बीकानेर का साम्प्रदायिक सौहार्द, समरसता व प्रेम की परम्परा अपने आप में एक मिसाल : रिणवा
बीकानेर का साम्प्रदायिक सौहार्द, समरसता व प्रेम की परम्परा अपने आप में एक मिसाल : रिणवा
बीकानेर का साम्प्रदायिक सौहार्द, समरसता व प्रेम की परम्परा अपने आप में एक मिसाल : रिणवा

बीकानेर । वन एवं पर्यावरण तथा जिले के प्रभारी मंत्राी राजकुमार रिणवा ने कहा है कि बीकानेर का साम्प्रदायिक सौहार्द, समरसता व प्रेम की परम्परा अपने आप में एक मिसाल है। नगरवासी इसको कायम रखे तथा शहर के विकास में सहभागी बनें।
रिणवा सोमवार को जिला प्रशासन की ओर से राव बीकाजी संस्थान की ओर से बीकानेर के संस्थापक राव बीका की प्रतिमा परिसर में नगर के 528 वें स्थापना दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। रिणवा व अतिथियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित किया।
प्रभारी मंत्राी ने दोहा ” माना भू गर्भ में पानी नहीं है, धरा की चूनड़ी भी धानी नहीं है, फिजा भी खास रूमानी नहीं है, मगर फ्रक है मेरे बीकानेर का कोई सानी नहीं है” सुनाते हुए कहा कि चाचा भतीजा के संवाद से नगर की स्थापना हो गई। शब्द का संवाद में बहुत महत्व है। नगर का इतिहास, कला व संस्कृति तथा पुरा वैभव अनुकरणीय है। उन्होंने भगवान परशुराम के आदर्शों का भी स्मरण दिलाया।
विशिष्ट अतिथि नगर निगम के महापौर नारायण चौपड़ा ने कहा कि बीकानेर अपनी विशिष्टताओं के कारण समूचे हिन्दुस्तान में अपना अहम स्थान रखता है। नगर को साफ सुथारा व हरा भरा तथा धूम्रपान निषेध क्षेत्र बनाने में सभी नगरवासी सक्रिय भागीदारी निभाएं । समारोह में अतिथि के रूप में नगर निगम के पूर्व महापौर भवानी शंकर शर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी आलोक रंजन भी मौजूद थे। गोविंद नारायण राजपुरोहित ने बीकानेर महिमा का गीत, लक्ष्मी नारायण रंगा ने ’’दोहे’’ प्रस्तुत किए। कमल रंगा ने स्वागत भाषण किया वहीं आनंद वी.आचार्य ने बीकानेर स्थापना दिवस पर हुए कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रस्तुत की आभार डॉ.गिरिजा शंकर शर्मा ने व्यक्त किया। संजय पुरोहित ने नगर स्थापना दिवस के महत्व को उजागर किया।
अतिथियों ने 14 विशिष्ट जनों को शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया। डॉ.सरस्वती बिश्नोई को महिला शिक्षा के क्षेत्रा में उल्लेखनीय कार्य करने पर श्रीकरणीमाता अवार्ड, उद्घोषक एवं साहित्यकार चंचल हर्ष को “राव बीकाजी अवार्ड’’, पेंटर पृथ्वी को “रावत कांधल जी अवार्ड”, समाज सेवी किशोर दास गांधी को ’’राव बीदाजी अवार्ड’’, डॉ.अबरार पंवार को ’’पीर गोविंद दास अवार्ड’, डॉ.उषा किरण सोनी को पंडित विद्याधर शास्त्राी अवार्ड, शौर्य के क्षेत्रा में कर्नल राजेन्द्र सिंह राजवी को ’’श्री गई भोम रा बाहडू राजकुमार भीमराज अवार्ड, राजस्थानी के साहित्यकार डॉ.कृष्ण लाल बिश्नोई को ठाकुमर सूरजमल सिंह चिलकोई राजस्थानी प्रोत्साहन अवार्ड, शास्त्राीय संगीत के कलाकार नारायण रंगा को “देश दीवान राव दूले सिंह बीदावत अवार्ड”, साहित्य व आध्यात्म के क्षेत्रा में संजीव कश्यप को अमर कीर्ति अवार्ड, विज्ञान शिक्षा के क्षेत्रा में मोहम्मद फारुख को राव बेलोजी पड़िहार अवार्ड, अब्दुल लतीफ उस्ता को अजीज आजाद स्मृति अवार्ड, खेल प्रशिक्षक श्याम सुन्दर चूरा तथा रंगकर्मी मनोहर कलांश को “बीकाणा अवार्ड” प्रदान किया गया।
मंच के नीचे उतर कर किया सम्मान-आकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक व गीतकार चंचल हर्ष के पैरों में दिक्कत से उन्होंने मंच पर असमर्थता व्यक्त की, तब जिले के प्रभारी मंत्री राजकुमार रिणवा, महापौर नारायण चौपड़ा आदि ने मंच के नीचे उतर कर उनका सम्मान किया।
प्रतिभाओं का हुआ सम्मान-अतिथियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनी कार्य करने वाली युवा प्रतिभाओं, बीकानेर स्थापना दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरुष्कृत किया। महाराजा राय सिंह ट्रस्ट के बैंड ने लुप्त हो रहे लोकगीतों की स्वर लहरियां पेश की।प्रभारी मंत्राी सहित अतिथियों ने प्रारंभ में राव बीकाजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें नमन किया।
स्मॉक फ्री घोषित की अनुशंषा
समारोह में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (एस.आई.एच.एफ.डब्ल्यू) द्वारा किए गए सर्वे अनुसार बीकानेर जिले में तम्बाकू निषेध अधिनियम (कोटपा) की पालना 85 प्रतिशत से अधिक पाए जाने पर जिले को स्मॉक फ्री करने की घोषणा जिले के प्रभारी मंत्राी राजकुमार रिणवा ने की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.देवेन्द्र चौधरी भी मौजूद थे।
इन प्रतिभाओं का हुआ सम्मान-जिले के प्रभारी मंत्राी व अतिथियों ने अनेक युवा प्रतिभाओं को सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में जल बचाताओ-जीवन बचाओ’’ के क्षेत्रा में कार्य करने वाली तनुषी बिस्सा, साहित्य में सुनील कुमार, सीमा भाटी, श्रीमती कान्ता चाडा, पत्राकारिता में विमल छंगाणी, तकनीकी शिक्षा के क्षेत्रा में प्रो. अब्दुल समद, शिक्षा के क्षेत्रा में ऐंजल सोमरा, राहुल सोलंकी (बोर्ड मेरिट विजेता), पर्यावरण के क्षे़त्रा में नन्द किशोर गालरिया, अभिनय के क्षेत्रा में अनिल कुमार व्यास, खेल में शक्ति रत्न रंगा, श्रीमती प्रमोद स्वामी, रंगकर्म में रफीक पठान, सुरेश पूनिया, वरूण राठौड़, सागर चौहान, बबलू प्रसाद, मयंक शर्मा, संगीत में गौरी शंकर कच्छावा, अमित पारीक, राजस्थानी भाषा के लिये प्रशान्त जैन को, स्काउट गाइड के लिये लवलीना बजाज, समाज सेवा के क्षेत्रा में श्री वल्लभ जोशी, दिनेश गहलोत गणेशीलाल गहलोत, महेन्द्र प्रकाश चाडा, अरूण कुमार रांकावत, ऐडवेंचर स्पोर्टस के लिये रोहिताश बिस्सा, वास्तु एवं ज्योतिष के लिय पं. गायत्राी प्रसाद प्रसाद शर्मा, व्यंग्य चित्राकार मनीष कच्छावा, नृत्य के क्षेत्र में कमल दाधीच, सुनील पण्डित, स्थापत्य कला के लिये मोहम्मद हसन उस्ता, चित्राकला के लिये खेमचन्द शर्मा, स्पोर्ट्स के लिये लोहित तेलंग, ज्ञानांश आचार्य, रूद्रराज जोशी, प्रशान्त हर्ष, राहुल खत्राी, पवन सारस्वत, सुश्री पलक खत्राी, जितेन्द्र बिश्नोई, अजय सिंह गहलोत, दीपक जाजड़ा, अख्तर खान, वासुदेवनानी आदि शामिल थे। इसी क्रम में उस्ता आर्ट की प्रदर्शनी के कलाकारों को भी प्रारंभ में पत्र दिया गया।

 

शीतला गेट स्थित हनुमान मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम

जिले के प्रभारी मंत्राी तथा वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्राी राजकुमार रिणवा ने सोमवार को यहां शीतला गेट स्थित श्री मनसापूर्ण हनुमान जी मंदिर में भगवान श्री लक्ष्मीनारायण व सूर्यनारायण की मूर्तियों के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लिया। रिणवा ने मंदिर में पूजन किया और हवन में आहुति दी।
जिला प्रभारी मंत्राी का कार्यक्रम स्थल पर श्री महावीर जीव हितार्थ एवं सेवार्थ ट्रस्ट की ओर ट्रस्टी श्री शिवकुमार व्यास एवं श्री राधेश्याम आचार्य ने स्वागत किया। इस मौके पर रिणवा का मंदिर के संरक्षक श्री भगवान अग्रवाल ने श्रीफल और शॉल भेंट कर अभिनंदन किया।
वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्राी ने कर्मकांड भास्कर एवं प्रख्यात पंडित श्री नथमल पुरोहित का स्वागत किया। यह 5 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के श्री पुरोहित के सान्ध्यि में आयोजित किया जा रहा है। मंदिर के ट्रस्टी श्री शिवकुमार व्यास के बताया कि रविवार को पहले दिन भगवान श्री लक्ष्मीनारायण व सूर्यनारायण का प्राच्यात स्नान, कलश यात्रा एवं मण्डप निर्माण के कार्यक्रमों के बाद, सोमवार को मण्डप पूजन (हवन), जलाधीवास, अन्नाधीवास एवं आरती के कार्यक्रम हुए। मंगलवार को हवन के साथ घृता अधीवास, पुष्पा अधीवास, धूपाधीवास एवं आरती होगी। बुधवार को हवन एवं महास्नान, नगर परिक्रमा एवं संध्या अधीवास सम्पन्न होंगे। गुरूवार को प्रातः प्राण प्रतिष्ठा के बाद दोपहर में हवन एवं पूर्णा आरती तथा शाम 7 बजे से महाप्रसाद का आयोजन रखा गया है।

 भगवान श्री परशुराम की पूजा-अर्चना 

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। ये ब्राह्मणों के आराध्य देव है। विप्र बंधुओं को चाहिए कि आज के दिन उनके दिखाए आदर्शों को आत्मसात करने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज का इतिहास स्वर्णिम रहा है। ब्राह्मणों ने सदैव दुनिया में ज्ञान की ज्योति जलाई है। आज भी हमें ऐसे रास्तों को चुनना चाहिए, जो समाज को दिशा दिखा सके। उन्होंने कहा कि विप्र फाउण्डेशन पूरे देश में विप्र समाज के लोगों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है, जो कि सराहनीय है। इस अवसर पर उन्होंने भगवान विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान श्री परशुराम का विधिवत पूजन किया।
विप्र फाउण्डेश के जिला अध्यक्ष भंवर पुरोहित ने कहा कि फाउण्डेशन की जिला कार्यकारिणी ने पूरे वर्ष की विभिन्न गतिविधियों का कलैण्डर निर्धारित कर लिया है। इसके अनुसार साल भर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से ब्राह्मणों मे शिक्षा के प्रति चेतना पैदा करने के साथ युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। इसके पश्चात प्रभारी मंत्राी का शॉल, श्रीफल भेंट कर और माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बजरंग ओझा ने की। उन्होंने कहा कि युवाओं का सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों में जुड़ना एक सकारात्मक पहल है। फाउण्डेशन के युवा प्रकोष्ठ को चाहिए कि वे ऐसे नवाचार करें, जिनसे समाज को लाभ हो।
इस अवसर पर डॉ सत्य प्रकाश आचार्य, ताराचंद सारस्वत, परमांनद ओझा, फाउण्डेशन के युवा अध्यक्ष राजू पारीक, के के शर्मा, भगवती प्रसाद गौड सहित विभिन्न पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सुभाष जोशी ने किया।
मुरली मनोहर गौशाला का अवलोकन किया

उन्होंने गौ माता की पूजा की तथा इसे देश की अर्थव्यवस्था की धुरी बताया। उन्होंने कहा कि जहां गाय का निवास होता है, वहां सदैव सम्पन्नता रहती है। उन्होंने गाय के दूध को अमृत बताया तथा कहा कि गाय के गोबर और मूत्र में भी अनेक रोगों को समूल नष्ट करने की शक्ति होती है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक भी इसकी महत्ता को सिद्ध कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने गौशाला परिसर में पचास बीघा से अधिक क्षेत्र में उगाई गए सेवण घास क्षेत्रा को गायों के चरने के लिए लोकार्पित किया। इसके बाद उन्होंने सेवण घास क्षेत्रा का अवलोकन किया तथा यहां विकसित की गई रेन गन तकनीक की सराहना की। उन्होंने कहा कि सेवण घास के ऐसे बड़े क्षेत्रा दूसरे स्थानों पर विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे, जिससे गाय के लिए चारे की पर्याप्त व्यवस्था हो सके।
रिणवा ने उप वन संरक्षक को मुरलीमनोहर मंदिर परिसर और गौशाला क्षेत्रा में आवश्यकता के अनुसार पौधे उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर राजस्थान गौ सेवा संघ के उपाध्यक्ष रतन लाल पुगलिया के नेतृत्व में गौशालाओं को सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग उपलब्ध करवाने की मांग की गई। बलदेव दास भादाणी ने गौशाला संचालन में आने वाली परेशानियों के बारे में बताया तथा इनके निदान का आग्रह किया। इस अवसर पर दुर्गादास मीमाणी, राम नारायण राठी, गुलाब चंद दफ्तरी, गोपाल राठी, नृसिंह दास मीमाणी, लक्ष्मीनारायण प्रजापत सहित विभिन्न पदाधिकारी मौजूद थे।