बीकानेर।राष्ट्रीय कवि चौपाल की 200 वीं कड़ी ब्रह्म गायत्री आश्रम के अधिष्ठाता दाताश्री रामेश्वरानन्द की अध्यक्षता में हुई। इस कड़ी में वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ‘विनोदÓ और शिक्षाविद् जगदीशप्रसाद उज्ज्वल का सम्मान किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में महेशसिंह बडग़ूजर ने राजस्थानी में वन्दना प्रस्तुत करते हुए दोनों सख्शियतों के व्यक्तित्व-कृतित्व को अपने शब्दों में उजागर किया। सरदार अली पडिहार, किशननाथ, अजीतराज, जुगल पुरोहित, वली मोहम्मद गौरी ने रचनाएं प्रस्तुत की।
शिक्षाविद जगदीशप्रसाद उज्ज्वल के सम्मान-पत्र का वाचन कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने और वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ‘विनोदÓ के अभिनन्दन पत्र का वाचन रामेश्वर बाड्मेरा ने किया। सम्मान में माला, अभिनंदन-पत्र, शोल एवं गिफ्ट हेम्पर अर्पित किए गए। सम्मान से अभिभूत होकर वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास ने कहा कि मैं समझता हूं कि मेरा सम्मान भावनात्मक ज्यादा है, सम्मान तो सम्मान ही होता है चाहे वह शब्दों से हो या पुष्पों से हो। मैं तो उसे आत्मीय सम्मान ही मानता हूं।
शिक्षाविद् जगदीशप्रसाद उज्जवल ने कहा कि मेरे अपनों के हाथों से सम्मान ग्रहण करने से मुझे अपार खुशी हो रही है। अध्यक्षता करा रहे रामेश्वरानन्द ने कहा कि ब्रह्माण्ड के अंदर शब्द जीवित रहते हैं ऐसा विज्ञान ने सिद्ध कर दिया है अत: विज्ञान की मदद से भगवान कृष्ण की गीता के श्लोकों को हम आसानी से सुन समझ सकते हैं । समाज को सच्चा मार्गदर्शन साहित्यकार ही देता है अत: साहित्यकारों से मेरी प्रार्थना है कि वे समाज सुधार में अपना योगदान अवश्य देवें। कार्यक्रम में आनन्दकौर व्यास, प्रमिला गंगल, डॉ. बसन्ती हर्ष, सरोज भाटी, मोहनलाल वैष्णव, तुलसीराम मोदी, प्रेमनारायण व्यास, हनुमान कच्छावा, ब्रम्हाराम चौधरी, मईनुदीन कोहरी की साक्षी रही। कार्यक्रम का संचालन हास्य कवि बाबूलाल छंगाणी ने किया। अंत में सभी का आभार नेमचंद गहलोत ने ज्ञापित किया।