शहर में पर्यटन के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन की भी असीम संभावनाऐं मौजूद : नैथानी  

बीकानेर । श्रीरामसर रोड़ स्थित 400 वर्ष पुरानी तपोभूमि आचार्य श्री धरणीधर महादेव मंदिर में दर्शन करने के बाद बोलते हुए पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक भारती नैथानी ने कहा कि बीकानेर शहर में पर्यटन के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन की भी असीम संभावनाऐं मौजूद है। सुश्री नैथानी ने कहा कि शहर के भीतरी क्षेत्र में आमजन के लिए धार्मिक आस्था के इतने बड़े-बडे परिसर विद्यमान होना शहर के लिए गौरव की बात है। धार्मिक पर्यटन के विषय में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वैसे तो बीकानेर की हवेलियां ऊंट अनुसंधान केन्द्र एवं देशनोक स्थित चूहों वाली माता करणी जी के कारण विश्व स्तर के पर्यटन नक्शे में बीकानेर शामिल है। लेकिन आज के परिदृश्य में मुझे लगात कि बीकानेर शहर को धार्मिक पर्यटन के रूप में प्रचार-प्रसार मिले तो यहां प्रतिवर्ष आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। नैथानी ने कहा कि शहर के अन्दर नगर से लक्ष्मीनाथ मन्दिरजी, भाण्डाशाह जैन मन्दिर, धरणीधर महादेव मन्दिर, हर्षोंलाव काशी विश्वनाथ, महानन्द मन्दिर अनेक स्थल है जिन्हें धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है। इससे पूर्व धरणीधर महादेव मंदिर विकास एवं पर्यावरण समिति की ओर से सुश्री नैथानी का सम्मान उप महापौर अशोक आचार्य एवं समिति के सचिव जितन्द्र आचार्य, नरेश आचार्य ने स्मृति चिह्न प्रदान किया गया। इस अवसर पर धरणीधर भक्त मंडल की महिलाओं श्रीती सौदरा देवी, श्रीमती मीनाक्षी, श्रीमती सोनू, पूजा, राखी, आरती आचार्य द्वारा शॉल भेंट किया गया। इससे पूर्व मंदिर आगमन पर सहायक निदेशक पर्यटन नैथानी द्वारा धरणीधर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना कर महादेव का अभिषेक कर मंदिर परिसर एवं खैल मैदान व धरणीधर रंगमच में संचालित विभिन्न गतिविधियों का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर शहर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं समाज सेवी रामकिसन आचार्य सहित उपस्थित समिति पदाधिकारियों द्वारा धरणीधर महादेव मंदिर को राजस्थान के पर्यटन नक्शे में जोड़ने तथा प्रतिवर्ष बीकानेर में आयोजित होने वाले ऊंट उत्सव के कार्यक्रम मंे इसी वर्ष एक कार्यक्रम धरणीधर खेल मैदान में आयोजित करने की मांग की। जिस पर नैथानी ने आगामी जिला प्रशासन की मीटिंग में चर्चा करने की बात कही। इस अवसर पर मधूसुदन आचार्य, सुशील, दुर्गाशंकर, सन्तोष व्यास, फूसाराम, चांदरतन सांखला, जीवराजसिंह भाटी, कर्मचारी नेता कैलाश आचार्य इत्यादि धरणीधर भक्त भण्डल के सदस्य मौजूद थे।