विकास के संकल्प के साथ राजस्थान विधानसभा सत्र का आगाज
विकास के संकल्प के साथ राजस्थान विधानसभा सत्र का आगाज
विकास के संकल्प के साथ राजस्थान विधानसभा सत्र का आगाज

जयपुर। राज्यपाल कल्याण सिंह स्वास्थ्य खराब होने की वजह से बुधवार को राजस्थान विधानसभा में अपना अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ सके। वे केवल छह मिनट ही पढ़ पाए। सदन में उनका यह पहला अभिभाषण था। जोधपुरी साफा बांध कर आए राज्यपाल ने ठीक 11 बजे अपना अभिभाषण शुरू किया। तबीयत खराब होने की वजह से वह ठीक से नहीं पढ़ पा रहे थे। करीब छह मिनट बाद संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने अध्यक्ष से मांग की, कि राज्यपाल का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए अभिभाषण के अंतिम अंश का पढ़ा कर इसे पूरा मान लिया जाए। इस पर सदन की सहमति से 58 पेज के अभिभाषण को पढ़ा हुआ मान लिया गया। इसके बाद राज्यपाल ने अभिभाषण की प्रति पर हस्ताक्षर किए और सदन से रवाना हो गए। राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से राज्य सरकार ने कहा कि उसे प्रदेश की जनता की ओर से दिए गए ऐतिहासिक जनादेश एवं सौंपी गई जिम्मेदारी का अहसास है। सरकार से जनता की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। इसलिए सरकार प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुधारने, रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करने, आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और प्रदेश के समग्र विकास के संकल्पों को पूरा करने के लिए पूर्ण मनायोग से जुट गई है। राज्य के विकास के मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2014-15 का बजट में 69 हजार 820 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा था। यह आंकड़ा पिछले बजट से 39 हजार 320 करोड़ रुपए ज्यादा था। राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए शिक्षा की अनिवार्यता लागू की। शिक्षा के प्रसार की दृष्टि से राज्य सरकार का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। राज्यपाल ने कहा है कि प्रदेश के विकास के लिए राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। वह हरसंभव प्रयास कर रही है। विभिन्न क्षेत्रों में हो रही आशातीत प्रगति से विश्वास है कि शीघ्र ही राजस्थान विकास की दृष्टि से देश के अग्रणी प्रदेशों की श्रेणी में शामिल होगा। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के जरिए प्रदेश की जनता का आह्वान किया कि हम सब मिलकर एक खुशहाल और विकसित राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने में अपनी सहभागिता निभाएं।