श्रद्धालुओं के भोजन प्रसादी ठहरने की व्यवस्था
कथा के पहले दिन लगभग 10 हज़ार श्रद्धालु अपने परिवार इष्ट मित्रो सहित पहुचकर अध्यमिक कथा का लाभ लिया। कथा से पहले गंगा तट पर स्थित गीता भवन से सुबह कलश यात्रा निकाली गई जिसमें 1108 महिलाओं ने यात्रा में भाग लिया। राजस्थानी वेशभूषा में परंपरागत आभूषण पहने महिलाएं आकर्षण का केंद्र रही। श्रीक्षमारंजी महाराज, स्वामी श्री विदानन्द जी के सानिध्य में हो रही कथा का रस पान करने भक्तों का आना लगातार जारी है।बीकानेर , जोधपुर, नागोर ,बाड़मेर से बडी संख्या में लोग ऋषिकेश पहुचे है।
राजस्थानी लोक भजन गायक शिवजी सुथार ने कथा में भजनों की प्रस्तुति दी।
शरदपूर्णिमा से 12 अक्टूबर तक चलने वाली कथा के भंवर नरसी पूनम कुलरिया ने आने वाले श्रद्धालुओं के भोजन प्रसादी ठहरने की व्यवस्था की है। बीकानेर जिले से हजारों संख्या में धर्मप्रेमी कथा स्थल पहुँचे है। गोसेवी पदमाराम, उगमाराम, गणेशाराम,मनसुखराम, देवकिशन, बुधाराम, मघाराम, रामेवश्वरलाल सहित परिवार के लोग टीम के साथ सेवा चाकरी में जुटे हुए हैं।