जयपुर। केंद्रीय श्रमिक संगठनों के प्रांतीय सम्मेलन में इंटक, एटक, हिंद मजदूर सभा, सीटू, राज. सीटू, एक्टू एवं इनसे सम्बंधित सैकड़ों श्रमिकों ने केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आव्हान पर 23-24 फरवरी 2022 को होने वाली दो दिवसीय राष्ट्र व्यापी हड़ताल की तैयारी के संबंध मे आयोजित सम्मेलन में भाग लिया।

राजस्थान प्रदेश इंटक के जगदीश राज श्रीमाली, एटक के कुणाल रावत, एचएमएस के मुकेश माथुर, सीटू के जे एस मजूमदार, राज.सीटू के रामपाल सैनी, बैंक यूनियन के महेश मिश्रा, बी एम सुंडा, आर सी शर्मा ने सम्मेलन को संबोधित किया। इन्होने कहा कि श्रमिक संगठनों का संघर्ष न केवल श्रमिक एवं आमजन के अधिकार एवं जीवन/ आजीविका को बचाने के लिए है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, लोकतान्त्रिक व्यवस्था और सम्पूर्ण समाज को उस आपदा और विनाश से बचाने के लिए है जो सरकार के समर्थन से घरेलू एवं कारपोरेट जगत द्वारा रचा जा रहा है।

विभिन्न श्रमिक नेताओं ने कहा कि मौद्रिककरण के नाम पर उन राष्ट्रीय संपत्ति एवं सार्वजनिक उद्योगों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी सरकार ने कर ली हैं, जिसमें देश की जनता का पैसा और मेहनत लगी हुई है। केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बीमा संस्थान, रेलवे, बन्दरगाह, हवाई अड्डे, बिजली, स्टील, दूरसंचार, डाक सेवाएँ, कोल, प्राकृतिक गैस आदि को योजनाबद्ध तरीके से बेचने का निर्णय सरकार ने किया है तथा श्रमिकों के संरक्षण के लिए बने श्रम क़ानूनों को 4 कोड बनाकर मालिक सहयोगी बनाया जा रहा है। पुरानी पेंशन योजना को बहाल नहीं करके युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आँगनबाड़ी, आशा, मध्यानह भोजन एवं अन्य स्कीम कामगारों को न्यूनतम वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान नहीं हैं। मनरेगा के आवंटन मे वृद्धि एवं इसको शहरों मे विस्तार किया जाना चाहिए।

श्रमिक नेताओं ने सार्वजनिक क्षेत्र को निजीक्षेत्र में धकेलने का कड़े शब्दों मे विरोध करते हुए मांग की कि राजस्थान में वैज्ञानिक मानदंडों के आधार पर श्रमिकों को न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाएं। राज्य के सभी संविदाकर्मियों को नियमित किया जाएं। राज्य के श्रम विभाग की कार्यप्रणाली को मजबूत किया जाएं तथा तमाम खाली पड़े पदों को भरा जाएं, श्रम आंदोलन में पुलिस प्रशासन के अनावश्यक हस्तक्षेप पर पूर्ण पाबंदी लगाई जाएं। सभी श्रमिक नेताओं ने आव्हान किया कि 23-24 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के लिए जबरदस्त तैयारी की जाएं। इसके लिए जिला, उद्योग स्तर पर संयुक्त सम्मेलन, रैलियाँ, सभाएं आदि की जाएंगी।

अध्यक्ष मण्डल में घासीलाल शर्मा, एम एल यादव, मुकेश चतुर्वेदी, वी एस राना, रमेश चतुर्वेदी थे। संचालन आर के सिंह ने किया। सम्मेलन में रवीन्द्र शुक्ला, जीवन गुर्जर आशिम खान, केशव व्यास भंवर सिंह, विनीत मान, विरदुराम सैनी, हरेन्द्र सिंह सहित सैकड़ों श्रमिकों ने भाग लिया।