– उच्च शिक्षा मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी करेगें उद्घाटन

बीकानेर 5 अक्टुबर। सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग एवं इण्डियन सोयायटी फाॅर रेडियेशन बायोलोजी के संयुक्त तत्वावधान में 12 अक्टुबर को एक अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया जायेगा। प्राचार्य डाॅ. शिशिर शर्मा ने बताया कि इस वेबिनार के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री श्री भंवर सिंह भाटी होगें। उन्होनें कहा कि वेबिनार में ं कोविड-19 का विकिरणों द्वारा उपचार विषय पर देश विदेश के ख्यातनाम वैज्ञानिक अपना व्याख्यान देगें। डाॅ. शर्मा ने बताया कि वेबिनार में रंक्षा अनुसंधान संस्थान हल्दवानी की निदेशक डाॅ. मधु बाला, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के डाॅ. डी.एन.शर्मा, सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर के डाॅ. अरूण चोगले तथा अमेरिका के फ्लोरिडा के डाॅ. सुनील कृष्णनन सहित देश के जाने माने रक्षा वैज्ञानिक विकिरणों से कोरोना का बचाव विषय पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करेगेें।

वेबिनार के संयोजक डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि वर्तमान कोरोना काल में विकिरण वैज्ञानिक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। डाॅ. पुरोहित ने कहा कि इस प्रकार के वेबिनार से विकिरणों से कोरोना के उपचार संबंधी महत्वूपर्ण जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। उन्होनें कहा वेबिनार के ब्रोशर का लोकार्पण सोमवार को प्राचार्य कक्ष में प्राचार्य डाॅ. शिशिर शर्मा, सहायक निदेशक डाॅ. राकेश हर्ष, आयोजन सचिव डाॅ. अरूणा चक्रवर्ती,ं प्रशासनिक मण्डल के सदस्यों तथा आयोजन समिति के सदस्यों की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में तीसरी एवं दसवीं बटालिया आरएसी के कमाण्डेन्ट आई.पी.सी. श्री देवेन्द्र विश्नोई ने महाविद्यालय परिवार को वेबिनार के सफल आयोजन की शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

वेबिनार की अध्यक्षा डाॅ. मीरा श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व में 12 से 14 अक्टुबर को विकिरण जैविकी पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन किया जाना प्रस्तावित था जिसकी समस्त तैयारियां भी सम्पन्न कर ली गयी थी लेकिन कोरोना काल के मद्देनजर उक्त सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया था। डाॅ. श्रीवास्तव ने कहा कि इस प्रकार के वेबिनार से संकाय सदस्यों एवं शोधार्थियों को विकिरणों से कोराना संबंधी जानकारी हेतु विश्व वैज्ञानिकों से रूबरू होने में मदद मिलेगी।

आयोजन सचिव डाॅ. अरूणा चक्रवर्ती ने बताया कि इस वेबिनार में 500 से भी अधिक वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों की सहभागिता सम्भावित है। डाॅ. चक्रवर्ती ने आयोजन समिति के समस्त सदस्यों से इस आयोजन को सफल बनाने हेतु हर सम्भव सहयोग की अपील की।