Uddhav Thackeray

OmExpress News / New Delhi / शिवसेना ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी के मुखपत्र सामना में एक लेख के जरिए शिवसेना ने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए मोदी सरकार ने केंद्र की एजेंसियों और पैसे का इस्तेमाल किया, हालांकि कांग्रेस ने उनकी इस साजिश को नाकाम कर दिया। (Shiv Sena Targets Sachin Pilot)

शिवसेना ने कुछ दिन पहले भी मोदी सरकार को इस मामले पर घेरते हुए कहा था कि जिस समय देश कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहा है, उस समय भाजपा राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने में लगी है।

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राजस्थान सरकार ने गलत तरीके से फोन टैप किए : भाजपा

‘सामना’ के ताजा लेख में शिवसेना ने कहा, ‘राजस्थान की गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश में केंद्र की एजेंसियों के दबाव और पैसे का इस्तेमाल किया गया। हालांकि उनकी ये कोशिश कामयाब नहीं हो पाई और कांग्रेस ने अपनी सरकार बचा ली। अब भाजपा का कहना है कि राजस्थान सरकार ने गलत तरीके से फोन टैप किए।

अब केंद्रीय गृह मंत्रालय इस फोन टैपिंग मामले की जांच करेगा और हमने ऐसा आदेश दिए जाने की खबर भी पढ़ी है, यह सही भी है। गुपचुप तरीके से ना केवल राजनेताओं की, बल्कि किसी अन्य व्यक्ति की बात सुनना भी अपराध है।’

ऊंचे कीमत पर हुई विधायकों की खरीद-फरोख्त

शिवसेना ने अपने लेख में लिखा, ‘यह किसी की निजी आजादी पर हमला है। ऐसे में अगर गृह मंत्रालय इस मामले की जांच करेगा, तो इसमें कुछ गलत नहीं है। सवाल केवल इतना है कि क्या इस देश या राज्य में इस तरह की इमरजेंसी की स्थिति पैदा हो गई है, जो गहलोत सरकार को वो बातचीत सुननी पड़ी? राजस्थान में एक बहुमत से चुनी गई सरकार को गिराने का प्रयास किया गया और इसके लिए ऊंचे कीमत पर विधायकों की खरीद-फरोख्त भी शुरू हो गई थी।’

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केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ मामला दर्ज

शिवसेना ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘सचिन पायलट ने अपनी पार्टी और सरकार के खिलाफ जो विद्रोह किया, उसके लिए नैतिकता से ज्यादा बड़ी वजह पैसा था। यह पूरी तरह से राजस्थान की जनता और लोकतंत्र के खिलाफ है। यह भ्रष्टाचार है।

मामले में गहलोत सरकार ने सबूतों के साथ एक भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया है। शेखावत के खिलाफ गंभीर अपराधों के मामले और आरोप हैं लेकिन भाजपा इसपर कभी कुछ नहीं बोलती। जिस तरह किसी के फोन की बातचीत को सुनना अनैतिक है, उसी तरह एक सरकार को गिराने के लिए विधायकों को खरीदना भी अनैतिक है।’