–पत्रकारों और प्रबुद्धजनों ने किया मंथन
– ‘मीडिया एक्शन फोरम’ ने आयोजित की परिचर्चा
भीलवाड़ा, । राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के तत्वावधान में शनिवार को भीलवाड़ा में वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार स्व. शिवकुमार त्रिवेदी की स्मृति में “मीडिया का गिरता स्तर, जिम्मेदार कौन” विषयक पत्रकार कार्यशाला रखी गई। फोरम के संस्थापक अध्यक्ष अनिल सक्सेना ने बताया कि पत्रकारों के वैचारिक क्रांति के रजिस्टर्ड मंच राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम द्वारा भीलवाड़ा के टूलिप कॉन्टिनेंटल में आयोजित पत्रकार परिचर्चा में वरिष्ठ पत्रकारों के सानिध्य में पत्रकारों के हित मे मीडिया के वर्तमान परिदृश्य पर व्यापक चर्चा रखी गई जिसमें जाने माने पत्रकार, साहित्यकारों व प्रबुद्धजनों ने सहभागिता निभाई। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण डाड़ ने कहा कि समाचार पत्रों में सम्पादकों का महत्व कम होने तथा अख़बार मालिकों का वर्चस्व बढ़ने से पत्रकारिता के स्तर में निरंतर गिरावट आ रही है,
वही विशुद्ध सम्पादकों के बजाए अख़बार मालिकों की इच्छा अनुसार कार्य करने वाले सम्पादक पत्रकारिता की गिरावट का कारण बन रहे हैं। वरिष्ठ साहित्यकार फ़तहसिंह लोढ़ा ने कहा कि जिस तरह सूर्य कभी अस्त नहीं होता उसी तरह पत्रकारिता में भी कही गिरावट नज़र आएगी तो कहीं पत्रकारिता के स्तर में भी बढ़ोतरी नज़र आयेगी। सच्ची पत्रकारिता की हमेशा ही जीत होती है। उन्होंने कहा कि स्व. डॉ. शिव कुमार त्रिवेदी को भीलवाड़ा की पत्रकारिता का जनक पुरुष रहे है। आज उनके द्वारा स्थापित आदर्श एवं मूल्यों को आत्मसात करने के जरूरत है। डॉ. त्रिवेदी द्वारा प्रकाशित दैनिक लोकजीवन समाचार पत्र की प्रति, जिसकी प्रशंसा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी की थी। उन्होने अख़बार के उस अंक को ग्वालियर के म्यूज़ियम में रखे जाने का उल्लेख किया।
वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र बोरदिया ने कहा कि आज समाज के हर क्षेत्र में गिरावट नज़र आ रही है तो ऐसे में पत्रकारिता का क्षेत्र इससे कैसे अछूता रह सकता है। उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान की पत्रकारिता का उल्लेख करते हुए कहा कि देश की आजादी में पत्रकारिता की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक श्याम सुन्दर जोशी ने कहा कि स्व. डॉ. त्रिवेदी ने भीलवाड़ा में प्रारभ करी पत्रकारिता को मूल्यपरक बनाते हुए पत्रकारिता को राजस्थान ही नहीं अपितु संपूर्ण देश में नवीन मानदंड स्थापित किए थे। वरिष्ठ पत्रकार शैलेंद्र बोरदिया ने कहा कि आज समाज में हर क्षेत्र में गिरावट आई है किन्तु पत्रकारिता के स्तर में गिरावट निश्चित रूप से चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि आज पत्रकार पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर सिर्फ धनलोलुपता की ओर अग्रसर हो रहे है, यह ठीक नहीं है। इससे मीडिया के स्तर में गिरावट आई है। हमे इसके समाधान पर विचार करना होगा। वरिष्ठ पत्रकार निलेश कांठेड़ ने कहा कि मीडिया के गिरते स्तर के लिए मीडिया ख़ुद जिम्मेदार है। पत्रकारों को इस पर आत्ममंथन करना होगा।
राष्ट्रीय कवि योगेंद्र शर्मा ने कहा कि समाज में पत्रकार जगत का व्यवसायीकरण समाज हित में उचित नहीं है इस पर अंकुश जरूरी है। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप रावल ने कहा कि पत्रकार का कार्य व विज्ञापन हेतू मार्केटिंग कार्य ये दोनो अलग अलग विषय है। एक अच्छा पत्रकार अख़बार को व्यवसाय देने हेतु अच्छे व्यवसायिक विज्ञापन दे सकें यह जरूरी नहीं है और ना ही इन्हें इस कार्य के लिए बाध्य करना चाहिए। कैलाश मंडेला ने बताया कि मीडिया का अपना एक उच्च स्तर होता है जो सदैव उत्तरोत्तर बढ़ते रहने वाला होना चाहिए। एक सामान्य पत्रकार में सभी विषयों का अच्छा ज्ञान होना जरुरी है। पत्रकार अपने कार्य को अच्छे ज्ञान, भाषाई स्तर के आधार पर ऊंचा उठाए ये प्रयास हमेशा रहना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रहलाद राय व्यास ने कहा कि मीडिया की ज़िम्मेदारी आमजन के लिए जवाबदेह रही है। समाज व देश की आज़ादी में भारत की मीडिया ने अलग-अलग विचारधारा के बावजूद भी देश की आज़ादी की एकमतता से बात की है। मीडिया को अपनी स्वतंत्रता बनाते हुए अपनी बात रखनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप रावल ने कहा कि आज पत्रकारिता पर आर्थिक तंत्र हावी है। पत्रकारिता के साथ-साथ विज्ञापन संग्रहण कार्य भी करवाए जा रहे है जो कि स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए घातक साबित हो रही है। कवि योगेंद्र शर्मा, रमा पचीसिया व इंद्रा सोनी ने भी अपने विचार रखे।
अंत में वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि कैलाश मंडेला ने पत्रकारों के ज्ञान, भाषाई कौशल व व्यक्तित्व को महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर उन्होंने स्व.पिता मोहन मंडेला की रचना ‘डोलर हिंडा’ रचना भी सुनाई। इस दौरान कार्यक्रम में स्व.शिव कुमार त्रिवेदी के सुपुत्र व वरिष्ठ पत्रकार कैलाश त्रिवेदी का मेवाड़ी पगड़ी तथा शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मीडिया एक्शन फोरम के संस्थापक अनिल सक्सेना ने कहा कि पत्रकारों के वैचारिक क्रांति का रजिस्टर्ड मंच मीडिया एक्शन फोरम राजस्थान के विभिन्न जिलों में मीडिया के गिरते स्तर, जिम्मेदार कौन? विषय पर परिचर्चा आयोजित कर रहा है जिसके तहत पहली कार्यशाला जयपुर में वरिष्ठ पत्रकार स्व. वीर सक्सेना की स्मृति में आयोजित की गई। उक्त आयोजन की सराहना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भी की गई है। फोरम द्वारा पत्रकारों की दूसरी कार्यशाला प्रतापगढ़ जिले में भी वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार स्व.अनुपम परदेसी की स्मृति में की आयोजित की जा चुकी हैं। वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार स्व. शिव कुमार त्रिवेदी की स्मृति में आयोजित पत्रकार कार्यशाला में भीलवाड़ा सहित अन्य जिलों से जाने-माने पत्रकारों, साहित्यकारों व प्रबुद्धजनों ने पत्रकारिता के स्तर के उन्नयन के किए उक्त कार्यशाला में भाग लिया है।
अंत में वरिष्ठ पत्रकार मूलचंद पेसवानी ने आगंतुक महानुभावों का आभार प्रदर्शन किया।
कार्यशाला में मीडिया एक्शन फोरम द्वारा स्व. शिवकुमार त्रिवेदी के सुपुत्र व वरिष्ठ पत्रकार कैलाश त्रिवेदी को सम्मानित किया गया। इसी तरह पीआरओ ऑफिस से सेवानिवृत्त सहायक प्रशासनिक अधिकारी पवनेश शर्मा का भी राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया। पत्रकार कार्यशाला का संचालन गिरीश पालीवाल ने किया। स्वागत उद्बोधन पत्रकार नरेश मेनारिया ने आभार वरिष्ठ पत्रकार मनोज सोनी ने जताया।कार्यशाला में पत्रकार अमित चेचानी छोटू, संदीप माली, हेमन्त सालवी, अशोक लोढ़ा, जगदीश जोशी, ललित ओझा, स्वतन्त्र राजपुरोहित आदि मौजूद थे।