OmExpress News / New Delhi / केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद आतंकवाद को लेकर आक्रामक रुख अपनाने का असर पाकिस्तान और पाकिस्तान के पाले गए आतंकवादियों के मनोबल पर साफ-साफ देखा जा रहा है। हिज्बुल मुजाहिद्दीन टॉप कमांडर रियाज नायकू के मारे गिराए जाने के बाद ग्लोबल टेररिस्ट का तमगा हासिल कर चुका हिज्बुल प्रमुख सैयद सलाउद्दीन ने कहा है कि अभी भारत का पलड़ा बहुत भारी है। Sizbul Chief Syed Saudin
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बौखलाहट तो अक्सर सामने आती ही रहती है। खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उनके बयानों से तो साफ जाहिर होता है कि वो भारत की आक्रामक नीतियों से कितने परेशान हैं।
#WATCH Video emerges of US State Department designated Global terrorist and Hizbul Mujahideen Chief Syed Salahuddin holding a condolence meet for Hizbul terrorist Riyaz Naikoo, killed by Indian forces a few days ago pic.twitter.com/pruq3sTRtd
बहरहाल, हिज्बुल आतंकी रियाज नायकू को मार गिराए जाने के एक दिन बाद इस आतंकी संगठन के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन ने एक सभा को संबोधित किया। उस सभा में उसने यह भी स्वीकार किया कि 3 मई को हंदवाड़ा में राष्ट्रीय राइफल के कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद के अलावा सेना के 2 जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर शकील काजी की शहादत में हिज्बुल का ही हाथ था। उसने कहा कि भारत ने इस साल 80 आतंकियों को मार गिराया है।
पाकिस्तान और पाकिस्तान परस्त आतंकियों की हालत पस्त
सलाउद्दीन ने कहा, ‘शहादतों की सिलसिला शुरू से चला आ रहा है। सिर्फ 1 जनवरी, 2020 से आज तक 80 मुजाहिद्दीन शहीद हो चुके हैं।’ वह आगे कहता है, ‘मुजाहद्दीन ने भी हालिया हंदवाड़ा, राजवार की कार्रवाई में दुश्मन का कमर तोड़ दिया है।’ इसी वीडियो में सलाउद्दीन ने माना है कि अभी पाकिस्तान और पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठनों का पलड़ा बहुत भारी है। उसने कहा, यह हकीकत है कि इस वक्त दुश्मन (भारत) का पलड़ा भारी है।’
डोभाल का ऑपरेशन जैकबूट और रियाज नायकू
दरअसल, आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज नायकू के मारे जाने के बाद कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों और बड़े-बड़े आतंकियों की हालत पस्त हो गई है। खूंखार आतंकी सैयद सलाउद्दीन सलाउद्दीन के बयानों से इसी बात की पुष्टि होती हो रही है। ध्यान रहे कि रियाज नायकू को उसके पैतृक गांव में घेरकर मारा गया था। वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के ‘ऑपरेशन जैकबूट’ की लिस्ट के आखिरी बड़े आतंकवादी था।