बीकानेर। 4 माह के अंतराल के बाद देवउठनी एकादशी को हिंदू रीति-रिवाज से मांगलिक आयोजन का शुभारंभ होने जा रहा है। मंगलवार 31 अक्टूबर को जिले में घर घर तुलसी विवाह के साथ विवाह लग्न का आयोजन किया जाएगा। देवउठनी एकादशी के अंबुज सावे को देखते शहर के बाजारों में रौनक लौट आई हैं। जेवलरी, कपडे, इलेक्ट्रॉनिक आइटम खाद्य सामग्री सिलाई बैंड टेंट घोड़ी हलवाई और की बुकिंग है लगभग तय हो चुकी है। सामूहिक विवाह को लेकर समितियों ने अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है ।
टेंट और अन्य तैयारियां को दिया जा रहा अंतिम रुप
अखिल भारतीय पीपा क्षत्रिय महासभा जिला इकाई बीकानेर का चतुर्थ सामूहिक विवाह ज्ञान विधि महाविद्यालय गंगाशहर में आयोजित होगा। अध्यक्ष भंवर लाल बडगुजर ने बताया कार्ड वितरण के बाद सोमवार को दोपहर को गणेश स्थापना भूमि पूजन किया जाएगा। विवाह स्थल पर टेंट और अन्य तैयारियां को अंतिम रुप दिया जा रहा है। 31 को सुबह 9:00 बजे गोपेश्वर महादेव मंदिर से बारात प्रस्थान करेगी जोकि विवाह स्थल पहुंचेगी। इस आयोजन में तुलसी-शालिग्राम के अलावा 12 जोड़े परिणय सूत्र में बनेंगे।
श्री विश्वकर्मा सुथार समाज सामूहिक विवाह समिति द्वारा छठा सामूहिक विवाह का आयोजन श्री विश्वकर्मा सूत्रधार शिल्पकार कल्याण प्रन्यास सामुदायिक भवन सारण पेट्रोल पंप गजनेर रोड पर करेगा ।प्रणेता कन्हैया लाल बडवानी बताया जिसमें तुलसी जी शालिग्राम के अलावा 17 जोड़ें विधिवत परिणय सूत्र में बंधेंगे। सोमवार को शाम 6:00 बजे सुंदर पाठ का आयोजन किया जाएगा। मंगलवार को सुबह गणेश पूजन और भूमि पूजन का आयोजन होगा ।शाम को 5:00 बजे बारात का स्वागत उसके बाद विवाह की रस्म और प्रीतिभोज का आयोजन होगा।
माली (सैनी) समाज के 11 जोड़े बंधेंगे परिणय सूत्र में
माली सैनी समाज बीकानेर का 11 वां सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा। अध्यक्ष हनुमान गहलोत ने बताया शिव पार्वती मंदिर गोपेश्वर बस्ती में होने वाले इस समय आयोजन में तुलसी शालिग्राम जी के अलावा 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। बारात का स्वागत 5:30 बजे तोरण एवं वरमाला शाम 7:00 बजे विवाह संस्कार सामूहिक भोज और विदाई समारोह का आयोजन किया जाएगा। विवाह को लेकर वर वधु पक्ष अपने घरों में बान मायरा आदि की रश्में शुरू कर दी है।