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एचएसईबी डिप्लोमा इंजीनियर्स ने पौधारोपण कर मनाया अपना 40वां स्थापना दिवस

हर्षित सैनी / रोहतक /  एचएसईबी डिप्लोमा इंजीनियर्स के 40वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में व्यापक सामाजिक सरोकारों का पालन करते हुए संगठन की प्रत्येक जिला इकाई ने समाज एवं पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता एवं जिम्मेवारी का निर्वहन करते हुए पौधारोपण अभियान चलाया। Rohtak Hindi News

इस कड़ी में रोहतक से प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु धनखड़ के नेतृत्व में 40वें स्थापना दिवस पर 40 पौधे रोपित कर संगठन के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर रोहतक के सभी जे ई, इंचार्जों ने जबरदस्त उत्साह का परिचय दिया एवं उपरोक्त कार्यक्रम में श्रमदान किया।

अभिमन्यु धनखड़ ने कहा कि अपने सभी सदस्यों के हकों और अधिकारों के लिए संघर्ष करने के साथ साथ सामाजिक जिम्मेवारी का निर्वहन भी पूर्णतया ईमानदारी से किया जाएगा और भविष्य में भी इस तरह के व्यापक असर और लोक भलाई के कार्यों का सामूहिक आयोजन किए जाएंगे।

उन्होंने सरकार एवं निगम प्रबंधन के संगठन की मुख्य मांगों के प्रति उदासीन और ढुलमुल रवैये की निंदा की और सरकार एवं निगम प्रबंधन को पुन: मुख्य मांगों को पूरा करने एवं समस्याओं के निवारण के लिए अनुरोध किया। Rohtak Hindi News

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इस अवसर पर मुख्य रूप से जोगेंद्र मोर, सूर्यवीर, सतेंदर हुड्डा, रामप्रसाद, नरेश नांदल, राकेश कुमार, विकास यादव, जगबीर शर्मा, रविन्द्र सैनी, कुलदीप जांगड़ा, अनुज यादव, विनीत गौर, रमेश बल्हारा, पवन सैनी, जयकिशोर विशेष रूप से उपस्थित रहे एवं श्रमदान किया।

बाबा जीवन दास अखाड़ा कमेटी द्वारा विशाल भंडारे व नेत्र जांच शिविर का आयोजन

गुरू पूर्णिमा के अवसर पर गांव बहु अकबरपुर में बाबा जीवन दास अखाड़ा कमेटी द्वारा एक विशाल भंडारे व नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टर आनंद शर्मा द्वारा 455 लोगों की आंखें जांची गई। आयोजनकर्त्ता बाबा जीवनदास कमेटी व शहीद भगत सिंह सेवा समिति द्वारा 700 मरीजों को नि:शुल्क दवाईंयां दी गई।

इस अवसर पर शहीद भगत सिंह सेवा समिति के अध्यक्ष पवन बल्हारा ने कहा कि मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। जो मनुष्य दूसरों के काम आए, वही सच्चा मानव है। इस कष्ट भरी दुनिया में लाखों असहाय ऐसे हैं, जो अपने स्वास्थ्य की जांच तक नहीं करवा पाते। ऐसे में मैडिकल कैंप से उन्हें काफी सुविधा मिलेगी।

इस मौके पर जिला परिषद् के चेयरमैन बलराज कुंडू, सांसद सुनीता दुग्गल के पिताजी सत्यनारायण, महेन्द्र सिंह, पवन बल्हारा, हीरा, धर्मबीर पहलवान, राम अवतार, बबलू, राजा, अमित फौजी, संजय बल्हारा, सुरेन्द्र आदि का प्रमुख रूप से सहयोग रहा।

गांव लाहली में सैंकड़ों लोगों ने ली भाजपा की सदस्यता

हरियाणा शोषित पीड़ित कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन व हरियाणा दलित पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण एसोसिएशन द्वारा आज गांव लाहली में कार्यक्रम का आयोजन प्रधान दयानंद रंगा की अध्यक्षता में हुआ।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के लोकसभा प्रभारी रमेश भाटिया व सूरजमल किलोई रहे। इस अवसर पर एसोसिएशन के सैंकड़ों कार्यकर्त्ताओं ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा की।

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इस अवसर पर लोकसभा प्रभारी रमेश भाटिया ने कहा कि पार्टी में सभी को उचित मान-सम्मान दिया जायेगा व सभी कार्यकर्त्ता सरकार द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों को घर-घर तक पहुंचाएं। इस अवसर पर ग्रामीणों ने गांव में मौजूद पेयजल समस्या को भी उठाया। जिस पर रमेश भाटिया ने जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। Rohtak Hindi News

महासचिव जोगेन्द्र ने विधिवत रूप से फार्म भरकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। शामिल होने वालों में रामचन्द्र किलोई, पूनम हिमांयुपुर, मनोज पाकस्मा, लीला लाहली, रणबीर लाहली, गोपाल लाहली, हरेन्द्र, संतोष, उर्मिला, प्रमिला, कमला राठी, राज मोखरा, होशियार सिंह प्रजापत, रणबीर पाकस्मा, दिनेश मदीना, शर्मिला निडाना आदि प्रमुख रूप से रहे।

हरियाणा स्टेट पैंशनर्ज समाज ने मंत्रियों से मिलकर रखी अपनी मांगे

हरियाणा स्टेट पैंशनर्ज समाज ने अपनी लम्बित मांगों के लिए विधायकों तथा सांसदों से मिलकर मांग पत्र सौंपने के लिए संपर्क अभियान आन्दोलन शुरू कर दिया है। यह आन्दोलन एक माह तक चलेगा और 15 अगस्त तक आंदोलन का प्रथम चरण रहेगा। जिसमें सभी जिला कार्यकारिणियों द्वारा जिला स्तर पर सभी विधायकों एवं सांसदों को पैंशनरों की मांगों से सम्बन्धित मांग पत्र सौंपे जाएंगे और उन्हें मनवाने के लिए आग्रह किया जाएगा।

यह जानकारी देते हुए समाज के कार्यकारी अध्यक्ष देवराज नांदल ने बताया कि राज्य कार्यकारिणी ने उनके नेतृत्व में चंडीगढ़ में संपर्क अभियान चलाया है। शिष्टमंडल में उनके साथ भलेराम बूरा, रामचन्द्र शर्मा, जोरा सिंह, करतार सिंह नांदल, जयभगवान शर्मा, संतलाल बुद्धिराजा, जयपाल नांदल और चन्द्रभान शर्मा आदि ने सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, पानीपत विधायक महीपाल ढांडा, वित्त मंत्री अभिमन्यु तथा मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर पाल शर्मा को मांग पत्र सौंपे।

उन्होंने बताया कि ज्ञापन में पैंशनरों की मांगों पर जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया गया। सभी मंत्रियों ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री कभी भी पैंशनरों को खुशखबरी दे सकते हैं। Rohtak Hindi News

उन्होंने बताया कि पैंशनरों के नौ सूत्री मांग पत्र में 65, 70 व 75 आयु पर 5, 10 व 15 प्रतिशत की वृद्धि करना, नैशनल पे फिक्सेशन का लाभ शीघ्र देना, अभी तक वंचित निगम, बोर्ड व विश्वविद्यालयों के पैंशनरों के लिए भी आदेश जारी करना, कैशलेस मैडिकल भत्ता 2500 रूपये करना तथा सभी बीमारियों का कैशलैस ईलाज करवाना आदि प्रमुख हैं। अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो उन्हें मजबूरन आंदोलन करना होगा और इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।

ग्रामीण चौकीदार 31 जुलाई से 6 अगस्त तक सभी जिला मुख्यालयों पर करेंगे जिला स्तरीय प्रदर्शन : रामचन्द्र सिवाच

ग्रामीण चौकीदार 31 जुलाई से 6 अगस्त तक सभी जिला मुख्यालयों पर जिला स्तरीय प्रदर्शन करेंगे। ये निर्णय आज प्रभात भवन में हुई हरियाणा ग्रामीण चौकीदार सभा की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता सभा के कार्यकारी प्रधान कलीराम ने की।

बैठक में सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष विनोद कुमार, चौकीदार सभा के महासचिव रामचन्द्र सिवाच, कोषाध्यक्ष भगत सिंह, सचिव अनिल कुमार, ज्ञानेन्द्र, उपप्रधान बाबू लाल के अलावा सभी ब्लाॅक व जिलों के प्रधान सचिव ने भाग लिया। Rohtak Hindi News

चौकीदार सभा के महासचिव रामचन्द्र सिवाच ने बताया कि ग्रामीण चौकीदारों को चौथे दर्जे का कर्मचारी घोषित करना, जब तक कर्मचारी घोषित न हों, तब तक 18000 रुपए मासिक वेतन देने, हर माह की 10 तारीख तक मानदेय का भुगतान करने, मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार 60 वर्ष के ऊपर के चौकीदारों को 2014 से 2017 तक के बकाया मानदेय का भुगतान करने, चौकीदारों को मानदेय देने के लिए सरपंचों के हस्ताक्षर करवाने की व्यवस्था समाप्त की जाए व अन्य मांगों को लेकर चौकीदार सभा अपने आन्दोलन को तेज करेगी।

आन्दोलन की कड़ी में 31 जलाई से 6 अगस्त तक सभी जिलों में उपायुक्त कार्यालयों पर ग्रामीण चौकीदार अपनी मांगों एवं समस्याओं को लेकर जिला स्तरीय प्रदर्षन किए जाएंगे।

बैठक में यह भी निर्णय लिया है कि अगर हरियाणा सरकार ने चैकीदारों की मांगो का समाधान नहींं किया तो ग्रामीण चौकीदार 6 अगस्त के बाद राज्य स्तरीय बैठक करते हुए मुख्यमंत्री आवास पर राज्य स्तरीय प्रदर्शन करने के लिए भी मजबूर होंगे।

न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए 27 को नि:शुल्क कार्यशाला व ओपीडी परामर्श शिविर चंडीगढ़ में : डॉ. रिचा बनसोड

अनूप कुमार सैनी / नवी मुंबई के नेरुल में स्थित न्यूरोजेन ब्रेन ऐंड स्पाइन इंस्टीट्यूट भारत का अग्रणी स्टेम सेल थेरेपी सह पुनर्वास केंद्र की सर्जिकल सेवाओं की प्रमुख व न्यूरो सर्जन रिचा बनसोड द्वारा प्रैस वार्ता का आयोजन किया गया।

न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट की सर्जिकल सेवाओं की प्रमुख व अग्रणी न्यूरोसर्जन डॉ. रिचा बनसोड ने एक पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र स्टेम सेल थेरेपी और रिहैबिलेशन के माध्यम से असाध्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए नई उम्मीद की तरह है। Rohtak Hindi News

उन्होंने बताया कि न्यूरोजेन बीएसआई की स्थापना स्टेम सेल थेरेपी के जरिए सुरक्षित और प्रभावी तरीके से असाध्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों की मदद करने और उनके लक्षणों और शारीरिक विकलांगता से राहत प्रदान करने के लिए की गई है।

रिचा बनसोड के मुताबिक न्यूरोजेन ब्रेन ऐंड स्पाइन इंस्टीट्यूट न्यूरोलॉजिकल विकार मसलन ऑटिज्म सेरेब्रल पाल्सी मानसिक मंदता ब्रेन स्ट्रोक मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी स्पाइनल कॉर्ड इंजूरी सिर में चोट, सेरेबेलर एटाक्सिया डिमेंशिया मोटर न्यूरॉन रोग, मल्टीपल स्केलेरॉसिस और न्यूरोसाइकिएट्रिक विकार के लिए स्टेम सेल थेरेपी और समग्र पुनर्वास प्रदान करता है।

डा. रिचा बनसोड अब तक इस संस्थान ने 60 से अधिक देशों के 8000 मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया है। न्यूरोजेन ब्रेन ऐंड स्पाइन इंस्टीट्यूट ने हरियाणा के न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए आगामी 27 जुलाई को चंडीगढ़ में एक नि:शुल्क कार्यशाला व ओपीडी परामर्श शिविर का आयोजन कर रहा हैं।

उन्होंने कहा कि न्यूरोजेन को एहसास है कि स्पाइनल कॉर्ड इंजुरी मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी ऑटिज्म सेरेब्रल पाल्सी इत्यादि विकारों से पीडि़त मरीजों को सिर्फ परामर्श के उद्देश्य से मुंबई तक की यात्रा करना काफी तकलीफदेह होता है इसलिए मरीजों की सुविधा के लिए इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है। असाध्य न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित मरीज इस नि:शुल्क शिविर में परामर्श के लिए समय लेने के लिए पुष्कला मोबाइल नंबर. 09821529653 व 09920200400 से संपर्क कर सकते हैं।

न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट की सर्जिकल सेवाओं की प्रमुख व अग्रणी न्यूरोसर्जन डॉ. रिचा बनसोड ने कहा कि ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसार्डर एएसडी बचपन की आम न्यूरो साइकिएट्रिक बीमारियों में से एक है। संयुक्त राज्य अमेरिका में हर 68 में से एक बच्चे में यह समस्या पाई गई हैए तो भारत में हर 250 में से एक बच्चा ऑटिज्म से पीड़ित है और जागरूकता एवं उम्दा निदान के चलते यह संख्या आंकड़ों के लिहाज से बढ़ रही है।

उनका कहना था कि यह जानकर झटका लगता है कि बच्चे का ऑटिज्म पीडि़त होना अधिकांश माता.पिता के लिए जीवन को बदलने वाला अनुभव होता है। ऑटिस्टिक लक्षणों वाले ऑटिज्मग्रस्त बच्चे की परवरिश अभिभावकों के लिए खासकर माताओं के लिए एक निरंतर चुनौती की तरह होता है क्योंकि यह थकाऊ लंबी और अकेले रोलर कोस्टर की सवारी करने जैसी प्रक्रिया है।

न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट की सर्जिकल सेवाओं की प्रमुख का कहना था कि ऑटिज्म बचपन का एक विकार है। जो बोलने में दिक्कत, अतिसक्रियता, आक्रामक व्यवहार और सामाजिक संपर्क में कठिनाई के परिणाम प्रकट करता है। वर्तमान में भारत में तकरीबन एक करोड़ बच्चे इससे प्रभावित हैं, जिनका दवाओं के सहारे लाक्षणिक राहत विशेष शिक्षा ऑक्युपेशनल स्पीच और बिहैवियरल थेरेपी के साथ इलाज किया जा रहा है।

एलटीएमजी अस्पताल और एलटीएम मेडिकल कॉलेज सायन मुंबई के प्रोफेसर एवं न्यूरोसर्जरी के प्रमुख और न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. आलोक शर्मा ने बताया कि चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति के विकास पर एक नजर डालने से पता चलता है कि मुश्किल लाइलाज बीमारियों का समाधान अक्सर मल्टी डिसिप्लीनरी अप्रोच से मिलता है। यह तभी होता है जब लाइलाज या उपचार के लिहाज से मुश्किल विकारों के मामलों में अलग-अलग विशेषताओं के लोग अपने ज्ञानए कौशल और संसाधनों का संयुक्त रूप से प्रयोग करते हैं।

उन्होंने बताया कि आज हम हिसार हरियाणा के 11 वर्षीय बच्चे जय बामेल की केस स्टडी प्रस्तुत कर रहे हैं। जय का जन्म सही समय पर सीजेरियन प्रक्रिया द्वारा हुआ। तब उसकी माता की उम्र 26 वर्ष थी और गर्भावस्था से पहले या बाद में किसी तरह की समस्या नहीं देखी गई थी। उसके परिवार में ऑटिज्म या संबंधित विकारों का कोई इतिहास नहीं था।

डॉ. आलोक शर्मा बताया कि जय का जन्म एक स्वस्थ बच्चे के रूप में हुआ था और प्रारंभिक कुछ वर्षों तक उसका विकास भी सामान्य ढंग से हो रहा था। उसने पहले साल में चलना शुरू कर दिया और उसकी सभी प्रेरक पेशियां सामान्य थीं। दो साल का होते तक उसने कुछ शब्द बोलना भी शुरू कर दिया। इन शुरुआती वर्षों में जय को बाकी रह गया टीका दिया गया। Rohtak Hindi News

जय के अभिभावकों को आशंका है कि इसी के चलते जय में न्यूरोलॉजिकल गिरावट आई है। हालांकि किसी भी चिकित्सकीय नैदानिक परीक्षण से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। जब वह ढाई साल का हुआ, तब उसके पिता श्री संदीप और माता श्रीमती सोमी ने उसके व्यवहार में कुछ असामान्य बदलाव देखे।

उसका भाषण बिगड़ गया और अति सक्रिय व्यवहार में वृद्धि हुई। उसे एक सामान्य स्थानीय चिकित्सक के पास ले जाया गया, जिसने एडीएचडी, अटेंशन डेफिशिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर की आशंका जताई। उसे कई चिकित्सकों दिखाया गया परंतु ठीक नही हुआ। जय के माता पिता को अमेरिका के अपने एक दूर के रिश्तेदार से नवी मुंबई स्थित न्यूरोजेन ब्रेन ऐंड स्पाइन इंस्टीट्यूट के बारे में पता चला ओर बच्चे का मार्च 2018 में ईलाज करवाया उसकी आयु दस वर्ष की थी।

न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट में जय का एक स्वनिर्धारित पुनर्वास कार्यक्रम के साथ स्टेम सेल थेरेपी उपचार किया गया। अपने-अपने क्षेत्र के सबसे अनुभवी पेशेवरों के मार्गदर्शन में उसे व्यावसायिक चिकित्साए फिजियोथेरेपी स्पीच थेरेपी और मनोवैज्ञानिक परामर्श का एक संयोजित कार्यक्रम प्रदान किया गया। स्टेम सेल थेरेपी के बाद जय में दिखाई दिए मुख्य सुधारों में पाया गया कि निर्देशों का पालन करने की उसकी क्षमता में सुधार आया है जय अब विशेष स्कूल में जाता है और पिछले 6 वर्षों से विशेष शिक्षक उसे घर पर पढ़ा रहे हैं।

जय के पिता संदीप और माता श्रीमती सोमी का कहना है कि अब तक जहां इस समस्या का कोई उपचार नहीं उपलब्ध था हमने अपने बच्चे में सुधार के लिए इस नई अवधारणा को आजमाने का प्रयास किया। इसमें दृढ़ता और काफी धैर्य और प्रोत्साहन की जरूरत होती है। जय अब अपने छोटे भाई दुष्यंत के साथ खेल.कूद और दैनिक गतिविधियों में व्यस्त होता है।

डॉ. रिचा बनसोड ने आगे कहा कि अतीत में मूल रूप से व्यावसायिक चिकित्सक मनोवैज्ञानिक भाषण चिकित्सक और विशेष शिक्षक द्वारा ऑटिज़्म का इलाज किया जाता था। हालांकि हाल के घटनाक्रमों ने ऑटिज़्म के समग्र प्रबंधन में भौतिक चिकित्सकों फिजियोथेरेपिस्ट के महत्व को स्पष्ट कर दिया है। स्टेम सेल थेरेपी के बाद न केवल रोगियों ने आश्चर्यजनक नैदानिक सुधार दिखाए हैं बल्कि मस्तिष्क के पीईटी सीटी स्कैन जैसे उपचार जांच के बाद इन मरीजों के मस्तिष्क कार्यों में व्यावहारिक सुधार देखा गया है।

न्यूरोजेन ब्रेन एंड स्पाइन इंस्टीट्यूट की उप निदेशक और चिकित्सा सेवा प्रमुख डॉ. नंदिनी गोकुलचंद्रन ने कहा कि ऑटिज्म उच्च मानसिक कार्यों में दोष का कारण बनता है और बच्चों को अतिसक्रिय, आक्रामक बनाता है और उनके सामाजिक संबंधों को प्रभावित करता है। बोलचाल भाषा और संचार कौशल को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

उनका कहना था कि ऐसे बच्चे सामान्य स्कूलों में नहीं जा पाते हैं और अपनी दैनिक गतिविधियों के लिए माता पिता या देखभाल करने वालों पर पूरी तरह निर्भर रहते हैं। बच्चे का ऑटिज्म से पीड़ित होना समग्र परिवार को भावनात्मक सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रभावित करता है। यह सामान्यत: लड़कियों के मुकाबले लड़कों में अधिक पाया जाता है। Rohtak Hindi News

डॉ. आलोक शर्मा ने इसे और स्पष्ट करते हुए कहा कि श्स्टेम सेल थेरेपी ऑटिज्म के लिए उपचार के नए विकल्प के रूप में उभर रही है। इस उपचार में आणविकय संरचनात्मक और कार्यात्मक स्तर पर क्षतिग्रस्त तंत्रिका ऊतकों की मरम्मत की क्षमता है।