SP Medical College 28th Batch Meet
बिना दूल्हे के निकली बारात, हॉस्टल के अपने कमरो को देख भावुक हुए बैच मीट के सदस्य
बिना दूल्हे के निकली बारात, हॉस्टल के अपने कमरो को देख भावुक हुए बैच मीट के सदस्य

बीकानेर। सरदार पटेल मेडीकल कॉलेज सभागार से छात्रावास तक आज बैण्ड बाजो के साथ बारात निकली, धूम धडाके हुए, पटाखे छोडे गए, नाच गाना हुआ पर जब बारातियों के बीच दूल्हे को ढूढा गया तो दूल्हे का कही अता पता नही था। सभी ने दूल्हे को बहुत ढूंढा, पर दूल्हे को नही मिलना था तो नही मिला। ये नजारा देखने को मिला आज सरदार पटेल मेडीकल कॉलेज में, जब कॉलेज के 28वें बैच मीट के दौरान बैच मीट के सदस्यों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमो के बीच परम्परा का पालन करते हुए इस बार भी बिना दूल्हे वाली बारात निकाली गई। आयोजन समिति के डा. देवेन्द्र चौधरी और डा. अबरार पंवार ने बताया कि आज 28वें बेच मीट के दूसरे दिन भी विभिन्न कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम बैच के सभी चिकित्सको ने परम्परागत राजस्थानी वेशभूषा के अनुसार साफे बांधकर कार्यक्रम में शिरकत की। मेडीकल कॉलेज के सभागार में यादगार के तौर पर वरिष्ठ प्रोफेसर डा. हनुमान सिंह कस्वा ने सभी को पुराने दिनो की याद दिलाने के लिये एक अनौपचारिक कक्षा ली। सभी बैच मीट के साथियो ने इस कक्षा में नये नवेले विधार्थीयों की तरह ध्यान से लैक्चर को ध्यान से सुना और सवाल भी पूछे। इसके बाद सभागार में गुरूजन सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरूआत में अभी के प्रथम वर्ष की छात्राओ ने सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यकम के मुख्य अतिथि डा. राजा बाबू पंवार, और विशिष्ट अतिथि मेडीकल कॉलेज के सबसे पहले बैच के छात्र डा. अजीज अहमद सुलेमानी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेडीकल कॉलेज प्राचार्य डा. आर ए बम्ब ने की और कार्यक्रम में डा आर पी अगवाल और डा. जी एल मीणा ने भी शिरकत की। कार्यक्रम में बैच मीट के सदस्यों द्वारा 70 गुरूओ का सम्मान किया गया और उनके ज्ञान और अनुभवो के लिये सभी के द्वारा आभार व्यक्त कर गुरू-शिष्य परम्परा को निभाया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम में 28वें बेच मीट की स्मारिका का विमोचन भी सभी सम्मानिय अतिथियो द्वारा किया गया और सभी ने विधार्थीयो से संबंधित अपनी यादें साझा की।

उसके बाद 28वें बैच के विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले विधार्थियों को बैच के गौरव पुरस्कार भी प्रदान किये गए। गौरव पुरस्कार करने वालो में एसएमएस हॉस्पिटल, जयपुर क न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डा. बी एल कुमावत, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डधारीे न्यूरोसर्जन डा. के के बंशल मुम्बई के न्यूरोसर्जन डा. देवेन्द्र त्यागी, पीबीएम अस्पताल मे प्रोफेसर डा. कमलेश यादव, मेडीकल कॉलेज, गुडगांव के कैंसर रोग विशेषज्ञ डा. हरिकिशन गोयल, अमेरिका से पधारें डा9 ललिता सिडाना और डा. जसपाल सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीकानेर डा. देवेन्द्र चौधरी, भारतीय हज चिकित्सा मिशन के चीफ कोडिनेडर डा. अबरार पंवार अजमेर से एसोसियेट प्रोफेसर डा. रंजना बडजात्या रहे। परम्पराओ के अनुसार अगले वर्ष की बैच मीट के 29वें बैच के छात्रो को मशाल एवं ट्रॉफी सौंपी गई।

कार्यक्रम में 28वें बैच के दिवंगत चार छात्र डा. विनोद शर्मा, डा. देवी सिंह, डा. रमेश अग्रवाल, डा. मुंशीलाल को याद किया गया और सभागार में दो मिनट का मौन रखकर श्रंदांजलि प्रदान की गई। बैच मीट के सभी सदस्यो ने बाद में अतिथियो के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाई। कार्यक्रम का संचालन डा. के सी माथुर, डा. सी एस मोदी एवं डा. बी पी गुप्ता ने की। बाद में सभी सदस्य अपने परिवार के साथ अपनी पुरानी कक्षाओ और हॉस्टल में गए और अपने बेटे बेटियो को अपनी पुरानी बातो के बारे में बताते और कमरे और कक्षाए दिखाते हुए सदस्यो की आंखे भर आई और भावुक हो गए।
शाम को पार्क पैराडाइज होटल में बैच मीट के सदस्यो द्वारा संास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सदस्यो ने आर्केस्ट्रा पर गीत प्रस्तुत किए तो कईयो ने पैरोडिया और कविताओ के माध्यम से लोगो को दिल जीता। बैच मीट के सभी सदस्यो ने डांस किए और जीवन में एक बार होने वाले इस रजत जयंती समारोह का पूरा आनंद लिया। कल कार्यक्रम के अंतिम दिन बैच मीट के सदस्य अपने परिवार के सहित रायसर में कैमल सफारी का आनंद लेंगे।

अष्टवक्र गीता व्याख्यान का पखवाड़ा संपन्न

आर्ट ऑफ लिविंग के  ट्रांसपोर्ट गली स्थित केन्द्र में केन्द्र में १० दिसम्बर से चल रहेअष्टवक्र गीता व्याख्यान का पखवाड़ा गुरुवार को संपन्न हुआ। व्याख्यान ३१ दिसम्बर तक शाम साढ़े पांच बजे से साढ़े आठ बजे तक चलेगा।

गुरुवार को बीकानेर मूल की सूरत प्रवासी श्रीश्री रविशंकरजी की शिष्या सुधा मालू ने मंत्र-भावाभाव विकारस्य स्वाभावदिती निश्चयी, निर्विकारों गत क्लेशों सुखी नेवो पश्याम्पयती यानि मनुष्य में कभी विकृत तो कभी हीन या अन्य भावनाओं का आना सब प्राकृतिक प्रक्रिया है। शरीर तीन गुण सत, रज एवं तमो गुण, तीन दोष वात्, पित व कफ तथा पृथ्वी, अग्रि,जल, वायु व आकाश पांच तत्वों से बना है। इन सब में संतुलन होना जरूरी है। जब इनमें असंतुलन होता है, इसका असर मन व शरीर पर पड़ता है। तब शरीर में रोग व मन में विकृतियां जन्म लेती है। पर इनमें हमेशा परिवर्तन होता रहता है। यह सब शरीर का धर्म है। परन्तु शरीर में व्याप्त आत्मा का स्वरूप कभी नहीं बदलता। इस सत्य का निश्चय पूर्वक जानने वाला सभी निर्विकार स्थति को प्राप्त है। सभी दु:खों  क्लेशों से मुक्त हो जाता हे एवं सुख पूर्वक स्व में विश्राम करता है। अष्टवक्र गीता ऐसा अदïïïभूत ज्ञान है, जो जन्म जन्मान्तर के कर्मों के बंधन को मुक्त कर देता है।
महापौर ने किया रैन बसेरों का अवलोकन
महापौर नारायण चौपड़ा ने बुधवार रात को विभिन्न स्थानों पर नगर निगम के सहयोग से सामाजिक एवं स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से संचालित रैन बसेरों का अवलोकन किया तथा निगम के अधिकारियों को आवश्यक सुविधाएं सुलभ करवाने के निर्देश दिए।
रेलवे स्टेशन पर नगर निगम की ओर से संचालित स्थाई रैन बसेरे में उन्होंने सफेदी करवाने व सर्दी के मौसम को देखते हुए गर्म पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कैंसर अस्पताल के पास में रोटरी मरुधरा व मघा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में चल रहा रैन बसेरा रोगी व उनके साथ आए लोगों से खचाखच भरा था। उन्होंने दोनों संस्थाओं के पदाधिकारियों से रैन बसेरे का विस्तार करने का सुझाव दिया । पी.बी.एम.अस्पताल के जनाना अस्पताल परिसर में मारवाड़ सेवा समिति के सहयोग से संचालित रैन बसेरे में बैठे लोगों से बातचीत की तथा उन्होंने निगम व संस्था के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया।
महापौर शुक्रवार को दोपहर चौखूंटी से सुभाष मार्ग व कुछ वार्डों में गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह को देखते हुए किए जा रहे सफाई कार्यों का निरीक्षण करेंगे।