सीकर । मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि जिस प्रकार शरीर को रोगमुक्त करने के लिए कड़वी दवा लेनी जरूरी है वैसे ही साधु-संतों के कड़वे प्रवचनों को आत्मसात् कर हम अपने जीवन में बुराइयों को जड़ से दूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्रांतिकारी राष्ट्रसंत दिगम्बर जैन मुनि तरुणसागर जी अपने कड़वे प्रवचनों के जरिए समाज को नई दिशा देने का महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।
श्रीमती राजे रविवार को सीकर के वर्द्धमान विद्या विहार स्कूल में दिगम्बर जैन मुनि तरुणसागर जी की पुस्तक ‘कड़वे प्रवचन‘ के नौवें भाग का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने 14 भाषाओं में अनुदित और 7 लाख प्रतियों के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज इस पुस्तक को सभी के लिए प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि पुस्तक में जो छोटी-छोटी बातें कहीं गई हैं वे जीवन में बड़ा महत्व रखती हैं।
सास-ससुर की सेवा करने वाली 5 बहुएं सम्मानित
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत-महात्मा समाज को सही दिशा देने का काम करते हैं। उनके उपदेशों का अनुसरण कर हम एक स्वस्थ और सुंदर परिवार, गांव, शहर और देश की रचना कर सकते हैं। श्रीमती राजे ने सीकर में चातुर्मास कर रहे मुनि तरुणसागर जी को श्रीफल भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने चातुर्मास समिति की ओर से ऐसी 5 बहुओं का सम्मान किया जो अपने सास-ससुर की नित्य सेवा करती हैं।
मंच पर नीचे बैठीं मुख्यमंत्री
पुस्तक के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री मंच पर नीचे बैठीं। आयोजकों के आग्रह के बावजूद उन्होंने कुर्सी पर बैठने से इन्कार कर दिया और कार्यक्रम समाप्ति तक मंच पर नीचे ही बैठी रहीं।
वसुन्धरा जैसी विनम्रता सभी नेताओं में नहीं : जैन मुनि तरुणसागर
धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए जैन मुनि तरुणसागर जी ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के बावजूद श्रीमती राजे में जो विनम्रता एवं साधु-संतों के प्रति जो अगाध सम्मान है वैसी विनम्रता सभी नेताओं में नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षक और जनप्रतिनिधि मिलकर देश में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
इस अवसर पर देवस्थान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा, चिकित्सा राज्यमंत्री बंशीधर बाजिया, सांसद सुमेधानंद, जिला प्रमुख अपर्णा रोलन, विधायक रतन जलधारी एवं गोरधन वर्मा, नगर विकास न्यास अध्यक्ष हरिराम रणवां सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।