जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों को आढ़े हाथ लिया है। एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए गहलोत ने केंद्र की मोदी और राज्य की राजे सरकार को घेरते हुए निशाना साधा। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार बदलने के बाद जांच में खुलासा हो जाएगा। लिहाज़ा अधिकारी सतर्क रहें, नहीं तो अधिकारियों को दिक्कत हो सकती है। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक्स्ट्रा संविधान के रूप में काम कर रहा है। उनकी सिफारिश से ही सब कुछ हो रहा है। सरकार शासन करने में नाकाम साबित हो रही है। केंद्र और राज्य के नेताओं के बीच मतभेद सामने आ रहे हैं।
गहलोत ने कहा मुल्क में हालात ऐसे हो गए हैं कि कोई खुली हवाओं में सांस नहीं ले पा रहा है। देश में डर और नफरत का माहौल है, हर वर्ग सरकार से दुखी है। रेप के मामले में रिकॉर्ड बन गया है, सरकार सवेंदनशील नहीं है। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से तुलना करते हुए कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस राज में किसानों ने कभी सुसाइड नहीं किया। उन्होंने कहा दलितों के घर खाना बीजेपी के नेताओं का का ढोंग, ये उनकी मानसिकता का परिचय देता है। 2 अप्रैल का भारत बंद सरकार की सोची समझी साजिश था। बंद के मद्देनजऱ सरकार ने सुरक्षा के कोई माकूल इंतजाम नहीं किए। निजी स्कूलों की फीस पर गहलोत ने कहा कि आरटीई की सही तरीके से अनुपालना नहीं हो रही है। इसमें सरकार को हस्तक्षेप करते हुए जनता को राहत देनी चाहिए जो नहीं हो रहा है।
वसुंधरा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, प्रदेश में बीजेपी आफिस के लिए जमीन आवंटन के नाम पर बहुत बड़ा खेल खेला जा रहा है। नोटबंदी के बाद कई बड़े खेल खेल गए, हर जिले में पार्टी आफिस के लिए ज़मीनें खरीदी गई, ये फासिस्टवादी ऊंचे लोग हैं, ये जनता की परवाह नहीं करते। नोटबंदी के बाद से ही ये खेल खेला जा रहा है। ये इसकी चिंता नहीं करते कि लोग क्या कहेंगे?
…इधर राठौड़ ने दिया ये जवाब
राजस्थान के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड ने भारतीय जनता पार्टी को कार्यालय के लिए भूमि आवंटन करने पर कांग्रेस के एतराज को गलत बताते हुए कहा है कि कांग्रेस को भी आवेदन करने पर कार्यालय के लिए जमीन मिल जाएगी। राठौड ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि भाजपा को पारदर्शिता एवं नियमों के तहत जमीन आवंटित की गई है जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पहली बार पारदर्शिता से नगर पालिका भूमि आवंटन नीती बनाई है जिसके तहत मान्यता प्राप्त दलों को जमीन देने का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को जयपुर में छह हजार वर्ग मीटर, संभागीय मुख्यालयों पर 3 हजार तथा जिला मुख्यालयों पर दो हजार वर्ग गज भूमि आवंटित करने की पारदर्शी नीति बनाई गई है। खान एवं बजरी माफिया पनपने के कांग्रेस के आरोप पर राठौड़ ने कहा कि पिछले कांग्रेस शासन में 130 खानों की नीलामी की गई जिसकी पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। राज्य में पेयजल को लेकर बढ़ते असंतोष का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इंदिरागांधी नहर क्षेत्र में आने वाले 13 जिलों में नहर बंदी के कारण पेयजल का संकट खडा हुआ था। लेकिन तीन दिन पहले नहर में पानी छोडने के बाद अब यह समस्या नहीं है। इसके अलावा पेयजल के लिए 50 लाख रूपये भी दिये गये है ताकि पानी का संकट खडा नहीं हो। कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया।