बीकानेर। सिंथेसिस की स्थापना सन् 2006 में बीकानेर में अध्यापन से जुड़े मनोज बजाज, डॉ. श्वेत गोस्वामी व जेठमल सुथार ने की। उस समय के दौर में बीकानेर में विद्यार्थी प्री-मेडिकल व प्री-इन्जीनियरिंग की तैयारी हेतु अलग अलग विषयों की ट्यूशन किया करता था। बीकानेर में एक व्यवस्थित कोचिंग व्यवस्था का अभाव था।उस दौर में कोटा के कोंचिंग का वर्चस्व होने के कारण यहाँ के विद्यार्थियों का कोटा प्रवास भी अत्यधिक सामान्य हो गया था। इसके लिए उन्हे मोटी फीस व अनेक समस्याओं से जुझना पड़ रहा था। इस प्रकार बीकानेर के विद्यार्थियों को एक सुव्यवस्थित कोचिंग की आवश्यकता थी । जिसे सिंथेसिस ने पूरा किया। सिंथेसिस के सुदृढ मैनेजमेंट, प्रभावशाली टेस्ट सीरिज, अध्ययन सामग्री, मेण्टर्स की प्रभावी अध्यापन शैली एवं विद्यार्थियों से अभिभावकीय, मित्रवत् व्यवहार ने विद्यर्थियों में नई चेतना जगाई। पिछले कुछ वर्षो से विद्यार्थियों का कोटा जाना थम सा गया है। क्योंकि अब बीकानेर में सिंथेसिस के रूप में एक सम्पूर्ण सक्षम संस्थान विद्यार्थियों को मिल गया है।

सिंथेसिस में बीकानेर संभाग व अन्य संभागों के विद्यार्थी वर्तमान में अध्ययनरत है। गत् वर्षो में सिंथेसिस पर प्री-मेडिकल परीक्षाओं हेतु विद्यार्थियों की निर्भरता व आशाओं को मद्देनजर रखते हुए इस सत्र में अर्थात 2016-17 में सिंथेसिस ने अपना सम्पूर्ण ध्यान एम्स, नीट व अन्य प्री-मेडिकल कक्षाओं की ओर केन्द्रित कर लिया है। अब राजस्थान में सिंथेसिस प्रतिष्ठित संस्थान बन गया है जो प्री-मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी करा रहा है। प्री-इंजीनियरिंग की तैयारी हेतु सिंथेसिस ने सिंजेईई नामक संस्था को लॉंच किया। सिंथेसिस ने बीकानेर के षैक्षिक परिदृश्य में ये महसूस करते हुए कि यहाँ के अभिभावकों व विद्यार्थियों को प्री-फाउण्डेशन स्तर पर विभिन्न परीक्षाओं का जैसे एनआईएसई, जूनियर साइंस ऑलम्पियाड व केवीपीवाई का भी ज्ञान नहीं है।

सिंथेसिस ने प्री-फाउण्डेशन कोर्सेज को भी गत 2 वर्षों से आरंभ किया है जिससे 8वीं, 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों में इन परीक्षाओं के प्रति रूझान बढ़े व ये विद्यार्थी आने वाले वर्षो में प्री-मेडिकल व प्री-इन्जीनियरिंग परीक्षाओं के बारे में शुरू से ही अनुकुलित हो सकें।