बाल विवाह सहित विभिन्न कुरीतियों को रोकने के संदेश के साथ निकाली ‘पतंग रैली’

बाल विवाह सहित विभिन्न कुरीतियों को रोकने के संदेश के साथ निकाली ‘पतंग रैली’बीकानेर । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को जेलवेल स्थित स्वास्थ्य भवन से सूचना केन्द्र तक बच्चों व युवाओं की पतंग रैली निकाली गई। रैली का नेतृत्व पेंटर भूरमल सोनी ने किया।
रैली स्टेशन मार्ग होते हुए सूचना केन्द्र पहुंची, जहां मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.देवेन्द्र चौधरी, सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी हरि शंकर आचार्य, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बीकानेर शहर शाखा के सचिव डॉ.मोहम्मद अबरार पंवार ने बाल विवाह को सामाजिक अभिशाप बताते हुए इसे रोकने के लिए सभी वर्ग व तबके के लोगों को जागरूक रहकर कार्य करने की आवश्यकता जताई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु की लड़की व 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है। कम आयु की लड़की का विवाह होने से उसे शारीरिक व मानसिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बाल विवाह करवाने वाले तथा इस कृत्य में परोक्ष व अपरोक्ष सहयोग करने वाले सभी को 2 वर्ष की सजा व जुर्माने का कानूनी प्रावधान है।
सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी हरि शंकर आचार्य ने कहा कि अक्षया तृतीया पर पतंगों के माध्यम से बाल विवाह को रोकने, बेटी, जल को बचाने का संदेश घर-घर जाएगा तथा लोगों में जागृति आएगी। उन्होंने बताया कि अक्षया तृतीया व पीपल पूर्णिमा पर बाल विवाह को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर स्तर पर माकूल प्रबंध किए जा रहे है। डॉ.अबरार पंवार ने कहा कि बाल विवाह की प्रथा को रोकने के लिए आम लोगों में चेतना जरूरी है। इस सामाजिक बुराई को रोकने, जल व बेटी को बचाने, पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए युवाओं को आगे आकर कार्य करने की दरकार है।
पेंटर भूरमल सोनी ने बताया कि ’जल है तो कल है’, ’पानी प्राण है, इसे व्यर्थ नहीं गंवावें’, ‘बेटी बचाओ, बेट पढ़ाओं’, पेड़ लगाओ, पृथ्वी बचाओ, पेड़ लगाओ, प्रदूषण भगाओ, वृक्ष लगाओ, पर्यावरण बचाओ’’ आदि नारा अंकित पतंगों को जस्सूसर गेट, रेलवे स्टेशन के पास, जेलवेल आदि स्थानों पर वितरण किया गया। नारा लिखी पतंगों का वितरण का कार्य पीपल पूर्णिमा तक जारी रखा जाएगा। शनिवार को महापौर नारायण चौपड़ा के नेतृत्व में गंगाशहर में श्लोग्न युक्त पतंगों का वितरण किया जाएगा। इस अवसर पर पीसीपीएनडीटी के समन्वयक महेन्द्र सिंह चारण, आर्य अतुलानंद, मगन पारीक, प्रणाम सोनी सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।

राजस्थानी अनुसृजन ‘ऊंडै अंधारै कठैई’ का लोकार्पण मंगलवार को

हिन्दी के यशस्वी कवि-आलोचक एवं नाटककार डॉ. नन्दकिशोर आचार्य की चुनिंदा कविताओं का कवि-अनुवादक डॉ. नीरज दइया द्वारा किया गया राजस्थानी अनुसृजन ‘ऊंडै अंधारै कठैई’ का लोकार्पण आगामी मंगलवार 10 मई को सांय 5.30 बजे स्थानीय नागरी भंडार स्थित महाराजा नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में होगा।
मुक्ति संस्था के सचिव कवि-कहानीकार राजेंद्र जोशी ने बताया कि लोकार्पण कार्यक्रम के अध्यक्ष शिविरा के पूर्व संपादक वरिष्ट कवि भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’ तथा मुख्य-अतिथि केंद्रीय साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल के संयोजक प्रख्यात कवि-आलोचक व नाटककार डॉ. अर्जुनदेव चारण होंगे। जोशी ने बताया कि मुक्ति संस्थान एवं सूर्य प्रकाशन मंदिर के संयुक्त तत्वाधान में होने वाले इस कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष केंद्रीय साहित्य अकादेमी से सम्मानित उपन्यासकार-कवि एवं नाटकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ होंगे।
कार्यक्रम के समन्वयक कहानीकार-व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने बताया कि कवि-आलोचक एवं अनुवादक डॉ. नीरज दइया ने प्रख्यात कवि-आलोचक डॉ. नन्दकिशोर आचार्य के अब तक प्रकाशित 14 विभिन्न कविता संग्रहों से चयनित कविताओं को राजस्थानी में प्रतिनिधि कविता संग्रह के रूप में प्रस्तुत किया है तथा लोकार्पण के अवसर पर मूल कवि डॉ. नन्दकिशोर आचार्य की उपस्थिति में वे चयनित कविताओं का पाठ करेंगे।
प्रकाशक डॉ. प्रशांत बिस्सा ने बताया कि लोकार्पित कविता संग्रह पर प्रसिद्ध कहानीकार-अनुवादक और हाल में केंद्रीय साहित्य अकादेमी के अनुवाद पुरस्कारा से सम्मानित डॉ. मदन सैनी समालोचनात्मक आलोचनात्मक पत्र वाचन करेंगे तथा कार्यक्रम में अनेक साहित्यकारों के अतिरिक्त नगर के गणमान्य सुधि जन उपस्थित रहेंगे। मुक्ति के कवि-कहानीकार राजेंद्र जोशी ने बताया कि राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति के ‘बापजी चतुरसिंहजी अनुवाद पुरस्कार’ से सम्मानित रचनाकार डॉ. नीरज दइया ने अब तक अनेक पुस्तकों का राजस्थानी अनुवाद किया है, जिनमें अमृता प्रीतम की पंजाबी काव्य-कृति कागद अर कैनवास, निर्मल वर्मा के हिंदी कहाणी संग्रह कागला अर काळो पाणी, भोलाभाई पटेल के गुजराती यात्रा-वृत देवां री घाटी के अतिरिक्त भारतीय की 24 भाषाओं के कवियों की कविताओं का संचयन और अनुवाद सबद नाद बेहद चर्चित रहा है। जोशी ने अधिकाधिक उपस्थिति से कार्यक्रम में सफल बनाने का आह्वान किया है।
कृषि विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव ‘गोरबन्द-2016’ का शुभारम्भ

स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव ‘‘गोरबन्द-2016’’ की रंगारंग शुरुआत हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति प्रो. बलराज सिंह, नगर निगम के महापौर नारायण चौपड़ा तथा स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बलराज सिंह, कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर ने बताया कि वर्तमान में भारतवर्ष 65 प्रतिशत युवा जनसंख्या है तथा युवाओं को कृषि समस्याओं के समाधान हेतु आगे आना चाहिए। उन्होंने जलबचत के मद्देनजर किचन गार्डन के स्थान पर रुफ गार्डन के विकास को गति देने हेतु कृषि वैज्ञानिकों को आगे आने का आह्वान किया।
महापौर नारायण चौपड़ा ने कृषि छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि वे कृषि में उन्नत तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर देश के किसानों के कृषि तकनीकी ज्ञान का विकास करें। डॉ. चन्द्रभूषण छीपा ने बताया कि भारतीय युवा दुनिया की सर्वश्रेष्ठ युवा शक्ति में शुमार है, जिसमें कृतज्ञता एवं सहयोग की भावना कूट-कूट कर भरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा देश सांस्कृतिक रुप से अत्यन्त समृद्ध एवं विश्व में अग्रणी है, जिसकी झलक इस युवा महोत्सव में दिखाई देनी चाहिए। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. बी.आर.छीपा ने कहा कि युवा महोत्सव, युवाओं को शैक्षणिक गतिविधियों के अतिरिक्त उनके व्यक्तित्व में निहित अन्य प्रतिभाओं को निखारने का मौका प्रदान करते हैं। साथ ही इससे विद्यार्थियों का शैक्षणिक तनाव भी कम होता है। इसलिए इस प्रकार के समारोहों में प्रत्येक विद्यार्थी को भाग लेना चाहिए। इससे पूर्व ‘‘गोरबन्द-2016’’ कार्यक्रम के समन्वयक एवं अधिष्ठाता डॉ. आई.जे. गुलाटी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर केन्द्रीय छात्रा संघ अध्यक्ष रामेश्वर मंडीवाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों के लिए प्रतिवर्ष युवा महोत्सव गोरबन्द आयोजित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग करी ।
डॉ. आई.पी. सिंह, निदेशक, छात्रा कल्याण ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय छात्रा संघ की सलाहकार डॉ. विमला डुकवाल, विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक समन्वयक डॉ. चित्रा हेनरी, महासचिव मोनिका भनोत तथा संयुक्त सचिव राम सिंह चौधरी सहित विश्वविद्यालय के कर्मचारी, छात्रा-छात्राएं उपस्थित थे।