वाशिंगटन : भारतीय संविधान सभा के अध्यक्ष, महान शिक्षाविद, बीआर आंबेडकर की 19 फुट ऊंची प्रतिमा, जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी’ नाम दिया है, इस मूर्ति का अनावरण कल अमेरिकी राज्य मैरीलैंड में किया गया हैं। बाबा आंबेडकर के जीवन और विरासत के प्रति यह सम्मान के रुप में व्हाइट हाउस से सिर्फ 21 मील दूर एकोकेक शहर में 13 एकड़ भूमि पर निर्मित की गई हैं।
भव्यता और गरिमा से परिपूर्ण यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे शुरू हुआ, जिसके बाद कई प्रेरक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं।
इस प्रतिमा के अनावरण के समय हल्की बूंदाबांदी हो रही थी, इसके बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं थी। पूरे अमेरिका और भारत से भी कुछ लोग प्रतिमा के अनावरण के समय मेरीलैंड में मौजूद रहे। कई तो करीब 10 घंटे का सफर करके वहां पहुंचे थे। इस ऐतिहासिक मौके पर करीब 500 भारतीय या भारतीय मूल के लोग मौजूद रहे।
अमेरिका में स्थापित की गई डॉ. आंबेडकर की इस प्रतिमा का अनावरण मशहूर मूर्तिकार राम सुतार ने किया। राम सुतार ने ही गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे स्थित “सरदार पटेल” की प्रतिमा का भी निर्माण किया है , इससे पहले वो “महात्मा गाँधी” की मूर्ती भी बना चुके हैं।
बता दें कि राम सुतार ने पिछले साठ वर्षों में 90 से अधिक स्मारकीय मूर्तियां बनाई हैं, जिन्हें भारत, अमेरिका, फ्रांस, अर्जेंटीना, इटली, रूस और मलेशिया में रखा गया है।

आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के अध्यक्ष राम कुमार ने कहा कि इसे स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का नाम दिया गया है क्योंकि ना सिर्फ भारत में बल्कि हर जगह असमानता अलग अलग रूप में मौजूद है।

आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (एआईसी) के अनुसार, यह “भारत के बाहर अंबेडकर की सबसे बड़ी प्रतिमा” है, और अमेरिका में संगठन की पहली आंबेडकर मेमोरियल परियोजना का हिस्सा है।
उल्लेखनीय हैं कि मैरीलैंड के एकोकीक शहर में 13 एकड़ भूमि पर बनाए जा रहे ‘आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र’ (एआईसी) में बी.आर. आंबेडकर की इस प्रतिमा का स्थापत्य रूप इसी वर्ष 14 अप्रैल को हैदराबाद में अनावरण की गई दुनिया की सबसे बड़ी 125 फीट की आंबेडकर प्रतिमा की प्रतिकृति है।
बता दें कि तेलंगाना के नए सचिवालय परिसर के उद्घाटन पर सीएम ने आंबेडकर की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था। इससे पहले केसीआर ने कहा था कि “बाबा साहेब आंबेडकर से हमें समाज के लिए काफी कुछ सीखने की प्रेरणा मिलती है।”
अमेरिका में अंबेडकरवादी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले न्यूयॉर्क के दिलीप म्हास्के ने कहा, “स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी” 1.4 अरब भारतीयों और 4.5 मिलियन भारतीय अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व करती है।

उन्होंने कहा, “हालांकि यह पूरी तरह से सामुदायिक योगदान के माध्यम से किया गया है, हमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से बधाई संदेश मिले, जिसमें कहा गया था कि ‘आंबेडकरवादी ने संयुक्त राज्य अमेरिका और विश्व स्तर पर एकीकृत भारत की नींव रखी है।”

“यह प्रतिमा न केवल अमेरिका में रहने वाले लाखों भारतीयों को बल्कि काले, हिस्पैनिक और अन्य सहित सभी समुदायों को प्रेरित करेगी।”