जयपुर। राज्य सरकार ने मरीजों को हाे रही परेशानी को देखते हुए हड़ताल कर रहे पीजी प्रथम वर्ष के 583 डॉक्टर्स को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा 650 सेवारत रेजीडेंट्स को रिलीव कर दिया है। उन्हें निदेशालय में ड्यूटी देने को कहा गया है। इसके साथ ही सरकार ने 3 जून से सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में 1150 नए डॉक्टरों की नियुक्ति के आदेश भी दे दिए हैं।
एसएमएस जयपुर समेत छहों मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों की परीक्षा प्रणाली में बदलाव के विरोध में रेजीडेंट्स बुधवार को भी हड़ताल पर रहे। इसके कारण अस्पतालों में मरीजों को इलाज प्रभावित रहा, बल्कि इमरजेंसी को छोड़कर ऑपरेशन टालने पड़े। आउटडोर में मरीज घंटों इंतजार करते रहे। एसएमएस जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा में हड़ताल के कारण 400 से ज्यादा ऑपरेशन नहीं होने के कारण मरीजों को लौटना पड़ा।
अब दो दिन में होगी नियुक्तियां
चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बुधवार को मीडिया को बताया कि मेडिकल कॉलेजों में तीन दिन में 1150 डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी जाएगी।जहां भी डॉक्टरों की कमी है, वहां डॉक्टर लगाए जा रहे हैं। रेजिडेंट बिना नोटिस के हड़ताल पर गए है, जो गैर जिम्मेदाराना है। किसी भी कॉलेज में पीजी में प्रवेश लेने से पहले हड़ताल पर नहीं जाने की शपथ लेते है। बाद में हड़ताल पर चले जाते है। सरकार इस मामले में हर तरह से सख्ती बरतेगी। थीसिस को बाहर भेजने से रेजिडेंट में खौफ बना हुआ है।
7 रेजिडेंट बर्खास्त, आईसीयू में तैनात थे
एसएमएस अस्पताल की आईसीयू में तैनात सात रेजिडेंट को बर्खास्त कर दिया गया है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.यू.एस.अग्रवाल ने बताया कि आईसीयू में गंभीर मरीज भर्ती होते है। रेजिडेंटों के हड़ताल पर जाने के कारण बर्खास्त कर सरकार को सूचना भेज दी गई है।