-पुरा सामग्री को रासायनिक उपचार एवं जीर्णोद्धार के पश्चात् आधुनिक एवं वैज्ञानिक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय के शंकरदत्त हर्ष ने बताया कि यह प्रदर्शनी 5 अप्रैल तक आमजन के अवलोकनार्थ निःशुल्क खुली रहेगी।

इस अवसर पर गोकुल जोशी, अशोक प्रजापत, बाल किसन व्यास, संग्रहालय के पूर्व अधीक्षक केदार व्यास, राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के सचिव डॉ. नितिन गोयल आदि मौजूद थे। इससे पहले डॉ. जोशी ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर तथा फीता काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने यहां की विभिन्न गैलेरियों का अवलोकन किया।

अंतिम दिन अनेक लोगों ने देखी ‘विकास प्रदर्शनी’

राजस्थान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में जिला प्रशासन तथा सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘विकास प्रदर्शनी’ का अंतिम दिन भी अनेक लोगों ने अवलोकन किया। सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी हरि शंकर आचार्य ने बताया कि प्रदर्शनी में राजस्थानी कला, संस्कृति, जीवन शैली, लोकनृत्य से जुड़े चित्रों की सराहना हुई। वहीं साफा-पगड़ी विशेषज्ञ कृष्ण चंद्र पुरोहित द्वारा तैयार विभिन्न क्षेत्रों एवं समाजों की पगड़ियां भी आकर्षण का केन्द्र रहीं।

लक्ष्मीनाथ मंदिर में हुई विशेष आरती

देवस्थान विभाग द्वारा शुक्रवार को लक्ष्मीनाथ मंदिर में विशेष पूजा, आरती, भोग एवं प्रसाद वितरण कार्यक्रम किया गया। विभाग की निरीक्षक श्वेता चौधरी ने बताया कि सुबह आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आमजन की भागीदारी रही। इस दौरान निरीक्षक सोनिया जोशी, मैनेजर सत्यनारायण माथुर और गोपाल आचार्य आदि मौजूद रहे।