महाप्राण गायन प्रतियोगिता : पूजा सारस्वत बनीं “तुलसी आयडल”

 

बीकानेर । महाप्राण गायन प्रतियोगिता जीतकर पूजा सारस्वत बीकानेर “तुलसी आयडल” बन गयी। गायन प्रतियोगिता में ग्रान्ड फिनाले में द्वितीय स्थान पर गौरव सामसुखा, सुरतगढ़ रहे एवं तृतीय स्थान पर गंगाषहर की कोमल पुगलिया रही। सभी विजेताओं को क्रमषः 21, 15 व 11 हजार रूपयों का चैक पुरस्कार में दिए गए तथा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। पूजा सारस्वत ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्य तुलसी के समाधि स्थल पहुंचकर माला फेरी तथा भगवान तुलसी से प्रार्थना करते हुए यह प्रतियोगिता जीतने की कामना की जो पूरी हो गयी। उन्होंने कहा कि जैन समाज से बचपन से जुड़ाव रहा है और इस शक्तिपीठ पर शक्ति का संचरण हुआ है।
महाप्राण भक्ति संध्या में बैगलुरू से आए मनीष पगारिया ने जब “जय जय श्री तुलसी गुरूवर, तुम राष्ट्र संत कहलाये” गाया तो श्रोता झूम उठे। उन्होने अनेक गीत गाते हुए तुलसी तेरा नाम, हमको प्राणों से प्यारा है, गाकर सबकी वाह वाह बटोरी सिरसा से आए अमित सिंगी ने ज्योंही कैसी वह कोमल काया रे गाया तो श्रोता झूम उठे। अमित सिंगी ने अनेक गीत गाते हुए श्रोताओं को ओम अर्हम् की ध्वनी निकालने को मजबूर कर दिया। भीलवाड़ा से आयी चुनौती और आकांक्षा नाहर ने संयुक्त रूप से गीत गाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया उन्होंने तुलसी अष्टकम से अपने गीतो की प्रस्तुति प्रारम्भ की।
इस समारोह का संचालन करते हुए महामंत्री जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि महाप्राण भक्ति संध्या में भाग लेने अनेक क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु गंगाषहर पहूंचे, उनके आवास प्रवासों की व्यवस्था बहेतरीन ढंग से की गई। सभी भामाषाहों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
मुनिश्री पीयूष कुमार एवं पूजा डागा ने भी गीतों की प्रस्तुती दी। समारोह का मंगलाचरण राजेन्द्र बोथरा ने किया तथा प्रो. ब्रह्ममाराम चौधरी ने भी स्वरचित गीत प्रस्तुत किया। पूरे कार्यक्रम को देषभर में लाइव टेलिकास्ट किए जाने पर देखकर आनन्द उठाया। गंगाषहर के शान्ति निकेतन, तेरापंथ भवन, डागा पैलेस, में भी एलईडी लगाकर कार्यक्रम दिखलाया गया। पूरे राष्ट्र से अच्छे कार्यक्रम हेतु बधाईयों के संदेष प्राप्त हुए।